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अशोकनगर का एक ऐसा स्कूल, जहां छात्र खुद सफाई कर दूसरों को दे रहे है संदेश

अथाई खेड़ा गांव के हाई स्कूल में साफ सफाई का कुछ अलग ही माहौल है. यहां बच्चे और शिक्षक प्रतिदिन परिसर में साफ-सफाई करते हैं.

जहां छात्र खुद सफाई कर दूसरों को दे रहे है संदेश
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Published : Nov 21, 2019, 4:31 PM IST

अशोकनगर। आपने बहुस से प्राइवेट स्कूलों में अक्सर साफ-सफाई देखी होगी. लेकिन जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर अथाई खेड़ा गांव में साफ सफाई का कुछ अलग ही माहौल है. स्कूल के बच्चे और शिक्षक स्कूल परिसर में साफ-सफाई करते हैं. छात्र स्कूल परिसर के अलावा माध्यमिक और प्राथमिक स्कूल के परिसर को भी साफ रखने में पूरा सहयोग करते है, ताकि छोटी क्लासों में पढ़ने वाले बच्चे भी स्वच्छता को लेकर जागरूक रहें.

छात्र सफाई कर दूसरों को दे रहे है सफाई का संदेश

अथाई खेड़ा सरकारी हाई स्कूल के छात्र शिक्षा के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान के सपने को भी भली-भांति पूरा कर रहे हैं. बच्चों का कहना है कि स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है इसीलिए मंदिर में या मंदिर के आसपास गंदगी नहीं होना चाहिए. जब हम स्कूल में पढ़ने के लिए आए थे, तो स्कूल के चारों ओर खरपतवार लगी हुई थी. लेकिन हमारे शिक्षक सुनील कुमार जैन की प्रेरणा के बाद हम लोग लगातार परिसर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हैं.

बच्चों के मुताबिक जब वो साफ सफाई के प्रति जागरूक होंगे तभी सभी को साफ सफाई के लिए प्रेरित कर सकते हैं. छोटी क्लासों में पढ़ने वाले बच्चे भी हम लोगों की साफ-सफाई को देखते हैं, और उसमें सहयोग भी करते हैं.धीरे-धीरे गांव के लोग भी अपने घरों के बाहर अक्सर सफाई रखने लगे. इसी तरह से स्कूल, गांव, जिला और प्रदेश को स्वच्छ रखने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है.


अशोकनगर। आपने बहुस से प्राइवेट स्कूलों में अक्सर साफ-सफाई देखी होगी. लेकिन जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर अथाई खेड़ा गांव में साफ सफाई का कुछ अलग ही माहौल है. स्कूल के बच्चे और शिक्षक स्कूल परिसर में साफ-सफाई करते हैं. छात्र स्कूल परिसर के अलावा माध्यमिक और प्राथमिक स्कूल के परिसर को भी साफ रखने में पूरा सहयोग करते है, ताकि छोटी क्लासों में पढ़ने वाले बच्चे भी स्वच्छता को लेकर जागरूक रहें.

छात्र सफाई कर दूसरों को दे रहे है सफाई का संदेश

अथाई खेड़ा सरकारी हाई स्कूल के छात्र शिक्षा के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान के सपने को भी भली-भांति पूरा कर रहे हैं. बच्चों का कहना है कि स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है इसीलिए मंदिर में या मंदिर के आसपास गंदगी नहीं होना चाहिए. जब हम स्कूल में पढ़ने के लिए आए थे, तो स्कूल के चारों ओर खरपतवार लगी हुई थी. लेकिन हमारे शिक्षक सुनील कुमार जैन की प्रेरणा के बाद हम लोग लगातार परिसर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हैं.

बच्चों के मुताबिक जब वो साफ सफाई के प्रति जागरूक होंगे तभी सभी को साफ सफाई के लिए प्रेरित कर सकते हैं. छोटी क्लासों में पढ़ने वाले बच्चे भी हम लोगों की साफ-सफाई को देखते हैं, और उसमें सहयोग भी करते हैं.धीरे-धीरे गांव के लोग भी अपने घरों के बाहर अक्सर सफाई रखने लगे. इसी तरह से स्कूल, गांव, जिला और प्रदेश को स्वच्छ रखने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है.


Intro:अशोकनगर. कई प्राइवेट विद्यालय में सभी ने अक्सर साफ-सफाई देखी होगी. लेकिन जिले मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर ग्राम अथाई खेड़ा हाई स्कूल मैं साफ सफाई का कुछ अलग ही माहौल है.यहां के बच्चे और शिक्षक प्रतिदिन परिसर में साफ-सफाई करते हैं.एवं अपने परिसर के अलावा माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालय के परिसर को भी साफ रखने में पूरा सहयोग करते है, ताकि छोटी क्लासों में पढ़ने वाले बच्चे भी स्वच्छता को लेकर जागरूक रहें.


Body:अस्थाईखेड़ा का शासकीय हाई स्कूल जिसमें विद्यार्थी शिक्षा अध्ययन के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान के सपने को भी भली-भांति पूरा कर रहे हैं. बच्चों का कहना है कि स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है इसीलिए मंदिर में या मंदिर के आसपास गंदगी नहीं होना चाहिए. जब हम स्कूल में पढ़ने के लिए आए थे, तो स्कूल के चारों ओर खरपतवार लगी हुई थी. लेकिन हमारे शिक्षक सुनील कुमार जैन प्रेरणा के बाद हम लोग लगातार परिसर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हैं.बच्चों का कहना है कि वे अपने स्कूल की तो साफ सफाई तो करते ही हैं साथ ही प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल के परिसर की भी देखरेख करते हैं. जिसमें गाजर घास सहित कई खत्म खरपतवार को साफ करके उन्हें एकत्रित कर नष्ट भी करते हैं. बच्चों का कहना है जब हम साफ सफाई के प्रति जागरूक होंगे तभी सभी को साफ सफाई के लिए प्रेरित कर सकते हैं.छोटी क्लासों में पढ़ने वाले बच्चे भी हम लोगों की साफ-सफाई को देखते हैं, और उसमें सहयोग भी करते हैं.धीरे-धीरे गांव के लोग भी अपने घरों के बाहर अक्सर सफाई रखने लगे. इसी तरह से स्कूल, गांव, जिला और प्रदेश को स्वच्छ रखने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है. बाइट-साक्षी सेन,छात्रा
बाइट-शिवानी साहू,छात्रा
बाइट-सुनील जैन,शिक्षक


Conclusion:
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