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बीजेपी सांसद केपी यादव का जाति प्रमाण पत्र निरस्त, इस मामले में हुई कार्रवाई - केपी यादव

बीजेपी सांसद केपी यादव का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है. ये कार्रवाई की मुंगावली से कांग्रेस विधायक बृजेंद्र सिंह यादव की शिकायत पर की गई जांच के बाद की गई. कलेक्टर ने मंजू शर्मा ने गलत जानकारी देने पर कार्रवाई किए जाने की पुष्टि की है.

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केपी यादव, बीजेपी सांसद
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Published : Dec 17, 2019, 12:46 PM IST

अशोकनगर। गुना लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद केपी यादव और उनके बेटे का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है. यह कार्रवाई बेटे को पिछड़ा वर्ग आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए अपनी वार्षिक आय कम बताने के मामले में की गई है. सांसद केपी यादव पर ये कार्रवाई मुंगावली से कांग्रेस विधायक बृजेंद्र सिंह यादव की शिकायत पर की गई है.

मंजू शर्मा, कलेक्टर, अशोकनगर
बताया जा रहा है कि, केपी यादव ने अपनी वार्षिक आय 39 हजार बताई थी. जबकि उनकी आय इससे ज्यादा पाई गई. कांग्रेस विधायक बृजेंद्र सिंह यादव की शिकायत पर मुंगावली के एसडीएम ने सांसद डॉक्टर केपी यादव और उनके बेटे जाति का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया है. हालांकि केपी यादव ने इस जाति प्रमाण पत्र का उपयोग करके चुनाव नहीं लड़ा था.

केपी यादव ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर बड़ी जीत दर्ज की. हालांकि अभी तक इस मामले में बीजेपी और केपी यादव की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

आगे यह हो सकती है कार्रवाई
कानून विशेषज्ञों के मुताबिक आईपीसी की धारा 466 एवं 181 के तहत प्रकरण दर्ज किया जा सकता है. इस मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम सात वर्ष की सजा का प्रावधान है. मामले में बातचीत करने के लिए जब सांसद केपी यादव से बात करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. हालांकि इस मामले को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस विधायक के द्वारा उठाया जा सकता है.

अशोकनगर। गुना लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद केपी यादव और उनके बेटे का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है. यह कार्रवाई बेटे को पिछड़ा वर्ग आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए अपनी वार्षिक आय कम बताने के मामले में की गई है. सांसद केपी यादव पर ये कार्रवाई मुंगावली से कांग्रेस विधायक बृजेंद्र सिंह यादव की शिकायत पर की गई है.

मंजू शर्मा, कलेक्टर, अशोकनगर
बताया जा रहा है कि, केपी यादव ने अपनी वार्षिक आय 39 हजार बताई थी. जबकि उनकी आय इससे ज्यादा पाई गई. कांग्रेस विधायक बृजेंद्र सिंह यादव की शिकायत पर मुंगावली के एसडीएम ने सांसद डॉक्टर केपी यादव और उनके बेटे जाति का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया है. हालांकि केपी यादव ने इस जाति प्रमाण पत्र का उपयोग करके चुनाव नहीं लड़ा था.

केपी यादव ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर बड़ी जीत दर्ज की. हालांकि अभी तक इस मामले में बीजेपी और केपी यादव की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

आगे यह हो सकती है कार्रवाई
कानून विशेषज्ञों के मुताबिक आईपीसी की धारा 466 एवं 181 के तहत प्रकरण दर्ज किया जा सकता है. इस मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम सात वर्ष की सजा का प्रावधान है. मामले में बातचीत करने के लिए जब सांसद केपी यादव से बात करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. हालांकि इस मामले को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस विधायक के द्वारा उठाया जा सकता है.

Intro:अशोकनागर. गुना-शिवपुरी के सांसद डॉक्टर के पी यादव और उनके बेटे का जाती प्रमाण पत्र मुंगावली एसडीएम ने निरस्त कर दिया है. यह कार्यवाही 2014 में अपने बेटे को पिछड़ा वर्ग आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए अपनी आय क्रीमीलेयर ₹800000 से कम बताने पर की गई थी. जबकि लोकसभा चुनाव के दौरान डॉ यादव ने अपनी आय ₹3900000 बताई थी. दोनों आए में अंतर आने पर मामले की शिकायत मुंगावली से कांग्रेस विधायक बृजेंद्र सिंह यादव ने की थी. जिनकी शिकायत पर एसडीएम मुंगावली ने सांसद डॉक्टर यादव के साथ उनके बेटे सार्थक यादव का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर प्रतिवेदन एडीएम को भेजा है. लेकिन इस जाति प्रमाण पत्र का उपयोग करके चुनाव नहीं लड़ा है.


Body:गुना-संसदीय क्षेत्र के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर सनसनी फैलाने वाले सांसद डॉक्टर के पी यादव की अचानक मुश्किलें बढ़ गई. सोमवार को मुंगावली एसडीएम ब्रज बिहारी श्रीवास्तव ने जांच के बाद सांसद डॉ यादव और उनके पुत्र का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया. एसडीएम श्रीवास्तव ने बताया कि पिछड़ा वर्ग के लिए शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए आय सीमा ₹800000 है. इससे अधिक आय होने की वजह से इनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर प्रतिवेदन एडीएम को भेजा गया है.
आगे यह हो सकती है कार्रवाई- कानून विशेषज्ञों के मुताबिक आईपीसी की धारा466 एवं 181 के तहत प्रकरण दर्ज किया जाता है. इस मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम 7 वर्ष की सजा का प्रावधान है.
इस मामले पर बातचीत करने के लिए जब सांसद डॉक्टर के पी यादव से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका द्वारा फोन रिसीव नहीं हुआ. हालांकि इस मामले को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस विधायक द्वारा इस मामले को उठाने की संभावना है.


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