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बारिश में भीगा गेहूं क्रय केंद्र पर रखा पांच सौ क्विंटल गेहूं, समिति की लापरवाही पर अधिकारियों ने दिया ये जवाब - Shopping Center,

अशोकनगर जिले में 5 मार्च से 48 केंद्रों पर समिति संचालकों द्वारा गेहूं की खरीदी की जा रही है. मंगलवार को को हुई बारिश होने के कारण जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर तमोइया चक्क पर भैंसरबास खरीदी केंद्र पर 500 क्विंटल गेहूं समिति की लापरवाही की वजह से भीग गया है.

बारिस में भीगे गेहूं की तस्वीर
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Published : Apr 16, 2019, 8:30 PM IST

अशोकनगर। जिले में 5 मार्च से 48 केंद्रों पर समिति संचालकों द्वारा गेहूं की खरीदी की जा रही है. मंगलवार को सुबह से ही बारिश होने के कारण जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर तमोइया चक्क पर भैंसरबास खरीदी केंद्रों पर रखा गेहूं समिति की लापरवाही की वजह से भीग गया. हालांकि बोरों में रखे गेहूं को पानी से बचाने के लिए उन पर प्लास्टिक की तिरपाल डाली गई थी. लेकिन बोरियों की संख्या अधिक होने के कारण कुछ बोरियां पानी में भीग गई. मामले में विभाग के अधिकारी आरएस सोलंकी का कहना है कि गेहूं के किसी भी प्रकार के नुकसान की पूरी जिम्मेदारी समिति संचालक की होती है.

बारिस में भीगे गेहूं की तस्वीर

जिला मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर भैंसरबास खरीदी केंद्र बनाया गया था. जहां 5 अप्रैल से खरीदी शुरू हो गई थी, हालांकि इस केंद्र पर गेहूं की खरीदी की जा रही है. वहीं मंगलपुर को बारिश के दौरान खरीदी केंद्र पर लगभग 5 सौ कुंटल गेहूं पानी में भीग गया है. समिति संचालक त्रिलोक यादव ने बताया कि उसके खरीदी केंद्र पर स्टॉक के रूप में ढाई हजार कुंटल गेहूं रखा है, जिसका परिवहन नहीं हो पाया था. इस गेहूं को ढकने के लिए तिरपाल का प्रयोग किया गया , लेकिन तिरपाल कम पड़ने की वजह से पांच सौ कुंटल गेहूं पानी में भीग गया, जिसको सुखा कर उसकी नमी को कम किया जाएगा.


जिले भर में बनाए गए खरीदी केंद्रों पर गेहूं के रखरखाव की जिम्मेदारी खरीदी संचालकों पर ही रहती है. हालांकि खरीदे गए अनाज को सुरक्षित रखने के लिए ऐसी जगह केंद्र बनाए जाते हैं, जहां पानी या अन्य किसी प्राक्रतिक आपदा से बचाव किया जा सके. लेकिन कई खरीदी संचालकों की लापरवाही की चलते इनका सही ढंग से रखरखाव नहीं होता. नागरिक आपूर्ती निगम अधिकारी आरएस सोलंकी के मुताबिक भीगे हुए गेहूं की जिम्मेदारी खरीदी संचालक पर है और इस गेहूं को सुखा कर नमी को कम किया जाएगा. इसमें जो भी नुकसान होगा उसकी भरपाई खरीदी संचालक को ही करनी पड़ेगी.

आरएस सोलंकी, नागरिक आपूर्ती निगम अधिकारी

अशोकनगर। जिले में 5 मार्च से 48 केंद्रों पर समिति संचालकों द्वारा गेहूं की खरीदी की जा रही है. मंगलवार को सुबह से ही बारिश होने के कारण जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर तमोइया चक्क पर भैंसरबास खरीदी केंद्रों पर रखा गेहूं समिति की लापरवाही की वजह से भीग गया. हालांकि बोरों में रखे गेहूं को पानी से बचाने के लिए उन पर प्लास्टिक की तिरपाल डाली गई थी. लेकिन बोरियों की संख्या अधिक होने के कारण कुछ बोरियां पानी में भीग गई. मामले में विभाग के अधिकारी आरएस सोलंकी का कहना है कि गेहूं के किसी भी प्रकार के नुकसान की पूरी जिम्मेदारी समिति संचालक की होती है.

बारिस में भीगे गेहूं की तस्वीर

जिला मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर भैंसरबास खरीदी केंद्र बनाया गया था. जहां 5 अप्रैल से खरीदी शुरू हो गई थी, हालांकि इस केंद्र पर गेहूं की खरीदी की जा रही है. वहीं मंगलपुर को बारिश के दौरान खरीदी केंद्र पर लगभग 5 सौ कुंटल गेहूं पानी में भीग गया है. समिति संचालक त्रिलोक यादव ने बताया कि उसके खरीदी केंद्र पर स्टॉक के रूप में ढाई हजार कुंटल गेहूं रखा है, जिसका परिवहन नहीं हो पाया था. इस गेहूं को ढकने के लिए तिरपाल का प्रयोग किया गया , लेकिन तिरपाल कम पड़ने की वजह से पांच सौ कुंटल गेहूं पानी में भीग गया, जिसको सुखा कर उसकी नमी को कम किया जाएगा.


जिले भर में बनाए गए खरीदी केंद्रों पर गेहूं के रखरखाव की जिम्मेदारी खरीदी संचालकों पर ही रहती है. हालांकि खरीदे गए अनाज को सुरक्षित रखने के लिए ऐसी जगह केंद्र बनाए जाते हैं, जहां पानी या अन्य किसी प्राक्रतिक आपदा से बचाव किया जा सके. लेकिन कई खरीदी संचालकों की लापरवाही की चलते इनका सही ढंग से रखरखाव नहीं होता. नागरिक आपूर्ती निगम अधिकारी आरएस सोलंकी के मुताबिक भीगे हुए गेहूं की जिम्मेदारी खरीदी संचालक पर है और इस गेहूं को सुखा कर नमी को कम किया जाएगा. इसमें जो भी नुकसान होगा उसकी भरपाई खरीदी संचालक को ही करनी पड़ेगी.

आरएस सोलंकी, नागरिक आपूर्ती निगम अधिकारी

Intro:अशोकनगर। जिले में 5 मार्च से 48 केंद्रों पर समिति संचालकों द्वारा गेहूं की खरीदी की जा रही थी. मंगलवार को सुबह से ही बारिश होने के कारण जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर तमोइया चक्क पर भैंसरबास खरीदी केंद्रों पर रखा गेहूं पानी में भीग गया. हालांकि बोरों में रखे गेहूं को पानी से बचाने के लिए उन पर प्लास्टिक का त्रिपाल डाला गया था. लेकिन गेहूं के बोरियों की संख्या अधिक होने के कारण कुछ बोरियां पानी में भीग गई.वहीं नान विभाग के अधिकारी आर एस सोलंकी ने बताया की समिति प्रबंधक के खरीदी केंद्र पर यदि गेहूं पानी में भीगता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी समिति के संचालक की होती है.


Body:जिला मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर भैंसरबास खरीदी केंद्र बनाया गया था. जहां 5 अप्रैल से खरीदी शुरू हो गई थी हालांकि इस केंद्र पर गेहूं की खरीदी की जा रही थी. आज सुबह बारिश के दौरान खरीदी केंद्र पर लगभग 500 कुंटल गेहूं पानी में भीग गया. समिति संचालक त्रिलोक यादव ने बताया कि उसके खरीदी केंद्र पर स्टॉक के रूप में ढाई हजार कुंटल गेहूं रखा है. जिसका परिवहन नहीं हो पाया था. इस गेहूं को को ढकने के लिए तिरपाल का प्रयोग किया गया लेकिन त्रिपाल कम पड़ने की वजह से 500 कुंटल गेहूं पानी में भीग गया. जिसको सुखा कर उसकी नमी को कम किया जाएगा.


Conclusion:जिलेभर में बनाए गए खरीदी केंद्रों पर गेहूं के रखरखाव की जिम्मेदारी खरीदी संचालकों पर ही रहती है.हालांकि खरीदे गए अनाज को सुरक्षित रखने के लिए ऐसी जगह केंद्र बनाए जाते हैं जहां पानी आदि का बचाव किया जा सके. लेकिन कई खरीदी संचालक लापरवाही बरतते हुए इनका सही ढंग से रखरखाव नहीं करते. नान अधिकारी आर एस सोलंकी के मुताबिक भीगे हुए गेहूं की जिम्मेदारी खरीदी संचालक पर है और इस गेहूं को सुखा कर नमी को कम किया जाएगा. इसमें जो भी नुकसान होगा उसकी भरपाई खरीदी संचालक कोई करनी पड़ेगी.
बाइट- आर एस सोलंकी, नान अधिकारी
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