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मौसम बदलते ही बढ़ने लगा बीमारियों का प्रकोप, अस्पताल में बढ़ी मरीजों की संख्या

मौसम में बदलाव आते ही मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. अनूपपुर के कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उल्टी-दस्त से ग्रस्त लगभग 15 से 20 मरीज को भर्ती कराया गया है.

उल्टी-दस्त के शिकार हुए लोग
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Published : Nov 13, 2019, 8:44 PM IST

अनूपपुर। बदलते मौसम के साथ ही हैजा का प्रकोप भी तेजी से बढ़ने लगा है. जिला के कोतमा में उल्टी-दस्त से ग्रस्त लगभग 15 से 20 मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ ने बताया की हैजा रोग 'विबियो कोलेरी बैक्टीरिया' से फैलता है. इसका असर आंतों पर पड़ता है. जिसे व्यक्ति को उलटी-दस्त होती है.

उल्टी-दस्त के शिकार हुए लोग
डॉक्टर का कहना है कि समय पर इलाज ना मिलने पर मरीज की मौत भी हो सकती है. उनका कहना है कि इस रोग के प्रभाव में आने के दो-तीन दिन बाद में रोग के लक्षण नजर आते हैं. इलाज से जब मरीज ठीक हो जाता है, तब भी काफी समय तक ये बैक्टीरिया मरीज के शरीर में बने रहते है. डॉक्टर केएल दीवान ने इस बीमारी से बचने के उपाए बताए हैं.


बीमारी से ऐसे बचें

पानी उबालकर छानकर कर पीए.
दांतों को अच्छे से ब्रश करके साफ रखें.
चेहरा और हाथों को समय-समय पर धोते रहें.
खाना बनाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें.
फलों और सब्जियों को अच्छे से साफ कर के खाएं.
घर में पानी स्टोर करने वाली टंकी की साफ-सफाईं निरंतर करते रहें.

अनूपपुर। बदलते मौसम के साथ ही हैजा का प्रकोप भी तेजी से बढ़ने लगा है. जिला के कोतमा में उल्टी-दस्त से ग्रस्त लगभग 15 से 20 मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ ने बताया की हैजा रोग 'विबियो कोलेरी बैक्टीरिया' से फैलता है. इसका असर आंतों पर पड़ता है. जिसे व्यक्ति को उलटी-दस्त होती है.

उल्टी-दस्त के शिकार हुए लोग
डॉक्टर का कहना है कि समय पर इलाज ना मिलने पर मरीज की मौत भी हो सकती है. उनका कहना है कि इस रोग के प्रभाव में आने के दो-तीन दिन बाद में रोग के लक्षण नजर आते हैं. इलाज से जब मरीज ठीक हो जाता है, तब भी काफी समय तक ये बैक्टीरिया मरीज के शरीर में बने रहते है. डॉक्टर केएल दीवान ने इस बीमारी से बचने के उपाए बताए हैं.


बीमारी से ऐसे बचें

पानी उबालकर छानकर कर पीए.
दांतों को अच्छे से ब्रश करके साफ रखें.
चेहरा और हाथों को समय-समय पर धोते रहें.
खाना बनाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें.
फलों और सब्जियों को अच्छे से साफ कर के खाएं.
घर में पानी स्टोर करने वाली टंकी की साफ-सफाईं निरंतर करते रहें.

Intro:अनूपपुर क्षेत्र अंतर्गत इन दिनों मौसम परिवर्तन उल्टी तथा दस्त के बहुतायत मरीज हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं मौसम परिवर्तन के कारण इन दिनों हैजा नामक बीमारी के लक्षण मरीजों में नजर आ रहे हैं अनूपपुर जिला अंतर्गत कोतमा विधानसभा क्षेत्र में समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लगभग 15 से 20 मरीज है उल्टी तथा दस्त से ग्रस्त आते हैं जिसे देखकर यह बताया जाता है कि यह तो सामान्य लक्षण है परंतु वार्ड क्रमांक 10 और 11 में हैजा के लक्षण वाले मरीजों को अधिकतम प्राइवेट अस्पतालों में देखा गया है

हैजा संबंधित बीमारी से बचने के उपाय और बीमारी के लक्षण के बारे में के जब समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा के बीएमओ से बात की गई तो उन्होंने हैजा तथा उल्टी दस्त से बचने के कुछ उपाय के बारे में ईटीवी भारत से से बात की

हैजा के लक्षण
हैजा के लक्षण कुछ घंटों या संक्रमण के 5 दिन बाद तक शुरू हो सकता है अक्सर लक्षण हल्के होते हैं लेकिन कभी-कभी यह बहुत गंभीर होते हैं संक्रमित 20 लोगों में से एक के बारे में उल्टी के साथ गंभीर पानी में दस्त हो सकता है जिससे जल्दी निर्जलीकरण हो सकता है हालांकि कई संक्रमित लोगों के कम या कोई लक्षण नहीं हो सकते यह कुछ लक्षण है
1- तीव्र गति का होना
2- त्वचा लोच का नुकसान होना
3- मुह ,गले ,नाक और पलकों के अंदर सुखी स्लैम झिल्ली
4- कम रक्तदाब
5- अत्यधिक प्यास लगना
6- मांस पेशियों में ऐठन






Body:हैजा बीमारी होने के कारण
01:- नगर जलापूर्ति में खराब पानी आना
02:- विक्रेताओं द्वारा बेचे खाद्य पदार्थ
03:- मानव अपशिष्ट वाले पानी से उगाए गए सब्जियां
04:- जब कोई व्यक्ति दूषित भोजन में पानी की खपत करता है तो जीवाणु आंतों में एक विश को छोड़ देता है जो गंभीर दस्त पैदा करता है यह भी एक कारण हैजा का है


यह है बचाव के उपाय
पीने का पानी साफ सुथरा होना चाहिए
भोजन या पर तैयार करने का पानी उबालकर साफ कपड़े से छान कर प्रयोग में लाएं
1:- बर्फ बनाने के लिए भी साफ पानी का उपयोग करें
2:- अपने दांतो को अच्छे से ब्रश करके साफ रखें
3:- अपना चेहरा और हाथों को समय-समय पर धोते रहें
4:- व्यंजन को साफ-सुथरा करके बनाएं और उन बर्तनों को सही से साफ करें जिससे आप खाना खाते हैं
5:- फलों और सब्जियों की धुलाई करना ना भूले
6:- घर में पानी स्टोर करने वाली टंकी की साफ-सफाई निरंतर करते रहनी चाहिए


Conclusion:बाइटः डॉक्टर केल दीवान बीएमओ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोतमा
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