ETV Bharat / state

चंदेरी हस्तशिल्प का यूनेस्को कंसल्टेंट ने किया निरीक्षण, बुनकरों से की मुलाकात - फोक आर्ट एंड क्राफ्ट

चंदेरी हस्तशिल्प को लेकर यूनेस्को अध्ययन करने जा रहा है. इसके लिए यूनेस्को की कंसल्टेंट ने चंदेरी पहुंचकर चंदेरी साड़ी उद्योग का अध्ययन किया.

UNESCO to study chanderi art
चंदेरी के हस्तशिल्प का यूनेस्को कंसल्टेंट ने किया निरीक्षण
author img

By

Published : Dec 14, 2019, 9:46 AM IST

Updated : Dec 14, 2019, 10:43 AM IST

अशोकनगर। मध्य प्रदेश के 4 शहरों को यूनेस्को ने अपने अध्ययन के लिए चुना है. प्रदेश के तीन प्रमुख शहरों के अलावा शिल्प के क्षेत्र में चंदेरी का भी अध्ययन किया जा रहा है, इसे लेकर यूनेस्को की कंसल्टेंट चंदेरी पहुंचीं. उन्होंने चंदेरी साड़ी उद्योग का अध्ययन किया.

चंदेरी के हस्तशिल्प का यूनेस्को कंसल्टेंट ने किया निरीक्षण
चंदेरी की हस्तशिल्प कला को यूनेस्को स्टडी के लिए चुने जाने पर कंसल्टेंट आंचल मेहता चंदेरी पहुंचीं. यहां उन्होंने चंदेरी हस्तशिल्प को लेकर दिनभर बुनकरों से चर्चा की. उन्होंने हस्तशिल्प से जुड़े लोगों से मुलाकात कर चंदेरी हस्तशिल्प के बारे में कई जानकारियां जुटाईं. यूनेस्को के एक्सपर्ट कंसल्टेंट के रूप में काम कर रहे एजेंसी के निशांत उपाध्याय ने बताया कि इस स्टडी का विश्व विरासत से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्वालियर, इंदौर, भोपाल और चंदेरी में फोक आर्ट एंड क्राफ्ट विषय पर भी स्टडी चल रही है. वहीं कंसल्टेंट आंचल मेहता ने चंदेरी में मशीनीकरण नहीं होने पर संतुष्टि जताई. निशांत उपाध्याय ने बताया कि चंदेरी को क्रिएटिव सिटी के रूप में शामिल किया जाता है, तो इसका फायदा शहर के विकास में होगा. चंदेरी के शिल्पकार दूसरे शहरों में पहुंचकर और वहां संपर्क कर अपना कार्यक्षेत्र भी बढ़ा सकते हैं.

अशोकनगर। मध्य प्रदेश के 4 शहरों को यूनेस्को ने अपने अध्ययन के लिए चुना है. प्रदेश के तीन प्रमुख शहरों के अलावा शिल्प के क्षेत्र में चंदेरी का भी अध्ययन किया जा रहा है, इसे लेकर यूनेस्को की कंसल्टेंट चंदेरी पहुंचीं. उन्होंने चंदेरी साड़ी उद्योग का अध्ययन किया.

चंदेरी के हस्तशिल्प का यूनेस्को कंसल्टेंट ने किया निरीक्षण
चंदेरी की हस्तशिल्प कला को यूनेस्को स्टडी के लिए चुने जाने पर कंसल्टेंट आंचल मेहता चंदेरी पहुंचीं. यहां उन्होंने चंदेरी हस्तशिल्प को लेकर दिनभर बुनकरों से चर्चा की. उन्होंने हस्तशिल्प से जुड़े लोगों से मुलाकात कर चंदेरी हस्तशिल्प के बारे में कई जानकारियां जुटाईं. यूनेस्को के एक्सपर्ट कंसल्टेंट के रूप में काम कर रहे एजेंसी के निशांत उपाध्याय ने बताया कि इस स्टडी का विश्व विरासत से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्वालियर, इंदौर, भोपाल और चंदेरी में फोक आर्ट एंड क्राफ्ट विषय पर भी स्टडी चल रही है. वहीं कंसल्टेंट आंचल मेहता ने चंदेरी में मशीनीकरण नहीं होने पर संतुष्टि जताई. निशांत उपाध्याय ने बताया कि चंदेरी को क्रिएटिव सिटी के रूप में शामिल किया जाता है, तो इसका फायदा शहर के विकास में होगा. चंदेरी के शिल्पकार दूसरे शहरों में पहुंचकर और वहां संपर्क कर अपना कार्यक्षेत्र भी बढ़ा सकते हैं.
Intro:अशोकनगर. मध्य प्रदेश के 4 शहरों को यूनेस्को ने अपने अध्ययन के लिए चुना है. प्रदेश के तीन प्रमुख शहरों के अलावा शिल्प के क्षेत्र में चंदेरी का भी अध्ययन किया जा रहा है. जिसे लेकर यूनेस्को की कंसल्टेंट ने चंदेरी पहुंचकर चंदेरी साड़ी उद्योग पर अध्ययन किया. इस दौरान उन्होंने बुनकर पार्क पहुंचकर बुनकरों से चंदेरी साड़ी उद्योग के विषय में बातचीत की.Body:चंदेरी की हस्तशिल्प कला को यूनेस्को स्टडी के लिए चुनने पर कंसलटेंट आंचल मेहता चंदेरी पहुंची, जहां उन्होंने चंदेरी हस्तशिल्प को लेकर दिनभर बुनकरों से चर्चा की. हस्तशिल्प से जुड़े लोगों से मुलाकात कर चंदेरी हस्तशिल्प के बारे में कई जानकारियां जुटाई. यूनेस्को के एक्सपर्ट कंसल्टेंट के रूप में काम कर रहे एजेंसी के निशांत उपाध्याय ने बताया कि इस स्टडी का विश्व विरासत से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्वालियर, इंदौर, भोपाल और चंदेरी में फोक आर्ट एंड क्राफ्ट विषय पर स्टडी चल रही है. इन शहरों के विकास के जिन विषयों पर स्टडी की जा रही है, वह अपने आप में कितना स्थान रखते हैंConclusion:कंसलटेंट सुश्री मेहता ने चंदेरी में मशीनीकरण नहीं होने पर संतुष्टि जताई. निशांत उपाध्याय ने बताया की चंदेरी को क्रिएटिव सिटी के रूप में शामिल किया जाता है.तो इसका फायदा शहर के विकास के रूप में होगा. चंदेरी के शिल्पकार दूसरे शहरों में पहुंचकर वहां संपर्क कर अपना कार्यक्षेत्र भी बढ़ा सकते हैं.
Last Updated : Dec 14, 2019, 10:43 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.