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मेडिकल बिल के विरोध में डॉक्टरों का फूटा गुस्सा, अपर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

मेडिकल बिल के विरोध में शासकीय एवं प्राइवेट चिकित्सक कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. डॉक्टर सरकार की ओर से लाए गए विधेयक के विरोध कर रहे हैं.

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Published : Jul 31, 2019, 7:12 PM IST

अपर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

अशोकनगर। मेडिकल बिल के विरोध में सरकारी और प्राइवेट डॉक्टरों ने आज प्रदर्शन किया. रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे डॉक्टरों ने मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया के स्थान पर नए संगठन के गठन के लिए सरकार की ओर से लाए गए विधेयक का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया.

मेडिकल बिल के विरोध में डॉक्टरों का फूटा गुस्सा

आईएमए का कहना है कि बिल से मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा शिक्षा महंगी हो जाएगी.. बिल में इस बात का जिक्र है कि मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन 50 फ़ीसदी से अधिक सीटों को ज्यादा दर पर बेच पाएंगे. बिल में मौजूद धारा 32 के तहत प्रावधान है कि करीब साढे तीन लाख गैर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त लोगों को लाइसेंस मिलेगा. जिससे झोलाछाप डॉक्टरों को बढ़ावा मिलेगा और लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी.

आईएमए ने कहा कि बिल में कम्युनिटी हेल्थ प्रोवाइडर शब्द को सही से परिभाषित नहीं किया गया. इसके अनुसार अब नर्स, फार्मेसिस्ट और पैरामेडिक्स आधुनिक दवाइयों के साथ प्रैक्टिस कर सकेंगे जबकि वे इसके लिए प्रशिक्षित नहीं है. लोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2019 पास किया गया है.

अशोकनगर। मेडिकल बिल के विरोध में सरकारी और प्राइवेट डॉक्टरों ने आज प्रदर्शन किया. रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे डॉक्टरों ने मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया के स्थान पर नए संगठन के गठन के लिए सरकार की ओर से लाए गए विधेयक का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया.

मेडिकल बिल के विरोध में डॉक्टरों का फूटा गुस्सा

आईएमए का कहना है कि बिल से मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा शिक्षा महंगी हो जाएगी.. बिल में इस बात का जिक्र है कि मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन 50 फ़ीसदी से अधिक सीटों को ज्यादा दर पर बेच पाएंगे. बिल में मौजूद धारा 32 के तहत प्रावधान है कि करीब साढे तीन लाख गैर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त लोगों को लाइसेंस मिलेगा. जिससे झोलाछाप डॉक्टरों को बढ़ावा मिलेगा और लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी.

आईएमए ने कहा कि बिल में कम्युनिटी हेल्थ प्रोवाइडर शब्द को सही से परिभाषित नहीं किया गया. इसके अनुसार अब नर्स, फार्मेसिस्ट और पैरामेडिक्स आधुनिक दवाइयों के साथ प्रैक्टिस कर सकेंगे जबकि वे इसके लिए प्रशिक्षित नहीं है. लोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2019 पास किया गया है.

Intro:अशोकनगर। मेडिकल बिल के विरोध में शासकीय एवं प्राइवेट चिकित्सक कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने अपर कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.


Body:इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया के स्थान पर नए संगठन के गठन के लिए सरकार की ओर से लाए गए विधेयक के विरोध में प्रदर्शन किया. बुधवार को जिला अस्पताल एवं प्राइवेट डॉक्टर रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने राष्ट्रपति के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने लोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2019 पास होने का विरोध किया है. आईएमए ने बुधवार को सुबह 6:00 बजे से 24 घंटे तक पूरे देश भर में गैर जरूरी सेवाओं को बाधित रखकर हड़ताल करने का आवाहन किया था. लेकिन जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने हड़ताल ना करते हुए केवल कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपर कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.



Conclusion:आईएमए का कहना है कि इस बिल से मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा शिक्षा महंगी हो जाएगी. इस बिल में कहा गया है कि मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन 50 फ़ीसदी से अधिक सीटों को ज्यादा दर पर बेच पाएंगे.इसके अलावा इस बिल में मौजूद धारा 32 के तहत प्रावधान है, कि करीब साढे तीन लाख गैर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त लोगों को लाइसेंस मिलेगा. यानी नीम हकीम को बढ़ावा मिलेगा.इससे लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी. आईएमए ने कहा कि बिल में कम्युनिटी हेल्थ प्रोवाइडर शब्द को सही से परिभाषित नहीं किया गया. इसके अनुसार अब नर्स, फार्मेसिस्ट और पैरामेडिक्स आधुनिक दवाइयों के साथ प्रैक्टिस कर सकेंगे जबकि वे इसके लिए प्रशिक्षित नहीं है.
बाइट-अभिलाषा जैन,डॉक्टर
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