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अशोकनगर: अस्पताल की गलती से लापता नवजात को 28 घंटे बाद नसीब हुई मां की गोद - ashoknagar news

अशोक नगर जिला अस्पताल में एसएनसीयू वार्ड के स्टाफ की लापरवाही चलते एक नवजात बच्ची गुम हो गई, जिसके बाद कोतवाली पुलिस ने इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए 28 घंटे बाद बच्ची को उसकी मां से मिलवा दिया.

Girl found after 28 hours
28 घंटे बाद मिली बच्ची
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Published : Dec 19, 2020, 9:57 PM IST

Updated : Dec 19, 2020, 10:22 PM IST

अशोकनगर। जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में स्टाफ की लापरवाही से गुम हुई नवजात बच्ची आखिरकार मिल ही गई. इस मुहिम में कोतवाली पुलिस की अहम भूमिका रही है, जिसके कारण 28 घंटे बाद नवजात को मां की गोद नसीब हो सकी है. आखिरकार 28 घंटे बाद पुलिस की सक्रियता के चलते नवजात बच्ची ईसागढ़ के पास डेंगा मोहचार गांव में मिल गई है, जिसे सिटी कोतवाली पुलिस एवं तहसीलदार रोहित रघुवंशी ने जिला अस्पताल पहुंचकर उसकी मां को सौंपा. मां नीलम ने अपनी बच्ची को गोद में लेकर खूब दुलार किया.

28 घंटे बाद नसीब हुई मां की गोद

बता दें कि जन्म देने के बाद से यह नवजात बच्ची अपनी मां से इसलिये दूर रही, क्योंकि इसे एसएनसीयू वार्ड के स्टाफ ने दूसरी महिला को गलती से दे दिया था. दूसरी महिला का नाम भी नीलम ही था और उसकी नवजात बच्ची भी एसएनसीयू वार्ड में भर्ती थी. जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से बदली गई बच्ची तो गायब हो ही गई थी, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी अस्पताल प्रबंधन बच्चे को ढूंढ नहीं पाया था. इसके बाद बच्ची के पिता विक्रम केवट ने शनिवार सुबह सिटी कोतवाली में बच्ची की गुमशुदगी का आवेदन देकर पुलिस से सहायता मांगी. जिसके बाद सिटी कोतवाली ने गायब बच्ची को सूचना मिलने के बाद 6 घंटें में ही ढूंढ निकाला और बच्ची 28 घंटे बाद अपनी असली मां की गोद में पहुंच पाई. जबकि अस्पताल प्रबंधन 20 घंटे तक बच्ची का सुराग तक नहीं लगा पाया था.

अस्पताल प्रबंधन पर उठे सवाल

नवजात के बदले जाने का अशोकनगर जिला अस्पताल का यह कोई पहला मामला नहीं है. बल्कि दूसरे मामलों को लेकर भी जिला चिकित्सालय लगातार विवादों में बना रहता है.

अशोकनगर। जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में स्टाफ की लापरवाही से गुम हुई नवजात बच्ची आखिरकार मिल ही गई. इस मुहिम में कोतवाली पुलिस की अहम भूमिका रही है, जिसके कारण 28 घंटे बाद नवजात को मां की गोद नसीब हो सकी है. आखिरकार 28 घंटे बाद पुलिस की सक्रियता के चलते नवजात बच्ची ईसागढ़ के पास डेंगा मोहचार गांव में मिल गई है, जिसे सिटी कोतवाली पुलिस एवं तहसीलदार रोहित रघुवंशी ने जिला अस्पताल पहुंचकर उसकी मां को सौंपा. मां नीलम ने अपनी बच्ची को गोद में लेकर खूब दुलार किया.

28 घंटे बाद नसीब हुई मां की गोद

बता दें कि जन्म देने के बाद से यह नवजात बच्ची अपनी मां से इसलिये दूर रही, क्योंकि इसे एसएनसीयू वार्ड के स्टाफ ने दूसरी महिला को गलती से दे दिया था. दूसरी महिला का नाम भी नीलम ही था और उसकी नवजात बच्ची भी एसएनसीयू वार्ड में भर्ती थी. जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से बदली गई बच्ची तो गायब हो ही गई थी, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी अस्पताल प्रबंधन बच्चे को ढूंढ नहीं पाया था. इसके बाद बच्ची के पिता विक्रम केवट ने शनिवार सुबह सिटी कोतवाली में बच्ची की गुमशुदगी का आवेदन देकर पुलिस से सहायता मांगी. जिसके बाद सिटी कोतवाली ने गायब बच्ची को सूचना मिलने के बाद 6 घंटें में ही ढूंढ निकाला और बच्ची 28 घंटे बाद अपनी असली मां की गोद में पहुंच पाई. जबकि अस्पताल प्रबंधन 20 घंटे तक बच्ची का सुराग तक नहीं लगा पाया था.

अस्पताल प्रबंधन पर उठे सवाल

नवजात के बदले जाने का अशोकनगर जिला अस्पताल का यह कोई पहला मामला नहीं है. बल्कि दूसरे मामलों को लेकर भी जिला चिकित्सालय लगातार विवादों में बना रहता है.

Last Updated : Dec 19, 2020, 10:22 PM IST
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