ETV Bharat / state

Ashoknagar News: दबंगों से जमीन का कब्जा हटवाने के लिए किसान ने लगाई राष्ट्रपति से गुहार, न्याय दिलाओ नहीं तो इच्छा मृत्यु की अनुमति दो

author img

By

Published : Jul 18, 2023, 6:40 PM IST

अशोकनगर में एक पीड़ित किसान ने दबंगों से जमीन का कब्जा हटवाने के लिए CM, PM और राष्ट्रपति से गुहार लगाई है. किसान ने मांग की है कि- "न्याय दिलाओ, नहीं तो इच्छा मृत्यु की अनुमति दो".

ashoknagar news
पीड़ित किसान

अशोकनगर में दबंगों से परेशान किसान ने क्या बोला

अशोकनगर। मध्यप्रदेश में प्रशासनिक तंत्र की लचर व्यवस्था के चलते लोग परेशान हो रहे हैं. ऐसे ही एक मामला अशोकनगर जिले की मुंगावली तहसील के गांव वरखाना में सामने आया है. यहां एक किसान 15 वर्षों से अपनी जमीन छुड़ाने के लिए आवेदन पर आवेदन दे रहा है, लेकिन जब उसकी किसी भी तरह की सुनवाई प्रशासन द्वारा नहीं की गई तो मजबूर होकर किसान ने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है.

17 बार सीएम हेल्पलाइन में शिकायत: दरअसल, पूरा मामला मुंगावली तहसील में वरखना गांव के निवासी संग्राम सिंह यादव से जुड़ा है, जो 15 सालों से अपनी जमीन पर काबिज होने के लिए दबंगों एवं प्रशासन से लड़ाई लड़ रहा है. किसान का कहना है कि "वह सात बार कलेक्टर और 17 बार सीएम हेल्पलाइन में शिकायत कर चुका है. इसके अलावा किसान भोपाल जाकर मुख्यमंत्री एवं उनके विभाग के अधिकारियों से भी मिल चुका है. बावजूद इसके आज तक उसकी शिकायत पर सुनवाई नहीं की गई. लिहाजा किसान की 18 बीघा कुल जमीन है. जिसमें से मात्र 4 बीघा पर वह खेती-बाड़ी कर अपना जीवन यापन कर रहा है. उसके परिवार में 9 लोग हैं. जो अब पूरी तरह से आर्थिक स्थिति की मार झेल रहे हैं. जिसके बाद परेशान होकर किसान के द्वारा राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की गई है.

प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी: बता दें कि किसान संग्राम सिंह यादव का सर्वे क्रमांक 240/29 सिरसी गांव सर्वे नंबर 38/234 है. जिसमें फरियादी के नाम पर 18 बीघा भूमि है, जो उसके नाम पर दर्ज है. इस जमीन के रजिस्ट्री सहित नामांतरण भी किसान के पास है. वह अपनी भूमि का सीमांकन तहसील कार्यालय से करना चाहता है. जिसके लिए किसान द्वारा नियमानुसार कागज भी तैयार कर लिए गए हैं. लेकिन प्रार्थी एक जनवरी 2021 से लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है. इस दौरान अपनी जमीन का सीमांकन कराने के लिए किसान के द्वारा 7 बार सीमांकन फीस भी जमा कर चुका है. लेकिन इसके बावजूद भी उसकी जमीन पर हक दिलाने के लिए प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी.

ये भी खबरें यहां पढ़ें

कार्रवाई नहीं होने पर इच्छा मृत्यु की मांग : किसान का कहना है कि "कई बार सीमांकन करने के लिए पटवारियों के दल को भेजा गया, लेकिन मौके पर पहुंचकर किसी भी तरह का सीमांकन पटवारियों द्वारा नहीं किया गया और न ही दबंगों से उसकी जमीन का कब्जा दिलाया गया." किसान ने बताया कि "वह पूर्व में परेशान होकर मुंगावली तहसील में फांसी लगाने का प्रयास भी कर चुका है. अब परेशान होकर किसान संग्राम सिंह ने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है."

अशोकनगर में दबंगों से परेशान किसान ने क्या बोला

अशोकनगर। मध्यप्रदेश में प्रशासनिक तंत्र की लचर व्यवस्था के चलते लोग परेशान हो रहे हैं. ऐसे ही एक मामला अशोकनगर जिले की मुंगावली तहसील के गांव वरखाना में सामने आया है. यहां एक किसान 15 वर्षों से अपनी जमीन छुड़ाने के लिए आवेदन पर आवेदन दे रहा है, लेकिन जब उसकी किसी भी तरह की सुनवाई प्रशासन द्वारा नहीं की गई तो मजबूर होकर किसान ने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है.

17 बार सीएम हेल्पलाइन में शिकायत: दरअसल, पूरा मामला मुंगावली तहसील में वरखना गांव के निवासी संग्राम सिंह यादव से जुड़ा है, जो 15 सालों से अपनी जमीन पर काबिज होने के लिए दबंगों एवं प्रशासन से लड़ाई लड़ रहा है. किसान का कहना है कि "वह सात बार कलेक्टर और 17 बार सीएम हेल्पलाइन में शिकायत कर चुका है. इसके अलावा किसान भोपाल जाकर मुख्यमंत्री एवं उनके विभाग के अधिकारियों से भी मिल चुका है. बावजूद इसके आज तक उसकी शिकायत पर सुनवाई नहीं की गई. लिहाजा किसान की 18 बीघा कुल जमीन है. जिसमें से मात्र 4 बीघा पर वह खेती-बाड़ी कर अपना जीवन यापन कर रहा है. उसके परिवार में 9 लोग हैं. जो अब पूरी तरह से आर्थिक स्थिति की मार झेल रहे हैं. जिसके बाद परेशान होकर किसान के द्वारा राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की गई है.

प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी: बता दें कि किसान संग्राम सिंह यादव का सर्वे क्रमांक 240/29 सिरसी गांव सर्वे नंबर 38/234 है. जिसमें फरियादी के नाम पर 18 बीघा भूमि है, जो उसके नाम पर दर्ज है. इस जमीन के रजिस्ट्री सहित नामांतरण भी किसान के पास है. वह अपनी भूमि का सीमांकन तहसील कार्यालय से करना चाहता है. जिसके लिए किसान द्वारा नियमानुसार कागज भी तैयार कर लिए गए हैं. लेकिन प्रार्थी एक जनवरी 2021 से लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है. इस दौरान अपनी जमीन का सीमांकन कराने के लिए किसान के द्वारा 7 बार सीमांकन फीस भी जमा कर चुका है. लेकिन इसके बावजूद भी उसकी जमीन पर हक दिलाने के लिए प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी.

ये भी खबरें यहां पढ़ें

कार्रवाई नहीं होने पर इच्छा मृत्यु की मांग : किसान का कहना है कि "कई बार सीमांकन करने के लिए पटवारियों के दल को भेजा गया, लेकिन मौके पर पहुंचकर किसी भी तरह का सीमांकन पटवारियों द्वारा नहीं किया गया और न ही दबंगों से उसकी जमीन का कब्जा दिलाया गया." किसान ने बताया कि "वह पूर्व में परेशान होकर मुंगावली तहसील में फांसी लगाने का प्रयास भी कर चुका है. अब परेशान होकर किसान संग्राम सिंह ने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.