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बिकाऊ नहीं टिकाऊ चाहिए, कुत्ता नहीं इंसान चाहिए, कांग्रेस का सिंधिया पर तंज

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Published : Oct 31, 2020, 10:22 PM IST

Updated : Oct 31, 2020, 11:03 PM IST

शाडोरा के मंच से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के कुत्ता वाले बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शहरयार खान ने कहा की ''जनता में लहर है बिकाऊ नहीं टिकाऊ चाहिए, कुत्ते नहीं इंसान चाहिए''

Scindia's
सिंधिया

अशोकनगर। शाडोरा के मंच से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के कुत्ता वाले बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शहरयार खान ने कहा की ''जनता में लहर है बिकाऊ नहीं टिकाऊ चाहिए, कुत्ते नहीं इंसान चाहिए''.

कांग्रेस का पलटवार

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे, तब उनका देशभर में सम्मान होता था. लेकिन बीजेपी में शामिल होने के बाद ही शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें विभीषण कहा. इसके बाद उन्होंने मंच से खुद को टाइगर और काला कौआ बताया. वहीं आज अशोकनगर के साडोरा में मंच से उन्होंने खुद को कुत्ता कहा.

कुत्ते नहीं इंसान चाहिए

शहरयार खान ने कहा कि अब अगर वह ऐसा मानते हैं तो यह बात स्वीकारना चाहिए. लेकिन कांग्रेस पार्टी इस तरह की बातों का समर्थन नहीं करती है, अगर उन्होंने ऐसा कहा है तो यह स्वीकारना चाहिए. खान ने कहा की जनता में लहर है की ''बिकाऊ नहीं टिकाऊ चाहिए कुत्ते नहीं, इंसान चाहिए''

सिंधिया ने चुनावी सभा में खुद को कहा कुत्ता

दरअसल, अशोकनगर के शाडोरा में चुनावी सभा को संबोधित करते वक्त सिंधिया ने कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के कुत्ता वाले बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने मंच से कहा कि "सुन लीजिए कमलनाथ जी कि हां मैं कुत्ता हूं, क्योंकि मेरा मालिक ये जनता है, जिसकी मैं सेवा करता हूं, मैं सेवा करता हूं. हां कमलनाथ जी मैं कुत्ता हूं. क्योंकि कुत्ता अपने मालिक और अपने दाता की रक्षा करता है, और जो उसके मालिकों के साथ भ्रष्टाचार करेगा, गलत करेगा उसे कुत्ता काटेगा भी ".

सिंधिया ने खुद को कहा कुत्ता

पढ़ें:टाइगर, कौवा के बाद सिंधिया ने खुद को बताया कुत्ता, कहा- अब ये काटेगा भी

आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा था कुत्ता

कांग्रेस प्रत्याशी आशा दोहरे के पक्ष में आम सभा को संबोधित करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और आचार्य प्रमोद कृष्णन अशोकनगर के तुलसी पार्क पहुंचे थे. जहां चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कृष्णन ने कहा था कि भ्रष्टाचार के मामले को लेकर मुझे याद आ रहा है कि अशोकनगर विधायक का नाम भी सामने आया था. जिस पर कार्रवाई करने का मन कमलनाथ बना चुके थे. लेकिन जिस तरह पिल्ले की रक्षा कुत्ता करता है, इसी तरह उसकी किसी ने रक्षा कर ली थी. पहले तो उसे बचा लिया गया था, लेकिन 10 तारीख को जब वोट सेरेमनी खत्म होगी, तो एक हफ्ते में यह जेल के अंदर होगा.

पढ़ें:कंस-शकुनि-मारीच से भी बढ़कर हैं कलयुग के मामा शिवराज- आचार्य प्रमोद कृष्णम

सिंधिया ने खुद को कहा था काला कौआ

वहीं इससे पहले 12 अक्टूबर को अशोकनगर के ही शाडोर में सिंधिया चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे. जहां उन्होंने खुद को काला कौआ कहा था.

पढ़ें:'टाइगर' के बाद सिंधिया ने खुद को बताया 'काला कौआ', कहा: बच के रहना कमलनाथ

सिंधिया ने खुद को टाइगर भी कहा था

2 जुलाई को कैबिनेट विस्तार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा था कि, पिछले 2 महीने से जो चरित्र को धूमिल किया जा रहा है, उनको कहना चाहता हूं कि 'टाइगर अभी जिंदा है'.

पढ़ें:कैबिनेट विस्तार के बाद सिंधिया की दहाड़, 'टाइगर अभी जिंदा है'

शिवराज ने सिंधिया को बताया था विभीषण

बता दें बीजेपी ज्वाइन करने के 12 मार्च को सिंधिया पहली बार प्रदेश बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे. जहां सिंधिया के स्वागत के बाद कार्यालय में मंच पर अपने संबोधन में शिवराज सिंह चौहान ने तत्कालीन कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए उसकी तुलना तुलना लंका से की थी तो वहीं सिंधिया को विभीषण बताया था.

पढ़ें:शिवराज ने सिंधिया को बताया 'विभीषण', कहा- ढहाकर रहेंगे कमलनाथ की लंका

जजपाल सिंह जज्जी ने थामा था बीजेपी का दामन

मध्यप्रदेश में जिन 28 सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव होने है उनमें से एक अशोकनगर सीट है. अशोकनगर सीट 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खाते में आई थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ अशोकनगर विधायक जजपाल सिंह जज्जी ने भी कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. जिसके बाद अब इस सीट पर उपचुनाव होने हैं. अशोकनगर सीट के इतिहास को देखें तो यहां बीजेपी का दबदबा रहा है और कांग्रेस 33 साल बाद 2018 के चुनाव में सीट पर जीत दर्ज कर पाई थी.

अशोकनगर में सिंधिया कितने असरदार ?

कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के अगर अशोकनगर सीट पर व्यक्तिगत प्रभाव को देखा जाए तो अशोकनगर सिंधिया के कोर एरिया में है, लेकिन यहां सिंधिया का असर परिस्थितियों पर निर्भर रहता है. अशोकनगर वह सीट है, जहां लोकसभा चुनाव में खुद सिंधिया को कम वोट मिले थे.

जातिगत समीकरण

जातिगत आंकड़ों की बात करें तो अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग, यादव और रघुवंशी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते आए हैं. एक अनुमान के मुताबिक अशोकनगर विधानसभा में करीब 38 हजार अनूसुचित जाति वर्ग के मतदाता, वहीं यादव मतदाता करीब 28 हजार, रघुवंशी मतदाता 25 हजार के करीब हैं. इसके अलावा करीब 14 हजार ब्राह्मण, 10 हजार जैन, 12 हजार मुस्लिम, 14 हजार कुशवाह सहित शेष अन्‍य जातियों के मतदाता भी हैं.

अशोकनगर। शाडोरा के मंच से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के कुत्ता वाले बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शहरयार खान ने कहा की ''जनता में लहर है बिकाऊ नहीं टिकाऊ चाहिए, कुत्ते नहीं इंसान चाहिए''.

कांग्रेस का पलटवार

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे, तब उनका देशभर में सम्मान होता था. लेकिन बीजेपी में शामिल होने के बाद ही शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें विभीषण कहा. इसके बाद उन्होंने मंच से खुद को टाइगर और काला कौआ बताया. वहीं आज अशोकनगर के साडोरा में मंच से उन्होंने खुद को कुत्ता कहा.

कुत्ते नहीं इंसान चाहिए

शहरयार खान ने कहा कि अब अगर वह ऐसा मानते हैं तो यह बात स्वीकारना चाहिए. लेकिन कांग्रेस पार्टी इस तरह की बातों का समर्थन नहीं करती है, अगर उन्होंने ऐसा कहा है तो यह स्वीकारना चाहिए. खान ने कहा की जनता में लहर है की ''बिकाऊ नहीं टिकाऊ चाहिए कुत्ते नहीं, इंसान चाहिए''

सिंधिया ने चुनावी सभा में खुद को कहा कुत्ता

दरअसल, अशोकनगर के शाडोरा में चुनावी सभा को संबोधित करते वक्त सिंधिया ने कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के कुत्ता वाले बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने मंच से कहा कि "सुन लीजिए कमलनाथ जी कि हां मैं कुत्ता हूं, क्योंकि मेरा मालिक ये जनता है, जिसकी मैं सेवा करता हूं, मैं सेवा करता हूं. हां कमलनाथ जी मैं कुत्ता हूं. क्योंकि कुत्ता अपने मालिक और अपने दाता की रक्षा करता है, और जो उसके मालिकों के साथ भ्रष्टाचार करेगा, गलत करेगा उसे कुत्ता काटेगा भी ".

सिंधिया ने खुद को कहा कुत्ता

पढ़ें:टाइगर, कौवा के बाद सिंधिया ने खुद को बताया कुत्ता, कहा- अब ये काटेगा भी

आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा था कुत्ता

कांग्रेस प्रत्याशी आशा दोहरे के पक्ष में आम सभा को संबोधित करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और आचार्य प्रमोद कृष्णन अशोकनगर के तुलसी पार्क पहुंचे थे. जहां चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कृष्णन ने कहा था कि भ्रष्टाचार के मामले को लेकर मुझे याद आ रहा है कि अशोकनगर विधायक का नाम भी सामने आया था. जिस पर कार्रवाई करने का मन कमलनाथ बना चुके थे. लेकिन जिस तरह पिल्ले की रक्षा कुत्ता करता है, इसी तरह उसकी किसी ने रक्षा कर ली थी. पहले तो उसे बचा लिया गया था, लेकिन 10 तारीख को जब वोट सेरेमनी खत्म होगी, तो एक हफ्ते में यह जेल के अंदर होगा.

पढ़ें:कंस-शकुनि-मारीच से भी बढ़कर हैं कलयुग के मामा शिवराज- आचार्य प्रमोद कृष्णम

सिंधिया ने खुद को कहा था काला कौआ

वहीं इससे पहले 12 अक्टूबर को अशोकनगर के ही शाडोर में सिंधिया चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे. जहां उन्होंने खुद को काला कौआ कहा था.

पढ़ें:'टाइगर' के बाद सिंधिया ने खुद को बताया 'काला कौआ', कहा: बच के रहना कमलनाथ

सिंधिया ने खुद को टाइगर भी कहा था

2 जुलाई को कैबिनेट विस्तार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा था कि, पिछले 2 महीने से जो चरित्र को धूमिल किया जा रहा है, उनको कहना चाहता हूं कि 'टाइगर अभी जिंदा है'.

पढ़ें:कैबिनेट विस्तार के बाद सिंधिया की दहाड़, 'टाइगर अभी जिंदा है'

शिवराज ने सिंधिया को बताया था विभीषण

बता दें बीजेपी ज्वाइन करने के 12 मार्च को सिंधिया पहली बार प्रदेश बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे. जहां सिंधिया के स्वागत के बाद कार्यालय में मंच पर अपने संबोधन में शिवराज सिंह चौहान ने तत्कालीन कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए उसकी तुलना तुलना लंका से की थी तो वहीं सिंधिया को विभीषण बताया था.

पढ़ें:शिवराज ने सिंधिया को बताया 'विभीषण', कहा- ढहाकर रहेंगे कमलनाथ की लंका

जजपाल सिंह जज्जी ने थामा था बीजेपी का दामन

मध्यप्रदेश में जिन 28 सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव होने है उनमें से एक अशोकनगर सीट है. अशोकनगर सीट 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खाते में आई थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ अशोकनगर विधायक जजपाल सिंह जज्जी ने भी कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. जिसके बाद अब इस सीट पर उपचुनाव होने हैं. अशोकनगर सीट के इतिहास को देखें तो यहां बीजेपी का दबदबा रहा है और कांग्रेस 33 साल बाद 2018 के चुनाव में सीट पर जीत दर्ज कर पाई थी.

अशोकनगर में सिंधिया कितने असरदार ?

कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के अगर अशोकनगर सीट पर व्यक्तिगत प्रभाव को देखा जाए तो अशोकनगर सिंधिया के कोर एरिया में है, लेकिन यहां सिंधिया का असर परिस्थितियों पर निर्भर रहता है. अशोकनगर वह सीट है, जहां लोकसभा चुनाव में खुद सिंधिया को कम वोट मिले थे.

जातिगत समीकरण

जातिगत आंकड़ों की बात करें तो अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग, यादव और रघुवंशी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते आए हैं. एक अनुमान के मुताबिक अशोकनगर विधानसभा में करीब 38 हजार अनूसुचित जाति वर्ग के मतदाता, वहीं यादव मतदाता करीब 28 हजार, रघुवंशी मतदाता 25 हजार के करीब हैं. इसके अलावा करीब 14 हजार ब्राह्मण, 10 हजार जैन, 12 हजार मुस्लिम, 14 हजार कुशवाह सहित शेष अन्‍य जातियों के मतदाता भी हैं.

Last Updated : Oct 31, 2020, 11:03 PM IST
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