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बालाघाटः हत्या के 9 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

बालाघाट जिले के वारासिवनी में 27 सितंबर को 2011 में चार लोगों की हुई हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 9 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. जिसमें एक महिला सहित आठ लोग शामिल हैं.

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Published : Sep 27, 2019, 11:27 PM IST

हत्या के 9 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

बालाघाट। वारासिवनी में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आठ साल पहले हुई चार लोगों की हत्या के मामले आरोपियों को सजा सुनाई है. मामले में एक महिला सहित 9 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. महिला आरोपी को 9 हजार और अन्य आरोपियों को 10-10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है.

हत्या के 9 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

मामले की जानकारी देते हुए अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता अनूप चौबे ने बताया कि मृतक घनाराम ठाकरे, भागवत ठाकरे की पहली पत्नी का पुत्र था. लेकिन भागवत उसे चाहता नहीं था. घनाराम ने जब अपने पिता से संपत्ति में हिस्से की मांग थी. जिस पर गांव की पंचायत ने घनाराम को एक एकड़ जमीन देने बात भागवत से की थी. घनाराम इस फैसले से खुश नहीं था. जिस पर दोनों बाप-बेटों में विवाद छिड़ गया.

इसी विवाद के चलते भागवत के पुत्र किशन, पत्नी केशर बाई ने प्लानिंग करते हुए भागवत को अपने साथ मिलाया और अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर घनाराम के घर पहुंचकर 27 सितंबर को 2011 को घनाराम उसकी पत्नी संजना, साली ममता और साले अरुण की हत्या कर दी थी.

मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने एक महिला सहित 9 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले में शामिल एक अन्य आरोपी मोहनलाल ठाकरे की पूर्व में मौत हो चुकी है.

बालाघाट। वारासिवनी में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आठ साल पहले हुई चार लोगों की हत्या के मामले आरोपियों को सजा सुनाई है. मामले में एक महिला सहित 9 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. महिला आरोपी को 9 हजार और अन्य आरोपियों को 10-10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है.

हत्या के 9 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

मामले की जानकारी देते हुए अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता अनूप चौबे ने बताया कि मृतक घनाराम ठाकरे, भागवत ठाकरे की पहली पत्नी का पुत्र था. लेकिन भागवत उसे चाहता नहीं था. घनाराम ने जब अपने पिता से संपत्ति में हिस्से की मांग थी. जिस पर गांव की पंचायत ने घनाराम को एक एकड़ जमीन देने बात भागवत से की थी. घनाराम इस फैसले से खुश नहीं था. जिस पर दोनों बाप-बेटों में विवाद छिड़ गया.

इसी विवाद के चलते भागवत के पुत्र किशन, पत्नी केशर बाई ने प्लानिंग करते हुए भागवत को अपने साथ मिलाया और अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर घनाराम के घर पहुंचकर 27 सितंबर को 2011 को घनाराम उसकी पत्नी संजना, साली ममता और साले अरुण की हत्या कर दी थी.

मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने एक महिला सहित 9 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले में शामिल एक अन्य आरोपी मोहनलाल ठाकरे की पूर्व में मौत हो चुकी है.

Intro: 4 लोगो की हत्या के आरोपी पिता,पुत्र व माँ सहित 9 आरोपियों को आजीवन कारावास

वारासिवनी ( बालाघाट।) वारासिवनी के प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमलेश सनोडिया की अदालत ने 27 सितंबर को 2011 में हुए 4 लोगो की हत्या के मामले में हत्या में शामिल महिला सहित 9 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।वही महिला आरोपी केसर बाई को 9 हजार व अन्य सभी आरोपियों को 10-10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है।मामले की जानकारी देते हुए अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता अनूप चौबे ने बताया कि मृतक घनाराम ठाकरे भागवत ठाकरे का पुत्र था।भागवत की पहली पत्नी की मौत के बाद भागवत ने केशर बाई से दूसरी शादी की थी।भागवत व केशर बाई का पुत्र किशन हुआ।घनाराम का पिता भागवत उसे नही चाहता था।जिसके चलते घनाराम बाहर ही रहता था।कुछ समय पूर्व घनाराम द्वारा अपने पिता भागवत से संपत्ति में हिस्से की मांग की गई।जिस पर गांव में पंचायत भी हुई जिसके बाद भागवत द्वारा घनाराम को 1 एकड़ जमीन दी गई।लेकिन घनाराम इससे खुश नही था।वह अपने हिस्से की 3 एकड़ जमीन चाहता था।जिसको लेकर घनाराम व भागवत के परिवार में विवाद छिड़ गया।इसी विवाद के चलते भागवत के पुत्र किशन व पत्नी केशर बाई ने प्लानिंग करते हुए भागवत को अपने साथ मिलाया और अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर घनाराम के घर पहुंच घनाराम उसकी पत्नी संजना,साली ममता व साले अरुण की रॉड से हमला कर जघन्य हत्या कर दी।वही साक्ष्य छुपाने की नीयत से घनाराम, उसकी पत्नी व साले-साली चारो के शवो को छिंदलई घाट पर स्थित महकारी नाले में रेत में गढ़ा दिया था।4 लोगो की हत्या से जुड़े इस मामले में लालबर्रा पुलिस द्वारा धारा आरोपियों के खिलाफ 302,201 34 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया था।वही जांच हेतु स्पेशल टीम का गठन कर मामले की बारीकी से जांच कर साक्ष्य जुटाए थे।वही न्यायालय द्वारा लगभग 77 लोगो की गवाह को सुनने के बाद वारासिवनी के प्रथम जिला व सत्र न्यायाधीश कमलेश सनोडिया की अदालत ने सभी 9 आरोपियों भागवत पिता गणनलाल ठाकरे उम्र 60 वर्ष,किशन पिता भागवत ठाकरे 35 वर्ष,केशरबाई पति भागवत ठाकरे उम्र 58 वर्ष,संतोष पिता मणिपाल राहंगडाले उम्र 40 वर्ष,संतोष पिता तिरपत ठाकरे उम्र 28 वर्ष,अजित पिता शिवलाल चौधरी उम्र 28,योगराज पिता महरुलाल उम्र 40 वर्ष,फूलचंद पिता गजन ठाकरे उम्र 50 वर्ष,युवराज पिता सडलु पटले उम्र 50 वर्ष को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।वही केशर बाई को 9 हजार रुपए व अन्य सभी आरोपियों को 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।इस मामले में शामिल एक अन्य आरोपी मोहनलाल ठाकरे की पूर्व में मौत हो चुकी है।Body:बयान-- अनूप चौबे अतिरिक्त लोक अभियोजकConclusion:
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