बालाघाट। 14 जुलाई के वो क्षण, जब इसरो ने चन्द्रयान 3 का सफल प्रक्षेपण किया (ISRO Successfully Launches Chandrayaan-3 ). पूरी दुनिया जिसे देखती रह गई. देश सहित दुनिया में एक बार फिर भारत का डंका बज गया. हालांकि चन्द्रयान 3 के प्रक्षेपण पर देश भर की निगाहें टिकी थी, लेकिन सफल प्रक्षेपण के बाद पूरे देश के लिये एक सुखद एवं खुशी का पल आया, और पूरे देश में प्रसन्नता की लहर दौड़ पड़ी.
बालाघाट जिले की सहभागिता: भारत का अंतरिक्ष में परचम लहराने व अंतरराष्ट्रीय स्तर में इसरो के द्वारा अपना दम दिखाने में चन्द्रयान-3 का प्रक्षेपण मील का पत्थर साबित हुआ है. इस सफल प्रक्षेपण में बालाघाट जिले की भी सहभागिता रही. बालाघाट भी चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण का साक्षी बना. दरअसल बालाघाट जिले के आदिवासी बाहुल्य बिरसा तहसील के ग्राम कैंडा टोला के निवासी वैज्ञानिक महेंद्र कुमार ठाकरे ने भी इस मिशन में प्रोजेक्ट हेड की भूमिका का निर्वहन किया है.
प्रोजेक्ट हेड की भूमिका में जिले के महेंद्र: बालाघाट के महेंद्र कुमार ठाकरे वर्तमान में इसरो में वैज्ञानिक के रूप में त्रिवेंद्रम में कार्यरत हैं. ठाकरे बिरसा तहसील के छोटे से ग्राम केन्डाटोला के निवासी हैं, जिन्होंने अपनी शिक्षा शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिरसा से पूर्ण की है, जिसके बाद वे आईआईटी के लिए दिल्ली चले गए जहां से पास होकर उन्होंने इसरो में वैज्ञानिक बन गये. 14 जुलाई को इसरो के चन्द्रयान 3 के प्रक्षेपण में टीम का हिस्सा बनकर उन्होंने प्रोजेक्ट हेड की भूमिका का निर्वहन किया और अंतरिक्ष में परचम लहराकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की ख्याती बढ़ाने में अपना योगदान दिया.
Also Read: इन खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें |
परिवार में खुशी की लहर: चन्द्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण में जैसे पूरे देश में खुशी व्याप्त है. उसी तरह बिरसा के इस होनहार वैज्ञानिक के इसरो की टीम का हिस्सा होने के कारण जिले में और परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है. इस अवसर पर परिजनों सहित इष्टमित्रों ने बधाइयां देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है.