बालाघाट। देश में महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. बालाघाट जिले के सभी देवालय में महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवजी की विशेष पूजा की गई. इस पावन पर्व पर वनांचल क्षेत्र में दो दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है. यहां अपनी श्रद्धा लेकर आसपास और दूर दराज के अन्य जिलों के लोग भी पहुंचते हैं. महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर श्रद्धालु सांवरझोड़ी के कुंड से पवित्र जल लेकर आते हैं और इसे बाबा भोलेनाथ पर चढ़ाते हैं.
सांवरझोड़ी का कुंड स्थित: पुजारी बाबा बताते हैं कि, यहां पर प्राचीन कुंड स्थित है, जो एक विशाल बरगद के पेड़ के नीचे तकरीबन 20 फीट की गहराई पर है. वहीं इसके अंदर छोर पर अथाह जल भरा हुआ है. इसी कुंड का पवित्र जल लेकर श्रद्धालु भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं और मनवांछित फल प्राप्त करते हैं. यहां के ग्रामीणों में मान्यता है कि, यहां के सांवरझोड़ी का कुंड जिले के ही कोटेश्वर महादेव धाम से संबंध है.
केलाबाड़ी का भक्तों के आकर्षण का केंद्र: इस पवित्र जल से स्नान करने से लोगों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. इस प्राचीन मान्यता को वर्तमान में भी क्षेत्र के दुर्गम पहाड़ियों के बीच स्थित होने पर यहां के जन समुदाय और आदिवासी ग्रामीण परंपरा अनुसार निभाते आ रहे हैं. कुंडेश्वर धाम महादेव मंडी से तकरीबन 1 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ों के नीचे जंगलों के बीच में केलाबाड़ी स्थित है. ये यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है. जो भी भक्त कुंडेश्वर धाम महादेव मंडी आता है वो जरूर केलाबाड़ी भ्रमण के लिए जाता है. यहां पर स्थित एक जलाशय भी है, जहां पर पत्थरों के बीच से एक जलधारा लगातार कई वर्षों से निरंतर बह रही है.