अनूपपुर। राज्य सरकार कोरोना को लेकर जागरूक और सतर्क है. राज्य के बाहर से आने वाले लोगों का राज्य के सीमा पर थर्मल स्क्रिनिंग और विशेष परिस्थिति में कोरोना जांच करने के बाद ही राज्य में प्रवेश दिया जा रहा है. लेकिन जांच के लिए कार्यरत कर्मचारियों को मुलभूत सुविधा ना मिलने की भी शिकायत आ रही है.
खुले आसमान के नीचे गर्मियों में ड्यूटी करने की मजबूरी
कोरोना संक्रमण को देखते हुए छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे हुए अनूपपुर जनपद के ग्राम बरतराई में आने-जाने वाले व्यक्तियों की थर्मल स्कैनिंग तथा जांच के लिए जांच चौकी की व्यवस्था की गई है. जांच चौकी पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध ना होने से यहां कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को खुले आसमान के नीचे गर्मियों में ड्यूटी करने को मजबूर होना पड़ रहा है. हर दिन यहां पुलिस तथा स्वास्थ्य विभाग एवं राजस्व विभाग के कर्मचारी 24 घंटे तीन शिफ्ट में अपनी सेवाएं दे रहे हैं । इस दिन-रात की ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के लिए धूप और बारिश से बचने के लिए एक टेंट तक ही व्यवस्था नहीं की गई है. आलम यह है कि जांच में लगे कर्मचारियों और पुलिस के जवानों को धूप से थोड़ी राहत लेने के लिए की आसपास के पेड़ों का सहारा लेना पड़ता है.
दो हफ्ते बाद भी उपलब्ध नहीं हो पाया टेंट
बता दें कि 10 अप्रैल से जिला कलेक्टर के निर्देश के बाद यहां पर जांच चौकी लगाई गई है. हालात यह है कि 14 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक विभागीय अधिकारियों द्वारा यहां टेंट की व्यवस्था नहीं की गई है. टेंट की उपलब्धता न होने के कारण तपती धूप में इन कर्मचारियों को पेड़ की छांव का ही सहारा लेना पड़ता है.
राजनगर में टेंट पर, बरतराई में पेड़ का ही सहारा
विभागीय अधिकारियों द्वारा एक ही कार्य में लगे दो जगहों पर कर्मचारियों को सुविधा देने में दोहरा बर्ताव किया जा रहा है. जहां एक तरफ मनेंद्रगढ़ मुख्य मार्ग पर स्थित राजनगर चेक पोस्ट में टेंट लगाया गया है वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्र में स्थित बरतराई चेक पोस्ट पर टेंट की सुविधा से कर्मचारियों को वंचित रखा गया है. मजबूरी में बरतराई चेक पोस्ट पर तैनात कर्मचारियों को धूप से राहत के लिए आसपास के पेड़ों का सहारा लेना पड़ रहा है.