बालाघाट। भारत-चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बीच मध्य प्रदेश के बालाघाट में भारत सरकार के उपक्रम मैग्नीज ऑफ इंडिया लिमिटेड (मॉयल) में कार्यरत चाइनीज कंपनी चाइना कोल सीसी 3 ने 62 भारतीय मजदूरों को काम से निकाल दिया है. जिससे उन पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. पहले ही कोरोना का बहाना बनाते हुए कंपनी ने मजदूरों को काम पर वापस नहीं बुलाया था और अब कंपनी उन मजदूरों को रखने को तैयार नहीं है. जिसके बाद अब बेसहारा मजदूरों ने जिला कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है.
कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन में राहत देने हुए अनलॉक के बाद कंपनी ने काम तो शुरू कर दिया है. लेकिन 62 भारतीय मजदूरों को काम पर वापस नहीं बुलाया गया है. मजदूरों ने बताया कि कंपनी का कहना है कि उनके काम पर लौटने से कोरोना संक्रमण का खतरा हो सकता है. पहले से ही परेशान मजदूरों के सामने अब रोजी-रोटी का संकट आ गया है. श्रमिकों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर उन्हें ज्ञापन दिया और मामले में दखल देने का अनुरोध किया है.
एक साल से कर रहे हैं काम
बता दें, सभी मजदूर बीते एक साल से इस कंपनी के लिए अंडर ग्राउंड शॉफ्ट के निर्माण का काम कर रहे थे. लॉकडाउन में कंपनी का काम बंद हो गया था. वहीं एक सप्ताह पहले कंपनी ने दोबारा काम शुरू कर दिया है लेकिन सारे भारतीय श्रमिकों को नहीं लिया गया है. जानकारी के मुताबिक भारत सरकार के उपक्रम मॉयल लिमिटेड में चाइनीज कंपनी 250 करोड़ की लागत से काम कर रही है.
कामगारों को 5 हजार रूपए की अंतरिम राहत दिलाई है : मॉयल DGM
मॉयल के DGM वीके परिधा ने फोन के जरिेए बातचीत में बताया कि भारत में कोरोना तेजी से फैल रहा है. हमने संबंधित कंपनी को निर्देशित कर श्रमिकों को पांच हजार रूपए प्रति श्रमिक अंतरिम राहत दिलाई है. साथ ही इन श्रमिकों को फिलहाल दूसरी कंपनी में काम दिलाने की कोशिश की जा रही है. चीनी कंपनी में अभी केवल चीनी श्रमिकों के साथ एक शिफ्ट में काम हो रहा है. जल्द ही श्रमिकों को स्थितियां सामान्य होने पर बुलाया जाएगा.
की जाएगी कार्रवाई- कलेक्टर
वहीं इस मामले में बालाघाट कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि मजदूरों से जुड़ा यह मामला मेरी जानकारी में आया है. इन श्रमिकों को संबंधित कंपनी क्यों वापस नहीं ले रही है, इस विषय में मॉयल प्रबंधन से चर्चा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.