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अतिक्रमणकारियों के चलते अंतिम संस्कार के लिए नहीं मुक्तिधाम में जगह, परिजन होते रहे परेशान

अशोकनगर में अतिक्रमणकारियों ने सार्वजनिक निस्तार की भूमि पर कब्जा कर लिया है, जिसकी वजह से गांव में एक मृत बुजुर्ग का अंतिम संस्कार करने की जगह उसके परिवार वालों को नहीं मिली.

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अतिक्रमणकारियों की वजह से अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम में नहीं जगह
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Published : Dec 31, 2019, 1:29 PM IST

Updated : Dec 31, 2019, 6:32 PM IST

अशोकनगर। शहरी स्तर पर अतिक्रमण हटाकर शासन प्रशासन भले ही अपनी पीठ ठोक रहा हो, लेकिन ग्रामीण स्तर पर हालात बेहद खराब हैं. कई गांवों में अतिक्रमणकारियों ने सार्वजनिक निस्तार की भूमि को भी नहीं बख्शा है, जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मुक्तिधाम में अतिक्रमण


बड़ौरा गांव में एक दिवंगत के अंतिम संस्कार को जगह ही नहीं मिली. इसके बाद मृतक के परिजन लकड़ी कंडे लेकर मुख्य सड़क पर अंतिम संस्कार करने के लिए पहुंच गए. मामले की सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली तो राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और शासकीय जमीन से अतिक्रमण हटाकर दिवंगत का अंतिम संस्कार कराया गया. इस दौरान दो घंटे से भी ज्यादा समय तक अर्थी प्रशासन के पीछे चलती रही.


मृतक के परिजनों का समाज के लोग पहले ही बहिष्कार कर चुके हैं. दरअसल लगभग एक साल पहले बिसोर गांव में हुए दोहरे हत्याकांड में मृतक का पुत्र बलवीर केवट मुख्य आरोपी है. इस कारण गांव और समाज के लोग वास्ता नहीं रखते. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में मृत होने पर उसके परिजन अपनी निजी जगह में अंतिम संस्कार कर देते हैं, लेकिन इनके पास कोई जमीन नहीं थी. जबकि समाज वालों ने हत्यारे का पिता मानकर अपनी जगह में अंतिम संस्कार नहीं करने दिया.

अशोकनगर। शहरी स्तर पर अतिक्रमण हटाकर शासन प्रशासन भले ही अपनी पीठ ठोक रहा हो, लेकिन ग्रामीण स्तर पर हालात बेहद खराब हैं. कई गांवों में अतिक्रमणकारियों ने सार्वजनिक निस्तार की भूमि को भी नहीं बख्शा है, जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मुक्तिधाम में अतिक्रमण


बड़ौरा गांव में एक दिवंगत के अंतिम संस्कार को जगह ही नहीं मिली. इसके बाद मृतक के परिजन लकड़ी कंडे लेकर मुख्य सड़क पर अंतिम संस्कार करने के लिए पहुंच गए. मामले की सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली तो राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और शासकीय जमीन से अतिक्रमण हटाकर दिवंगत का अंतिम संस्कार कराया गया. इस दौरान दो घंटे से भी ज्यादा समय तक अर्थी प्रशासन के पीछे चलती रही.


मृतक के परिजनों का समाज के लोग पहले ही बहिष्कार कर चुके हैं. दरअसल लगभग एक साल पहले बिसोर गांव में हुए दोहरे हत्याकांड में मृतक का पुत्र बलवीर केवट मुख्य आरोपी है. इस कारण गांव और समाज के लोग वास्ता नहीं रखते. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में मृत होने पर उसके परिजन अपनी निजी जगह में अंतिम संस्कार कर देते हैं, लेकिन इनके पास कोई जमीन नहीं थी. जबकि समाज वालों ने हत्यारे का पिता मानकर अपनी जगह में अंतिम संस्कार नहीं करने दिया.

Intro:
अशोकनगर- शहरी स्तर पर अतिक्रमण हटाकर शासन प्रशासन भले ही अपनी पीठ ठोक रहा हो.लेकिन ग्रामीण स्तर पर हालात बेहद खराब हैं. कई गांवों में अतिक्रमणकारियों ने सार्वजनिक निस्तार की भूमि को भी नही बख्सा इस कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
Body:ऐसा ही नजारा ब्लॉक के बड़ौरा गांव में देखने को मिला जब एक दिवंगत के अंतिम संस्कार को जगह ही नही मिली. इसके बाद मृतक के परिजन लकड़ी कंडे लेकर मुख्य सड़क पर अंतिम संस्कार करने के लिए पहुच गए. मामले की सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली तो राजस्व ओर पुलिस विभाग के अधिकारी मौके पर पहुचे ओर शासकीय जमीन से अतिक्रमण हटाकर दिवंगत का अंतिम संस्कार कराया गया. इस दौरान दो घंटे से भी ज्यादा से ज्यादा समय तक अर्थी प्रशासन के पीछे चलती रही.
-बड़ौरा निवासी 60 वर्षीय भरोसा का तड़के चार बजे निधन हो गया था. सुबह जरूरी तैयारियों के बाद मृतक के परिजन अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम लेकर पहुचे लेकिन वहां का रास्ता ही बंद मिला. इसके बाद परिजनों ने सारसखेड़ी - नईसराय सड़क पर लकड़ी कंडे डालकर चिता सजाने की तैयारी कर दी.मामले की सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली तो ईसागढ़ थाने से बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुँच गया और मुख्य सड़क पर दिवंगत का अंतिम संस्कार रुकवा दिया. कुछ देर बाद नईसराय नायब तहसीलदार मयंक खेमरिया , आरआई सुरेंद्र यादव भी मौके पर पहुँच गए. उन्होंने गांव का नक्सा देखकर मुक्तिधाम की जगह चिन्हित की. यही नहीं प्रशासनिक अमले ने मौके पर की गई तार फेंसिंग को हटवाकर दिवंगत का अंतिम संस्कार कराया. इस दौरान परिजन अर्थी लेकर अधिकारियों के पीछे घूमते रहे.
बाइट 1-धर्मेंद्र ग्रामीण
- मृतक के परिजनों का समाज के लोग पहले ही बहिष्कार कर चुके हैं. दरअसल लगभग एक साल पहले बिसोर गांव में हुए दोहरे हत्याकांड में मृतक का पुत्र बलवीर केवट मुख्य आरोपी है. इस कारण गांव और समाज के लोग ज्यादा वास्ता नहीं रखते. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में मृत होने पर उसके परिजन अपनी निजी जगह में अंतिम संस्कार कर देते हैं. लेकिन भरोषा के पास कोई जमीन नही थी.जबकि समाज वालों ने हत्यारे का पिता मानकर अपनी जगह में अंतिम संस्कार नही करने दिया.

Conclusion:इस पुरे मामले की खबर जब पुलिस और प्रशासन को लगी तो आनन फानन में पुलिस ओर प्रशासन का अमला गांव में पहुच गया, ओर तुरंत मुक्ति धाम की जमीन पर से अबैध कब्जे को हटाया गया.
बाइट 2-शिवकुमार मृतक का बेटा
बाइट-ग्रामीण
बाइट 3-मंयक खेमरिया, नायव तहसीलदार
Last Updated : Dec 31, 2019, 6:32 PM IST
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