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'पतंग उड़ाओ प्रतियोगिता' का आयोजन, 300 से ज्यादा आदिवासी बच्चे हुए शामिल

पिछले साल की तरह इस साल भी महिला एवं बाल विकास विभाग ने आदिवासी बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अशोकनगर में पतंग उड़ाओ प्रतियोगिता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया.

Kite flying competition organized for tribal children
आदिवासी बच्चों के लिए किया गया पतंग उड़ाओ प्रतियोगिता का आयोजन
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Published : Jan 15, 2020, 10:04 AM IST

Updated : Jan 15, 2020, 10:30 AM IST

अशोकनगर। आदिवासी बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शहर के शासकीय नेहरू डिग्री कॉलेज परिसर में उड़ान कार्यक्रम के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग ने पतंग उड़ाओ प्रतियोगिता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया. आयोजन में लगभग 300 आदिवासी बच्चों को शामिल किया गया.

आदिवासी बच्चों के लिए किया गया पतंग उड़ाओ प्रतियोगिता का आयोजन
बच्चों ने उठाया स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फकार्यक्रम के शुभारंभ में विधायक जजपाल सिंह जज्जी ने कहा कि बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाना ही उड़ान कार्यक्रम की सार्थकता है. हमारा प्रमुख लक्ष्य बच्चों के जीवन को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाना है. इस कारण मुख्यधारा से आदिवासी बच्चों को जोड़ने के लिए लगभग 300 आदिवासी बच्चे शामिल किए गए हैं. इन आदिवासी बच्चों ने कलेक्टर मंजू शर्मा, विधायक जजपाल सिंह सहित अन्य अधिकारियों के साथ पतंग उड़ाई. बच्चों के परेड का आयोजन भी किया गया. बच्चों ने मकर संक्रांति के अवसर पर स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाया.कलेक्टर ने की कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर डॉ मंजू शर्मा ने की. कलेक्टर ने कहा कि हौसलों के पंखों से बेटियां ऊंची उड़ान भर रही हैं. बेटियों को हर क्षेत्र में आगे बढ़कर अपना नाम रोशन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले साल मकर संक्रांति के अवसर पर देश की संस्कृति की परंपरा को कायम रखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से आदिवासी बच्चों के साथ उड़ान कार्यक्रम की शुरुआत जिले से की गई थी. कलेक्टर मंजू वर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम को भारत सरकार ने काफी सराहा था, साथ ही ''बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'' के वार्षिक कैलेंडर में उड़ान कार्यक्रम को जोड़ा गया था, यह हमारे लिए बड़े गौरव की बात है.बता दें कि पतंग महोत्सव कार्यक्रम में महाकाल ग्रुप राजस्थान ने पारंपरिक वेशभूषा में राजस्थानी लोक नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियां दीं. इस दौरान निजी स्कूल के बच्चों ने भी एरोबिक्स डांस की प्रस्तुति दी.

अशोकनगर। आदिवासी बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शहर के शासकीय नेहरू डिग्री कॉलेज परिसर में उड़ान कार्यक्रम के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग ने पतंग उड़ाओ प्रतियोगिता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया. आयोजन में लगभग 300 आदिवासी बच्चों को शामिल किया गया.

आदिवासी बच्चों के लिए किया गया पतंग उड़ाओ प्रतियोगिता का आयोजन
बच्चों ने उठाया स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फकार्यक्रम के शुभारंभ में विधायक जजपाल सिंह जज्जी ने कहा कि बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाना ही उड़ान कार्यक्रम की सार्थकता है. हमारा प्रमुख लक्ष्य बच्चों के जीवन को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाना है. इस कारण मुख्यधारा से आदिवासी बच्चों को जोड़ने के लिए लगभग 300 आदिवासी बच्चे शामिल किए गए हैं. इन आदिवासी बच्चों ने कलेक्टर मंजू शर्मा, विधायक जजपाल सिंह सहित अन्य अधिकारियों के साथ पतंग उड़ाई. बच्चों के परेड का आयोजन भी किया गया. बच्चों ने मकर संक्रांति के अवसर पर स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाया.कलेक्टर ने की कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर डॉ मंजू शर्मा ने की. कलेक्टर ने कहा कि हौसलों के पंखों से बेटियां ऊंची उड़ान भर रही हैं. बेटियों को हर क्षेत्र में आगे बढ़कर अपना नाम रोशन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले साल मकर संक्रांति के अवसर पर देश की संस्कृति की परंपरा को कायम रखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से आदिवासी बच्चों के साथ उड़ान कार्यक्रम की शुरुआत जिले से की गई थी. कलेक्टर मंजू वर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम को भारत सरकार ने काफी सराहा था, साथ ही ''बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'' के वार्षिक कैलेंडर में उड़ान कार्यक्रम को जोड़ा गया था, यह हमारे लिए बड़े गौरव की बात है.बता दें कि पतंग महोत्सव कार्यक्रम में महाकाल ग्रुप राजस्थान ने पारंपरिक वेशभूषा में राजस्थानी लोक नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियां दीं. इस दौरान निजी स्कूल के बच्चों ने भी एरोबिक्स डांस की प्रस्तुति दी.
Intro:अशोकनगर. शासकीय नेहरू डिग्री कॉलेज परिसर में उड़ान कार्यक्रम के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पतंग उड़ाओ प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया. जिसमें 300 आदिवासी बच्चों को शामिल किया गया. सभी ने मिलकर पतंग उड़ाने का आनंद लिया.


Body:कार्यक्रम के सुभारम्भ में विधायक जजपाल सिंह जज्जी ने कहा कि बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाना ही उड़ान कार्यक्रम की सार्थकता है. हमारा प्रमुख लक्ष्य बच्चों के जीवन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है. इस कारण मुख्यधारा से आदिवासी बच्चों को जोड़ने के लिए लगभग 300 आदिवासी बच्चे शामिल किए गए. इन आदिवासी बच्चो ने कलेक्टर मंजू शर्मा, विधायक जजपाल सिंह सहित अन्य अधिकारियों के साथ पतंग उड़ाई.बच्चो द्वारा परेड का आयोजन भी किया गया. साथ ही सभी बच्चों ने मकर संक्रांति के अवसर पर स्वादिष्ट व्यंजनों का लुफ्त उठाया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर द्वारा की गई. कलेक्टर ने कहा कि हौसलों के पंखों से बेटियां भर रही ऊंची उड़ान. बेटियों द्वारा हर क्षेत्र में आगे बढ़कर अपना नाम रोशन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर देश की संस्कृति की परंपरा को कायम रखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से आदिवासी बच्चों के साथ उड़ान कार्यक्रम की शुरुआत जिले से की गई थी. इस कार्यक्रम को भारत सरकार द्वारा काफी सराहा गया तथा बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ के वार्षिक कैलेंडर में उड़ान कार्यक्रम को जोड़ा गया. यह हमारे लिए बड़े गौरव की बात है.
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दिखी संस्कृति की झलक- पतंग महोत्सव कार्यक्रम में महाकाल ग्रुप राजस्थान ने पारंपरिक बेष भूसा मैं राजस्थानी लोक नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियां दी. इस दौरान निजी स्कूल के बच्चों द्वारा भी एरोबिक्स डांस की प्रस्तुतियां दी गई.
बाइट-डॉ मंजू शर्मा, कलेक्टर अशोकनगर


Conclusion:
Last Updated : Jan 15, 2020, 10:30 AM IST
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