बालाघाट। लॉकडाउन के बाद मध्यप्रदेश से दूसरे राज्यों में मजदूरी करने गए लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे स्थिति में मजदूर वापस अपने घर लौट रहे हैं. कई लोग तो साधन नहीं मिलने के बाद पैदल ही अपने घर की ओर चल पड़े हैं. शुक्रवार को मजदूरों के एक समूह ने जिले की सीमा में प्रवेश किया. हैदराबाद से करीब 1 हजार किलोमीटर पैदल चलकर 20 मजदूर पहुंचे.
मजूदरों के समूह को पैदल चलते देख वारासिवनी के अंतर्गत आने वाले कौलिवाड़ा गांव के संरपच ने उन्हें खाने-पीने की व्यवस्था की और स्थानीय प्रशासन को सूचना दी. सूचना मिलते ही एसडीएम ने मजदूरों को घर तक भेजने की व्यवस्था की. इस दौरान सभी को कोरोना वायरस के बारे में बताया गया और उससे निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और सेनिटाइजर का उपयोग करने की सलाह भी दी.
सभी मजदूर मलाजखंड थाना क्षेत्र के रहने वाले बताए गए हैं. दस दिन गुजारने के बाद जब उनके पैसे खत्म हो गए तो उन्होंने वापस अपने घर की तरफ रुख किया. 4 अप्रैल से चला मजदूरों का ये समूह आज वारासिवनी पहुंच गया. समूह में शामिल 5 महिलाएं और 3 और 5 साल के मासूम बच्चे भी पैदल चलकर आए. मजदूरों को महाराष्ट्र की पुलिस ने राज्य की सीमा तक छोड़ दिया था. जिसके बाद वे पैदल चलक वारासिवनी पहुंचे.