बालाघाट। विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा के विधायक रामकिशोर कांवरे ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया साथ ही वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. वहीं अस्पताल में गंदगी और अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए जिम्मेदारों को फटकार लगाई. कोरोना के तहत संभावित लक्ष्णों वाले मरीजों के अलग पंजीयन, जांच और उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बनाए गए फीवर क्लीनिक का विधायक कावरे ने निरिक्षण किया. जहां पर उन्होंने यह देखा कि कोरोना के संभावित लक्षणों वाले मरीजों के लिए किस तरह से अलग पंजीयन, जांच, और उनका इलाज किया जा रहा है. वहीं अस्पताल में इसके लिए अलग कांउटर भी बनाया गया है.
इस दौरान विधायक ने कहा कि फीवर क्लीनिक में पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं, साथ ही इलाज को लेकर अलग टीम गठित की गई है. उन्होंने मौजूद स्टाफ से मिलकर चर्चा की के किस प्रकार से आने वालों का इलाज किया जाएगा, इसकी जानकारी भी उन्होंने ली.
अव्यवस्थाओं पर लगाई फटकार
इस दौरान विधायक कावरे ने परसवाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरिक्षण करते हुए मरीजों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना. वहीं अस्पताल परिसर में व्याप्त गंदगी और अव्यवस्थाओं के आलम को देख नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित जवाबदारों को फोन लगाकर फटकार लगाई. इस दौरान उन्होंने मौजूद स्टाफ को बुलाकर चर्चा करते हुए कहा कि क्लीनिक में किन- किन चीजों की कमी है, उसकी एक सूची बनाकर उन्हें उपलब्ध कराएं. ताकी जरूरी सामान को उपलब्ध कराई जा सके और साथ ही उन्होंने कार्यरत स्टाफ से कहा कि अगर कोई भी समस्या या कोई आवश्यकता हो वे उन्हें अवगत कराएं, ताकी आवश्यक्ताओं को ध्यान में रखकर काम किया जाएगा. लेकिन किसी भी तरह की कोई लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी
नदारत स्टाफ पर कार्ऱवाई की कही बात
विधायक ने कहा की अपनी जिम्मेदारियों से भागने और समय पर काम न करने वाले स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान कुछ कर्मचारी काम से नदारद पाए गए,जिससे साफ जाहिर होता है कि वह अपने काम को सही ढंग से नहीं कर पा रहे है. ऐसे कर्मचारियों के गैरजिम्मेदाराना रवैये के चलते अस्पताल की व्यवस्था खराब हो रही है. ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
आशा दीदीयों ने सुनाई व्यथा
इस दौरान विधायक को अपने बीच पाकर आशा दीदीयों ने भी एक साथ मिलकर अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि विगत कई वर्ष से तकरीबन 15 आशा कार्यकताएं ऐसी हैं, जिन्हें तदर्थ समिति में दिए जाने वाली दस हजार की राशि आज तक नही दी गई है. साथ ही इस वर्ष दस हजार की बजाए छः हजार की राशि प्रदान की गई है. इतना ही नहीं उनके द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं के बदले दिए जाने वाला पारिश्रमिक भी कई महीनों से लंबित रहता है, जिससे उन्हें कार्य करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जिसके बाद विधायक ने उन्हें आश्वस्त कराते हुए कहा कि उच्चाधिकारियों से चर्चा के बाद तुरंत उनकी समस्यओं का निराकरण किया जाएगा.