अशोकनगर। जिला प्रशासन द्वारा पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने के विरोध में कांग्रेस प्रत्याशी ने प्रशासन से आमरण अनशन की इजाजत मांगी थी. लेकिन इजाजत नहीं मिलने पर उन्होंने गांधी पार्क पर बैठकर मौन धरना दिया. वहीं विधायक ने पानी पिलाकर प्रत्याशी का अनशन खत्म कराया.
3 नवंबर को मतदान है, ऐसे में अशोकनगर विधानसभा प्रदेश की सुर्खियों में है. जिला निर्वाचन अधिकारी व रिटर्निंग ऑफिसर की शिकायत कुछ दिन पहले कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा की गई थी. जिसमें इन अधिकारियों द्वारा बीजेपी के पक्ष में काम करने की बात कही गई थी. लेकिन जब इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 1 दिन पहले कांग्रेस प्रत्याशी आशा दोहरे ने आमरण अनशन पर बैठने की इजाजत मांगी थी. वहीं इजाजत नहीं मिलने के बाद कांग्रेर प्रत्याशी गांधी पार्क पर मौन धरने पर बैठ गईं. लगभग 3 घंटे बाद चंदेरी विधायक गोपाल सिंह चौहान धरना स्थल पहुंचे. जहां उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को पानी पिलाकर अनशन तुड़वाया.
विधायक गोपाल सिंह चौहान का कहना है की रिटर्निंग ऑफिसर जो यहां के एसडीएम हैं, उनके द्वारा कांग्रेस के साथ पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है. जिसकी शिकायत पहले भी की जा चुकी है. इस कारण से कांग्रेस प्रत्याशी को धरने पर बैठना पड़ा. चंदेरी विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन बीजेपी के पक्ष में काम कर रहा है. वही नगर पालिका सीएमओ मुंगावली एवं नगर पालिका सीएमओ अशोकनगर और पुलिस बीजेपी का प्रचार कर रही है, जो गलत है. विधायक ने चेतावनी देते हुए कहा कि बीजेपी लगातार विधायकों को खरीद फरोख्त कर रही है. उन्होंने कहा कि 10 नवंबर को जनता उन्हें सबक सिखाएगी.
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी आशा दौरे का कहना है कि जिला प्रशासन द्वारा उनके साथ पक्षपात किया जा रहा है. बीजेपी के जो प्रत्याशी हैं उन्हें यह बात नागवार गुजर रही है कि अशोक नगर विधानसभा से दलित एवं महिला को कांग्रेस ने टिकट दिया है. इन्हीं बातों को लेकर उन्होंने धरना प्रदर्शन किया. लेकिन 48 घंटे का समय जिला प्रशासन को दिया गया है. अगर इस समय अवधि में दोषी अधिकारियों को नहीं हटाया गया. तो यह धरना फिर से दिया जाएगा.