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बालाघाट में दर्ज हुई 531 मिमी बारिश, नदी नालों में उफान से रुका आवागमन - रसवाड़ा तहसील

बालाघाट में बीते तीन दिनों में भारी बारिश के चलते नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण कई सड़क मार्ग बाधित हो गए. जिले में 531 मिमी बारिश दर्ज की गई है.

जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे लोग
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Published : Aug 8, 2019, 5:31 PM IST

बालाघाट। बालाघाट में पिछले 3 दिनों से हो रही बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं. आसपास के इलाकों का शहर से संपर्क टूट चुका है. बारिश का पानी नदी के पुल पर बह रहा है, जिससे कई जगह पर मार्ग बाधित हो गए हैं, बावजूद इसके लोग जान जोखिम डालकर नदी और नाले पार कर रहे हैं.


बैहर, बिरसा, परसवाड़ा क्षेत्र में तेज बारिश होने के चलते उस क्षेत्र की नदी नालों में बाढ़ की स्थिति बन गई है. धिसर्री, टाडा, हालोन, देव नदी उफान पर होने के कारण पानी पुलिया के ऊपर से बह रहा है. राहगीरों को आवागमन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, यहां तक देखा जा रहा है कि नदी में पानी का तेज बहाव होने के बाद भी राहगीर जान जोखिम में डालकर वाहनों के साथ नदी पार कर रहे हैं, ऐसे हालातों में भी प्रसाशन की तरफ से सुरक्षा कोई इंतजाम नहीं किए गए.

जान जोखिम में डालकर पुलिया पार कर रहे ग्रामीण

कहां कितनी बारिश
जिले एक जून से 8 अगस्त तक 531 मिमी औसत वर्षा रिकॉर्ड की गई है, जबकि बीते साल इस अवधि में 596 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई थी. इस बार सबसे अधिक 759 मिमी वर्षा परसवाड़ा तहसील में और सबसे कम 199 मिमी वर्षा खैरलांजी तहसील में हुई है, इस वर्ष जिले में अब तक बीते साल की तुलना में 65 मिमी कम बारिश हुई है.
इस साल बालाघाट में 667 मिमी, वारासिवनी में 690, बैहर में 558, लांजी में 479, कटंगी में 271, किरनापुर में 658, लालबर्रा में 460, बिरसा में 645 और तथा में 465 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है.

ये रहा जिलेभर का हाल

  • ऐसे हालातों मे प्रशासनिक लापरवाही भी देखने मिल रही है, प्रशासन ने नदियों के दोनों ओर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए हैं.
  • टाडा नदी बालाघाट के लांजी और सालटेकरी मार्ग को जोड़ने वाली सड़क के ऊपर से बह रही है.
  • बैहर से गढ़ी परसामऊ जाने वाला मार्ग पर पड़ने वाली हालोन नदी उफान पर है, जिसके चलते सुबह से ही इस मार्ग में आवागमन पूरी तरह से बाधित रहा.
  • हालोन पुल के दोनों तरफ राहगीरों का जमावड़ा रहा और नदी का जलस्तर कम होने का इंतजार करते रहे.
  • देव नदी के जलस्तर बढ़ोतरी के चलते हट्टा के गोदरी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बन गई है. नदी से सटी कई एकड़ फसल पानी के कारण तबाह हो चुकी है.
  • रट्टा नाले के उफान पर है, पानी पुलिया के ऊपर से बह रहा है, भरवेली-रट्टा मार्ग पर आवागमन बंद है.
  • जिले के परसवाड़ा-मंडला रोड पर गांव भादुकोटा के पास स्थित नाले पर बाढ़ आ जाने से आवागमन बाधित हो गया, यहां भी लोग खतरे के बीच नाला पार करते नजर आए.
  • लामता बालाघाट के बीच स्थित जनमखार में नाले के उफान पर होने के चलते आवागमन पूरी तरह से अवरुद्ध रहा.

बालाघाट। बालाघाट में पिछले 3 दिनों से हो रही बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं. आसपास के इलाकों का शहर से संपर्क टूट चुका है. बारिश का पानी नदी के पुल पर बह रहा है, जिससे कई जगह पर मार्ग बाधित हो गए हैं, बावजूद इसके लोग जान जोखिम डालकर नदी और नाले पार कर रहे हैं.


बैहर, बिरसा, परसवाड़ा क्षेत्र में तेज बारिश होने के चलते उस क्षेत्र की नदी नालों में बाढ़ की स्थिति बन गई है. धिसर्री, टाडा, हालोन, देव नदी उफान पर होने के कारण पानी पुलिया के ऊपर से बह रहा है. राहगीरों को आवागमन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, यहां तक देखा जा रहा है कि नदी में पानी का तेज बहाव होने के बाद भी राहगीर जान जोखिम में डालकर वाहनों के साथ नदी पार कर रहे हैं, ऐसे हालातों में भी प्रसाशन की तरफ से सुरक्षा कोई इंतजाम नहीं किए गए.

जान जोखिम में डालकर पुलिया पार कर रहे ग्रामीण

कहां कितनी बारिश
जिले एक जून से 8 अगस्त तक 531 मिमी औसत वर्षा रिकॉर्ड की गई है, जबकि बीते साल इस अवधि में 596 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई थी. इस बार सबसे अधिक 759 मिमी वर्षा परसवाड़ा तहसील में और सबसे कम 199 मिमी वर्षा खैरलांजी तहसील में हुई है, इस वर्ष जिले में अब तक बीते साल की तुलना में 65 मिमी कम बारिश हुई है.
इस साल बालाघाट में 667 मिमी, वारासिवनी में 690, बैहर में 558, लांजी में 479, कटंगी में 271, किरनापुर में 658, लालबर्रा में 460, बिरसा में 645 और तथा में 465 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है.

ये रहा जिलेभर का हाल

  • ऐसे हालातों मे प्रशासनिक लापरवाही भी देखने मिल रही है, प्रशासन ने नदियों के दोनों ओर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए हैं.
  • टाडा नदी बालाघाट के लांजी और सालटेकरी मार्ग को जोड़ने वाली सड़क के ऊपर से बह रही है.
  • बैहर से गढ़ी परसामऊ जाने वाला मार्ग पर पड़ने वाली हालोन नदी उफान पर है, जिसके चलते सुबह से ही इस मार्ग में आवागमन पूरी तरह से बाधित रहा.
  • हालोन पुल के दोनों तरफ राहगीरों का जमावड़ा रहा और नदी का जलस्तर कम होने का इंतजार करते रहे.
  • देव नदी के जलस्तर बढ़ोतरी के चलते हट्टा के गोदरी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बन गई है. नदी से सटी कई एकड़ फसल पानी के कारण तबाह हो चुकी है.
  • रट्टा नाले के उफान पर है, पानी पुलिया के ऊपर से बह रहा है, भरवेली-रट्टा मार्ग पर आवागमन बंद है.
  • जिले के परसवाड़ा-मंडला रोड पर गांव भादुकोटा के पास स्थित नाले पर बाढ़ आ जाने से आवागमन बाधित हो गया, यहां भी लोग खतरे के बीच नाला पार करते नजर आए.
  • लामता बालाघाट के बीच स्थित जनमखार में नाले के उफान पर होने के चलते आवागमन पूरी तरह से अवरुद्ध रहा.
Intro:बारिश के चलते टाडा व हालोन नदी उफान पर, पुल पुलियो को उपर से बह रहा नदी का पानी, जान जोखिम में डालकर पुलिया पार कर रहे ग्रामीणं ,परसवाङा से मंडला,बैहर से गढी,बालाघाटसे लामता मार्ग बंद ,टाडा,धिसर्री, देव और हालोन नदी उफान पर

बालाघाट- बालाघाट में पिछले 3 दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण नदी नाले उफान पर है.... बैहर बिरसा परसवाङा क्षेत्र में तेज बारिश होने के चलते उस क्षेत्र की नदी नालों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है । क्षेत्र में हो रही बारिस के कारण धिसर्री नदी टाडा नदी और हालोन नदी,देव नदी उफान पर होने के कारण चारो ही नदियों का पानी नदी के उपर बने पुलिया के उपर से तेज बहाव के साथ बह रही है.... नदियां उफान पर होने के चलते राहगीरों को आवागमन करने में काफी परेशानी का सामना करना पङ रहा है....यहां तक देखा जा रहा है कि नदी में पानी का तेज बहाव होने के बाद भी राहगीर जान जोखिम में डालकर नदी को पार अपने वाहनो के साथ पार कर रहै है...जिससे कभी भी बङा हादसा हो सकता है.....वही इस पुरे मामले में प्रशासनिक लापरवाही भी देखने मिला जब राहगीर जान जोखिम में डालकर नदी को वाहनो सहित पार कर रहै है लेकिन प्रशासन द्वारा इस नदी के दोनो ओर किसी भी प्रकार के सुरक्षा के इंतजामात नहीं किये है..ना ही वहां पर कोई सुरक्षा गार्ड या पुलिस कर्मी को सुरक्षा के लिये लगाया गया है।
Body:टाडा नदी बालाघाट के लांजी और सालटेकरी मार्ग को जोड़ने वाले सड़क को क्रॉस करती हुई बहती है। जिसके चलते नदी के लेवल में एक छोटा रपटा बना हुआ है । इस रपटा पर पानी होने के बावजूद ग्रामीण जान जोखिम में डालकर उसे पार करने से अपने आप को नहीं रोक पा रहे हैं। आप देख सकते हैं कि किस तरह से ग्रामीण पैदल व चार पहिया वाहन को पानी के बीच से पार कर रहे हैं। वही मोटरसाइकिल को लकड़ी के सहारे कंधे पर उठाकर पार करवाया जा रहा है। हालांकि यह उस क्षेत्र के लोगों की मजबूरी है कि अन्य मार्ग नहीं होने से वे वहीं से आवागमन करने बाध्य हैं।
बैहर से गढ़ी परसामऊ जाने वाला मार्ग पर पड़ने वाली हालोन नदी उफान पर होने के कारण आज सुबह से ही इस मार्ग में आवागमन पुरी तरह से बाधित रहा गढ़ी क्षेत्र में लगातार बरसात होने के कारण पुल के ऊपर से पानी का तेज बहाव होने के कारण इस मार्ग पर सफर करने वाले राहगीरों को पुल के पास रूकना पड़ रहा है हालोन पुल के दोनो तरफ राहगीरो का जमावड़ा मौजूद है हालोन पुल से पानी का बहाव कम होने के इंतजार में राहगीरो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
देव नदी उफान पर होने के कारण हट्टा के गोदरी क्षेत्र में बाढ की स्थिति निर्मित हो गयी है..जहां पर नदी के किनारे लगे कई एकङ फसल पानी के कारण तबाह हो चुके है...वहीं रट्टा मार्ग पर रट्टा नाले उफान पर होने के कारण नाले के उपर बने पुलिया के उपर से पानी बह रहा है.....जिसके कारण भरवेली -रट्टा मार्ग पर आवागमन बंद है।हालोन नदी के उफान पर आने के कारण चकरवाही क्षेत्र में बाढ की स्थिति निर्मित हो चुकी है....
लगातार हो रही बारिश के चलते जिले के परसवाड़ा से मंडला मार्ग मे ग्राम भादुकोटा के निकट स्थित नाले पर बाढ़ आ जाने से आवागमन करने वाले राहगीरो को जान जोखिम मे डाल कर पुल को पार करना पड़ा रहा है ! राहगीरों द्वारा अपने दुपहिया वाहनों को इस मार्ग से आवागमन मे भारी दिक्कत हुई वही कुछ राहगीर जान जोखिम मे डालकर पैदल पुल को पार करते नजर आये !दिनभर लगातार बारिश के चलते लामता बालाघाट के बीच स्थित जनमखार पर नाले के उफान पर होने के चलते आवागमन पुरी तरीके से अवरूद्ध रहा ! वही राहगीर घंटो पानी कम होने का रास्ता देखते रहे ! नाले के दोनो ओर राहगीरों का जमघट देखा गया !

गौरतलब है कि परसवाड़ा क्षेत्र का यह पुल थोड़ी बारिश होने पर ही इसमे उफान आने लगता हैं , वर्षो से बारिश के दिनों मे यह समस्या क्षेत्र के लोगो के लिए परेशानी का सबब् बने हुये हैं, बावजूद इसके अब तक ना ही शासन द्वारा कोई ठोस कदम उठाये गये ना ही जनप्रतिनिधियो ने...
Conclusion:जनप्रतिनिधियों द्वारा इस पुल के पुनःनिर्माण नही कराये जाने को लेकर आवाज उठाई गई ! प्रतिवर्ष नाले के उफान पर आने से क्षेत्र के लोगो को भारी समस्याओं का सामना करना पङता है, इस संदर्भ मे ध्यानाकर्षण कराये जाने के बावजूद शासन द्वारा उंचे पूल निर्माण नही कराये जाने से क्षेत्र के ग्रामीणों मे आक्रोश है ! ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को लेकर जनप्रतिनिधियों द्वारा जनता से लुभावने वादे तो किए जाते हैं परंतु इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में भी अब तक बिजली, पानी व सड़कें बदहाल स्थिति में ही है जिसको लेकर कोई ठोस कदम ना उठाये जाने के कारण क्षेत्र के लोगों में सरकार के रवैये को लेकर आक्रोश व्याप्त है !

जिले में 531 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड,परसवाड़ा तहसील में सबसे अधिक 759 मि.मी. वर्षा
जिले में चालू वर्षा सत्र के दौरान एक जून से 08 अगस्त 2019 तक 531 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की गई है। जबकि गत वर्ष इसी अवधि में भी 596 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई थी। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1447 मि.मी. है। चालू वर्षा सत्र-2019 में अब तक सबसे अधिक 759 मि.मी. वर्षा परसवाड़ा तहसील में तथा सबसे कम 199 मि.मी. वर्षा खैरलांजी तहसील में हुई है। इस वर्ष जिले में अब तक गत वर्ष की तुलना में 65 मि.मी. वर्षा कम हुई है।
         चालू वर्षा सीजन-2019 में बालाघाट तहसील में 667 मि.मी., वारासिवनी में 690 मि.मी., बैहर में 558 मि.मी., लांजी में 479 मि.मी., कटंगी में 271 मि.मी., किरनापुर में 658 मि.मी., लालबर्रा मे 460 मि.मी., बिरसा में 645 मि.मी. तथा तिरोडी में 465 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है।
बाईट-भैयालाल मर्सकोले ग्रामिण
श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट
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