अशोकनगर। जिले में 5 मार्च से 48 केंद्रों पर समिति संचालकों द्वारा गेहूं की खरीदी की जा रही है. मंगलवार को सुबह से ही बारिश होने के कारण जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर तमोइया चक्क पर भैंसरबास खरीदी केंद्रों पर रखा गेहूं समिति की लापरवाही की वजह से भीग गया. हालांकि बोरों में रखे गेहूं को पानी से बचाने के लिए उन पर प्लास्टिक की तिरपाल डाली गई थी. लेकिन बोरियों की संख्या अधिक होने के कारण कुछ बोरियां पानी में भीग गई. मामले में विभाग के अधिकारी आरएस सोलंकी का कहना है कि गेहूं के किसी भी प्रकार के नुकसान की पूरी जिम्मेदारी समिति संचालक की होती है.
जिला मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर भैंसरबास खरीदी केंद्र बनाया गया था. जहां 5 अप्रैल से खरीदी शुरू हो गई थी, हालांकि इस केंद्र पर गेहूं की खरीदी की जा रही है. वहीं मंगलपुर को बारिश के दौरान खरीदी केंद्र पर लगभग 5 सौ कुंटल गेहूं पानी में भीग गया है. समिति संचालक त्रिलोक यादव ने बताया कि उसके खरीदी केंद्र पर स्टॉक के रूप में ढाई हजार कुंटल गेहूं रखा है, जिसका परिवहन नहीं हो पाया था. इस गेहूं को ढकने के लिए तिरपाल का प्रयोग किया गया , लेकिन तिरपाल कम पड़ने की वजह से पांच सौ कुंटल गेहूं पानी में भीग गया, जिसको सुखा कर उसकी नमी को कम किया जाएगा.
जिले भर में बनाए गए खरीदी केंद्रों पर गेहूं के रखरखाव की जिम्मेदारी खरीदी संचालकों पर ही रहती है. हालांकि खरीदे गए अनाज को सुरक्षित रखने के लिए ऐसी जगह केंद्र बनाए जाते हैं, जहां पानी या अन्य किसी प्राक्रतिक आपदा से बचाव किया जा सके. लेकिन कई खरीदी संचालकों की लापरवाही की चलते इनका सही ढंग से रखरखाव नहीं होता. नागरिक आपूर्ती निगम अधिकारी आरएस सोलंकी के मुताबिक भीगे हुए गेहूं की जिम्मेदारी खरीदी संचालक पर है और इस गेहूं को सुखा कर नमी को कम किया जाएगा. इसमें जो भी नुकसान होगा उसकी भरपाई खरीदी संचालक को ही करनी पड़ेगी.
आरएस सोलंकी, नागरिक आपूर्ती निगम अधिकारी