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पुजारी ने ढोल धमाकों के साथ किया प्रशासन का विरोध

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Published : Dec 30, 2020, 2:24 PM IST

अशोकनगर में एक पुजारी ने अनोखे तरीके से नाराजगी दर्ज कराई है. श्री राम जानकी मंदिर में 2 साल से पूजा-अर्चना करने वाले पंडित को जब पुजारी घोषित नहीं किया गया तो वह ढोल धमाकों के साथ कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे और अनुष्ठान किया.

Priest's unique opposition
पुजारी का अनोखा विरोध

अशोकनगर। दो साल तक मंदिर में पूजा पाठ करने के बाद भी प्रसाशन ने जब हरिओम शर्मा को पुजारी घोषित नहीं किया, तो उन्होंने ढोल धमाकों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए अनुष्ठान किया.

पुजारी का अनोखा विरोध

ढोल के साथ विरोध

पुजारी हरिओम शर्मा का कहना है कि नगर के लंबरदार मोहल्ला मैं श्री राम जानकी मंदिर जिसे धनुषधारी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, उस मंदिर में 2 साल से पूजा-अर्चना कर रहा हूं. मंदिर का पुजारी घोषित होने के लिए उन्होंने अपने सभी दस्तावेज भी प्रशासन को जमा करा दिए हैं. लेकिन इसके बावजूद भी अब तक उन्हें मंदिर का पुजारी घोषित नहीं किया तो उनका सब्र का बांध टूट गया.
प्रशासन पर आरोप

पुजारी ढोल धमाकों के साथ कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे, जहां कलेक्ट्रेट के बाहर लगे पेड़ के नीचे बैठकर उन्होंने अनुष्ठान शुरू किया. पुजारी हरिओम शर्मा का कहना है कि जब तक प्रशासन उन्हें मंदिर का पुजारी घोषित नहीं करता तब तक वह यहीं बैठकर हर दिन 1 घंटे राम नाम का जाप करेंगे. ताकि प्रशासन को सद्बुद्धि मिल सके. पुजारी हरिओम शर्मा ने प्रशासन पर दबाव होने की बात भी कही है. उनका कहना है कि प्रशासन पर या तो राजनीतिक दबाव है या फिर कुछ लेनदेन होने के कारण उन्हें पुजारी पद पर आसीन नहीं किया जा रहा है.

अशोकनगर। दो साल तक मंदिर में पूजा पाठ करने के बाद भी प्रसाशन ने जब हरिओम शर्मा को पुजारी घोषित नहीं किया, तो उन्होंने ढोल धमाकों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए अनुष्ठान किया.

पुजारी का अनोखा विरोध

ढोल के साथ विरोध

पुजारी हरिओम शर्मा का कहना है कि नगर के लंबरदार मोहल्ला मैं श्री राम जानकी मंदिर जिसे धनुषधारी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, उस मंदिर में 2 साल से पूजा-अर्चना कर रहा हूं. मंदिर का पुजारी घोषित होने के लिए उन्होंने अपने सभी दस्तावेज भी प्रशासन को जमा करा दिए हैं. लेकिन इसके बावजूद भी अब तक उन्हें मंदिर का पुजारी घोषित नहीं किया तो उनका सब्र का बांध टूट गया.
प्रशासन पर आरोप

पुजारी ढोल धमाकों के साथ कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे, जहां कलेक्ट्रेट के बाहर लगे पेड़ के नीचे बैठकर उन्होंने अनुष्ठान शुरू किया. पुजारी हरिओम शर्मा का कहना है कि जब तक प्रशासन उन्हें मंदिर का पुजारी घोषित नहीं करता तब तक वह यहीं बैठकर हर दिन 1 घंटे राम नाम का जाप करेंगे. ताकि प्रशासन को सद्बुद्धि मिल सके. पुजारी हरिओम शर्मा ने प्रशासन पर दबाव होने की बात भी कही है. उनका कहना है कि प्रशासन पर या तो राजनीतिक दबाव है या फिर कुछ लेनदेन होने के कारण उन्हें पुजारी पद पर आसीन नहीं किया जा रहा है.

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