बालाघाट। जिले के बिरसा विकासखंड के नक्सल प्रभावित आदिवासी बाहुल्य गांव दुल्हापुर, मुरूम,बटरंगा और पटेलटोला सहित अन्य गांवों में बहुत से आदिवासियों ने ठान रखा है कि वो टीका नहीं लगवाएंगे. उन्हें बुख़ार, संक्रमण और संभावित मौत से डर लगता है. ऐसे में इस क्षेत्र में आदिवासी आबादी को टीका लगवाने के लिए राजी करना प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गया है.
लोगों को किया जा रहा है जागरुक
जिले के आदिवासी इलाकों में कोरोना वैक्सीन लगाने का काम चल रहा है, इस कार्य में गांव के सरपंच, सचिव, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका और स्वास्थ्य विभाग की मदद कर रहे हैं. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग कोरोना वैक्सीन लगवाने से डर रहे हैं. उन्हें वैक्सीन को लेकर जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है. ऐसे में स्वास्थ विभाग ने अपील जारी करते हुए कहा है कि ग्रामीण डरे नहीं, अफवाह पर ध्यान ना दें और अधिक से अधिक संख्या में टीकाकरण करवाएं.
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आदिवासियों में है डर का माहौल
इन आदिवासियों का मानना है कि टीका लगवाने से, उन्हें बुखार हो जाएगा और वो मर जाएंगे. यहां तक की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव में आते देख उनके भागने की भी जानकारी सामने आई है. ऐसा नहीं है कि इन्हें समझाईश नहीं दी जा रही. क्षेत्र के जागरूक लोगों इन्हें टीका लगवाने के लिए जागरुक कर रहे हैं लेकिन कोई भी आदिवासी टीका लगवाने को राजी नहीं हो रहा है.