अशोकनगर (एजेंसी, पीटीआई)। गुरुवार को सागर जिले के बीना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विपक्षी गठबंधन पर सनातन धर्म को नष्ट करने का प्रयास का आरोप लगाया. इसी मुद्दे पर शुक्रवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष ने सनातन धर्म को लेकर स्थिति स्पष्ट की. इसके साथ ही कमलनाथ ने धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों को भी जमकर नसीहत दी. बता दें कि तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में सनातन धर्म की तुलना मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से करने के बाद विवाद खड़ा कर दिया. इसी को लेकर बीजेपी सहित हिंदू संगठन विपक्षी गठबंधन पर हमलावर हैं.
टिकट वितरण में स्थानीय इकाई को तवज्जो : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस द्वारा टिकटों के वितरण के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने कहा कि जब तक संगठन की स्थानीय इकाई इसके लिए अपनी मंजूरी नहीं दे देती, तब तक किसी अन्य पार्टी से किसी को भी पार्टी में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. पार्टी के टिकट केवल कांग्रेस की राज्य इकाई और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा किए गए सर्वेक्षणों के आधार पर दिए जाएंगे. जब उनसे मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़कर केंद्रीय मंत्री बनाए जाने से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में पूछा गया तो कहा कि सिंधिया अब भाजपा में हैं. अब भाजपा उनका भविष्य तय करेगी.
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सीएम शिवराज पर निशाना साधा : सीएम शिवराज पर कमलनाथ ने कहा कि झूठी घोषणाएं करने की मशीन बहुत तेज चल रही है. 18 साल बाद उन्हें कर्मचारियों, महिलाओं, युवाओं समेत अन्य लोगों की याद आने लगी. आज एमपी पर 3.30 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. उन्होंने इस कर्ज का क्या किया? यह सवाल पूछा जाना चाहिए. उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य सरकार ने कमीशन के बदले बड़े ठेके दिए हैं. लेकिन क्या इससे आउटसोर्स, संविदा, आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) और यूएसएचए (शहरी स्लम स्वास्थ्य कार्रवाई कार्यक्रम) श्रमिकों को लाभ हुआ है या क्या घोषणा के अनुसार यहां कोई कॉलेज स्थापित किया गया. सीएम चौहान पिछले 18 वर्षों के अपने पापों को धोने के लिए पिछले चार-पांच महीनों में यह सब कर रहे हैं.