अशोकनगर। अक्सर सुर्खियों में रहने वाला जिला अस्पताल एक बार फिर बड़ी लापरवाही का उदाहरण बना है. जहां एसएनसीयू स्टॉफ की गलती के कारण नवजात बच्चों को बदल दिया गया. इस बात का खुलासा होने के बाद एसएनसीयू स्टाफ में हड़कंप मच गया. प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकारते हुए चंदेरी क्षेत्र में भेजे गए नवजात को एम्बुलेंस के जरिए स्टॉफ को चंदेरी भेजा गया. वहीं 20 घंटे बाद भी नवजात का कोई पता नहीं चल सका है. जिसके बाद पिता ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है.
ईसागढ़ क्षेत्र के जनोदा गांव में नीलम नाम की महिला की प्रसव कराने के लिए जिला अस्पताल पहुंची थी. जहां करीब 12 बजे महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया था. बच्ची को 1 घंटे के लिए एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था. लेकिन जब नवजात को लेने के लिए नीलम की सास एसएनसीयू वार्ड में पहुंची, तो स्टॉफ द्वारा बच्ची को नीलम नाम की महिला को सौंपना बताया गया.
जिसके चलते परिजन घबरा गए और वे दोबारा से जब एसएनसीयू वार्ड में नवजात बच्ची को लेने पहुंचे, और कड़क लहजे में बच्चे को देने की बात की. तब प्रबंधन ने अपनी गलती को स्वीकार किया. अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए ड्यूटी डॉक्टर एमसी दुबे ने बताया कि चंदेरी क्षेत्र की एक नीलम आदिवासी नाम की महिला को भी प्रसव के बाद बेटी हुई थी. लेकिन स्टॉफ ने दोनों ही बेटियों की मां का नाम नीलम होने के कारण गलती कर दी. जनोदा ग्राम के नीलम की नवजात बेटी चंदेरी की नीलम आदिवासी को दे दी गई.
वहीं प्रबंधन द्वारा बच्ची को वापस लेने के लिए चंदेरी क्षेत्र में एंबुलेंस भेजी गई. जहां 20 घंटे के बाद भी परिजनों को नवजात से नहीं मिलवाया गया है. लिहाजा ईसागढ़ से आए परिजनों ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराते हुए अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.