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लापरवाह सिस्टम की भेंट चढ़ रही आंगनबाड़ियां, मासूमों को जान का खतरा

अनूपपुर में कई आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल बेहाल है. जिम्मेदारों की लापरवाही का खामियाज़ा मासूम भुगतने को मजबूर हैं.

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Published : Jul 29, 2019, 8:46 AM IST

आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल बेहाल

अनूपपुर। अधिकारियों की लापरवाही से जिला मुख्यालय की आंगनबाड़ियों का हाल बेहाल हैं. आलम यह है कि एसडीएम ऑफिस से कुछ दूरी पर वार्ड नम्बर 9 की आंगनबाड़ी का भवन जर्जर हो चुका है. नौनिहालों को जान का खतरा बना हुआ है, वहीं शौचालय की टंकी का निर्माण कार्य भी अधूरा पड़ा है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का कहना है कि अव्यवस्था के कारण आंगनबाड़ियों में बच्चे कम होते जा रहे. लोग आंगनबाडी में बच्चों का दाखिला कराने से कतराते है. सरकार बाल पोषण पर सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश कर रही है. सभी पोष्टिक आहार के साथ अन्य सुविधाओं के लिए बजट भी सुनिश्चित है, इसके बाबजूद आंगनबाड़ियों के हालात खस्ताहाल है.

आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल बेहाल

हालात यह है कि नोनिहलों को पंखा भी नसीब नहीं हो रहा है. मामले को लेकर जिला परियोजना अधिकारी ने बताया कि कलेक्टर द्वारा जिले की आंगनबाड़ियों की जानकारी प्रपत्र के माध्यम से मंगवा कर जल्द व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएगी.

अनूपपुर। अधिकारियों की लापरवाही से जिला मुख्यालय की आंगनबाड़ियों का हाल बेहाल हैं. आलम यह है कि एसडीएम ऑफिस से कुछ दूरी पर वार्ड नम्बर 9 की आंगनबाड़ी का भवन जर्जर हो चुका है. नौनिहालों को जान का खतरा बना हुआ है, वहीं शौचालय की टंकी का निर्माण कार्य भी अधूरा पड़ा है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का कहना है कि अव्यवस्था के कारण आंगनबाड़ियों में बच्चे कम होते जा रहे. लोग आंगनबाडी में बच्चों का दाखिला कराने से कतराते है. सरकार बाल पोषण पर सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश कर रही है. सभी पोष्टिक आहार के साथ अन्य सुविधाओं के लिए बजट भी सुनिश्चित है, इसके बाबजूद आंगनबाड़ियों के हालात खस्ताहाल है.

आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल बेहाल

हालात यह है कि नोनिहलों को पंखा भी नसीब नहीं हो रहा है. मामले को लेकर जिला परियोजना अधिकारी ने बताया कि कलेक्टर द्वारा जिले की आंगनबाड़ियों की जानकारी प्रपत्र के माध्यम से मंगवा कर जल्द व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएगी.

Intro: जिला मुख्यालय की आंगनबाड़ियों का हाल बेहाल हैं और आलम यह है कि एसडीएम ऑफिस से चंद कदमों की दूरी में स्थित वार्ड नम्बर 9 की आंगनबाड़ी का भवन जर्जर हो चुका है नौनिहालों को जान का खतरा बना हुआ है वही सौचालय की टंकी भी अधूरा ही निर्मित हुई है बिजली की व्यवस्था भी नही है
आंगनबाड़ियों में बच्चे कम क्यों होते जा रहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का माने तो अव्यवस्था के कारण लोग आंगनबाडी में बच्चों का दाखिला नही कराते सरकार बाल पोषण पर सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश कर रही आंगनबाड़ी में सभी पोषक आहार के साथ अन्य सभी सुविधाओं के लिए बजट भी सुनिश्चित है, बाबजूद आंगनबाड़ियों की परवाह किसी को नहीं। Body:जिला अधिकारी वातानुकूलित कछ का लुफ्त उठा रहे और नोनिहलो के पास पंखा भी नही। जब हमने जिला परियोजना अधिकारी से बात की तो उन्होंने जिला कलेक्टर द्वारा जिले भर की आंगनबाड़ियों की जानकारी प्रपत्र के माध्यम से मंगवा कर जल्द व्यवस्था सुधारने की बात कही।

बाइट:- विनोद परस्ते,जिला महिला बाल विकास अधिकारी।Conclusion:
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