बालाघाट। भले ही देश और प्रदेश में कोरोना के केस कम हो रहे हो, लेकिन खतरा अभी भी टला नहीं है. क्योंकि जरा सी लापरवाही आपको और आपके परिवार को बर्बाद कर सकती है. ऐसा ही दुखदायी मामला बालाघाट से सामने आया है. जहां 15 दिनों में एक हंसता-खेलता परिवार उजड़ गया. यहां एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत हो गई. इस घर में सिर्फ बच्चे और एक विधवा महिला बची है.
15 दिन में परिवार के 5 लोगों की मौत
बालाघाट के बोनकट्टा गांव में रहने वाले एक परिवार में घर के मुखिया गोविंद राम, उनकी पत्नी सुशीला और परिवार चलाने वाले दोनों बेटे महेंद्र और संतोष के साथ ही संतोष की पत्नी नीलू की 15 दिनों के अंदर कोरोना से मौत हो गई. अब घर में सिर्फ एक भाई की पत्नी ललिता और कुल 5 बच्चे हैं. इस विधवा महिला पर इन बच्चों के भरण पोषण की जिम्मेदारी है. इनकी मांग है कि इस मुश्किल समय में शासन-प्रशासन उनकी मदद करें.
विधवा पर 5 बच्चों की जिम्मेदारी
घर में अकेली बची ललिता का कहना है कि 15 दिनों के अंदर हमारा परिवार टूट गया. मेरे सास, ससुर, पति, देवर और देवरानी की मौत हो गई. मेरे और देवरानी के मिलाकर इन 5 बच्चों की जिम्मेदारी अब मेरी है. ललिता का कहना है कि हमारे पास कुछ भी नहीं है. अब बस सरकार से उम्मीद है कि वो हमारी मदद करेगी. इधर मासूम बच्चों के हाल भी ऐसे ही है. जिस उम्र में सिर पर पिता का हाथ होना चाहिए, उस उम्र में पिता का दाह संस्कार करके आए बेटों और बेटियों की हिम्मत जवाब दे रही है. इस उम्र में जिम्मेदारियों का बोझ आने पर इन छोटे-छोटे बच्चो को परिवार के गुजर-बसर की चिंता सता रही है.
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परिवार को मिलेगी मदद ?
मध्य प्रदेश सरकार ने कोविड संक्रमण से जान गंवाने वालों के परिवार के लिए खास योजना बनाई है, जिसके तहत निराश्रित बच्चों को सरकार 5 हजार रुपए की सहायता राशि देगी लेकिन इन बच्चों के माता-पिता में कोविड की पुष्टि भी नहीं हो पाई. उनका अंतिम संस्कार तो कोरोना संदिग्ध मानकर किया गया. ऐसे में शासन और प्रशासन से एक ही सवाल है कि क्या इस परिवार को सरकारी योजनाओं को लाभ मिलेगा ?