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आंगनबाड़ियों का बुरा हाल, अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान - अनुपपुर आंगनबाड़ी  भवन जर्जर

आंगनबाड़ियों का हाल कुछ इस तरह का है कि साहब वातानुकूलित कमरे का लुफ्त उठा रहे और नैनिहालों के पास पंखा भी नहीं है.

आंगनबाड़ियों का बुरा हाल
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Published : Jul 28, 2019, 11:58 PM IST

अनुपपुर। जिला मुख्यालय की आंगनबाड़ियों का हाल बेहाल है,आलम यह है कि एसडीएम ऑफिस चंद कदमों की दूरी पर स्थित है.आंगनबाड़ी भवन जर्जर हो चुका है नौनिहालों को जान का खतरा बना हुआ है,जिला अधिकारी वातानुकूलित कक्ष का लुफ्त उठा रहे और नौनिहलों के पास पंखा भी नहीं,वहीं शौचालय की टंकी भी अधूरा ही निर्मित हुई है यहां तक की बिजली की व्यवस्था भी नहीं है.

आंगनबाड़ियों का बुरा हाल


आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की माने तो आंगनबाड़ियों में बच्चे कम क्यों होते जा रहे क्योंकि अव्यवस्था के कारण लोग आंगनबाडी में बच्चों को दाखिला नहीं कराते , सरकार बाल पोषण पर सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश कर रही है .
आंगनबाड़ी में पोषक आहार के साथ अन्य सभी सुविधाओं के लिए बजट भी सुनिश्चित है, बाबजूद आंगनबाड़ियों की परवाह किसी को नहीं। जिला परियोजना अधिकारी का कहना है कि जिला कलेक्टर द्वारा जिलेभर की आंगनबाड़ियों की जानकारी पत्र के माध्यम से मंगवा कर जल्द व्यवस्था सुधारने का कार्य करते है

अनुपपुर। जिला मुख्यालय की आंगनबाड़ियों का हाल बेहाल है,आलम यह है कि एसडीएम ऑफिस चंद कदमों की दूरी पर स्थित है.आंगनबाड़ी भवन जर्जर हो चुका है नौनिहालों को जान का खतरा बना हुआ है,जिला अधिकारी वातानुकूलित कक्ष का लुफ्त उठा रहे और नौनिहलों के पास पंखा भी नहीं,वहीं शौचालय की टंकी भी अधूरा ही निर्मित हुई है यहां तक की बिजली की व्यवस्था भी नहीं है.

आंगनबाड़ियों का बुरा हाल


आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की माने तो आंगनबाड़ियों में बच्चे कम क्यों होते जा रहे क्योंकि अव्यवस्था के कारण लोग आंगनबाडी में बच्चों को दाखिला नहीं कराते , सरकार बाल पोषण पर सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश कर रही है .
आंगनबाड़ी में पोषक आहार के साथ अन्य सभी सुविधाओं के लिए बजट भी सुनिश्चित है, बाबजूद आंगनबाड़ियों की परवाह किसी को नहीं। जिला परियोजना अधिकारी का कहना है कि जिला कलेक्टर द्वारा जिलेभर की आंगनबाड़ियों की जानकारी पत्र के माध्यम से मंगवा कर जल्द व्यवस्था सुधारने का कार्य करते है

Intro:जिला मुख्यालय की आंगनबाड़ियों का हाल बेहाल हैं और आलम यह है कि एसडीएम ऑफिस से चंद कदमों की दूरी में स्थित वार्ड नम्बर 9 की आंगनबाड़ी का भवन जर्जर हो चुका है नौनिहालों को जान का खतरा बना हुआ है वही सौचालय की टंकी भी अधूरा ही निर्मित हुई है बिजली की व्यवस्था भी नही है
आंगनबाड़ियों में बच्चे कम क्यों होते जा रहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का माने तो अव्यवस्था के कारण लोग आंगनबाडी में बच्चों का दाखिला नही कराते सरकार बाल पोषण पर सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश कर रही आंगनबाड़ी में सभी पोषक आहार के साथ अन्य सभी सुविधाओं के लिए बजट भी सुनिश्चित है, बाबजूद आंगनबाड़ियों की परवाह किसी को नहीं।


Body:जिला अधिकारी वातानुकूलित कछ का लुफ्त उठा रहे और नोनिहलो के पास पंखा भी नही। जब हमने जिला परियोजना अधिकारी से बात की तो उन्होंने जिला कलेक्टर द्वारा जिले भर की आंगनबाड़ियों की जानकारी प्रपत्र के माध्यम से मंगवा कर जल्द व्यवस्था सुधारने की बात कही।Conclusion:बाइट :- विनोद परस्ते,जिला महिला बाल विकास अधिकारी।
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