अनूपपुर। जिले में पिछले महीने प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल पुष्पराजगढ़ जनपद क्षेत्र के चचानडीह प्रवास पर थे. जहां बैगा परिवार निवासरत रहे वहां की तस्वीर पूरी बदली-बदली नजर आई. रातों-रात विकास की नदियां बहने लगी. राज्यपाल मंगुभाई पटेल एक बैगा जनजाति परिवार के घर भोजन करने पहुंचे गए थे. अनूपपुर जिले में ऐसी तस्वीर सामने आई है जहां आज भी बैगा आदिवासी परिवार वर्षों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित जंगलों के बीच रहने को मजबूर है. अनूपपुर जिले के ग्राम पंचायत बाडीखार में मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ सीमा के घने जंगलों के बीच बैगा परिवार रहते हैं. जो मूलभूत सुविधाएं जैसे रोड लाइट पानी से वंचित है. (mp anuppur badikhar village)
मूलभूत सुविधाओं से वंचित बैगा परिवार: गांव के बैगा परिवारों ने बताया कि, यहां कई वर्षों से घने जंगलों के बीच रहते हैं. बरसात के समय आवागमन पूरी तरह बंद हो जाता है. घने जंगलों में जंगली जानवरों का डर बना रहता है. इसके कारण बच्चे ना तो आंगनबाड़ी और ना ही स्कूल जाते हैं. ग्राम पंचायत से राशन के अलावा कुछ नहीं मिलता. रोजगार के लिए खेत खलिहान में जाकर मजदूरी करना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि, आज तक कितने सरपंच बने लेकिन कोई हाल जानने नहीं पहुंचा.
MP Anuppur : बिजली व सड़क को मोहताज बैगा बाहुल्य अनूपपुर जिले का पचरीपानी का गांव
सरपंच बोले पहली बार जीता हूं: ग्राम पंचायत बाडीखार सरपंच रामखेलावन सिंह ने बताया कि, पहली बार में सरपंच का चुनाव जीत कर आए हैं. बैगा परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. इसकी जानकारी है. सरपंच ने कहा कि, शासन-प्रशासन से मांग करूंगा कि, लाइट, पानी, सड़क की सुविधा उपलब्ध करवाने का प्रयास करें. गांव से ही छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा लग जाती है. जिससे आज भी कई वर्षों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित है.(Anuppur baiga deprived of basic amenities) (Anuppur baiga)