ETV Bharat / state

Anuppur News: अमरकंटक तीर्थ क्षेत्र में भगवान आदिनाथ का मंदिर तैयार, जानें इसकी विशेषताएं

मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक तीर्थक्षेत्र में भगवान आदिनाथ का मंदिर बनकर तैयार हो गया है. 170 फीट ऊंचा यह मंदिर ओडिशी स्थापत्य कला शैली से बनाया गया है.

Anuppur News
भगवान आदिनाथ का मंदिर तैयार
author img

By

Published : Mar 21, 2023, 10:33 PM IST

आयोजन समिति के प्रचार मंत्री नीरज जैन

अनूपपुर। अमरकंटक में 170 फीट ऊंचे मंदिर का निर्माण कर विश्व की सबसे वजनी भगवान आदिनाथ की प्रतिमा स्थापित कराई गई है. जैन समाज के अथक प्रयासों से 20 वर्ष में यह भव्य मंदिर तैयार हुआ है. यह मंदिर ओडिशी स्थापत्य कला का प्रतिबिंब है. भूकंपरोधी होने के साथ-साथ इस मंदिर में सीमेंट का भी उपयोग नहीं किया गया है. मंदिर का शुभारंभ 25 मार्च से 2 अप्रैल तक पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव के दौरान होगा. इस आयोजन में शामिल होने देश-विदेश से जैन समाज के लोग अमरकंटक पहुंचेंगे.

मंदिर की विशेषताएं: मंदिर की आधारशिला 6 नवंबर 2003 को तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत ने आचार्य श्री विद्यासागर के साथ रखी थी. समुद्र सतह से लगभग 3500 फीट की ऊंचाई पर मैकल पर्वतमाला के शिखर अमरकंटक पर मंदिर का निर्माण हुआ है. सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया है. पत्थरों को तराशकर गुड़ के मिश्रण से चिपकाया गया है. दीवारों, मंडप व स्तंभों में आकर्षक मूर्तियां बनाई गई हैं. अष्टधातु से ढली तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की प्रतिमा विश्व में सबसे वजनी 24 टन की है, जो अष्टधातु के 28 टन वजनी कमल पर विराजमान है. प्रतिमा और कमल का कुल वजन 52 टन है. साल 1994 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में इस मूर्ति को ढाला गया था. राजस्थान के बंसी पहाड़ के गुलाबी पत्थरों से ओडिशी शैली में यह मंदिर बनाया गया है. भूकंप के प्रभाव से यह मंदिर पूरी तरह सुरक्षित है.

25 से पंचकल्याणक गजरथ महोत्सवः जैन मंदिर में स्थापित भगवान आदिनाथ की प्रतिमा का पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव 25 मार्च से आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के ससंघ सानिध्य में होगा. अमरकंटक जैन मंदिर में 25 मार्च को जाप, स्थापना, घट यात्रा तथा ध्वजारोहण होगा. 26 मार्च को सरलीकरण, इंद्रा प्रतिष्ठा, गर्भ कल्याणक (पूर्वरूप), 27 मार्च को गर्भ कल्याणक (उत्तर रूप), 28 मार्च को जन्म कल्याणक, 29 मार्च को तप कल्याणक, 30 मार्च को ज्ञान कल्याणक (पूर्वार्द्ध), 31 मार्च को ज्ञान कल्याणक (उत्तरार्द्ध), 1 अप्रैल को मोक्ष कल्याणक व फेरी, 2 अप्रैल को बिंब स्थापना, कलश रोहण, महा मस्तकाभिषेक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.

आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज पधारे: पवित्र नगरी अमरकंटक में 20 मार्च की सुबह 7:00 बजे आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज पहुंचे. जैसे ही भक्तों को खबर लगी कि आचार्य श्री विद्यासागर अमरकंटक आ रहे हैं तो जगह-जगह उनका स्वागत किया गया.

Must Read:- ये भी पढ़ें ...

निर्माण के समय क्रेन गिरने से हुआ था हादसाः अप्रैल 2015 में इस मंदिर के निर्माणकार्य में लगी क्रेन तेज हवाओं की वजह से गिर जाने के कारण 7 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस घटना में एक ही परिवार के 5 लोगों की जान चली गई थी, जो अपने पिता की अस्थि विसर्जन करने अमरकंटक पहुंचे थे.

आयोजन समिति के प्रचार मंत्री नीरज जैन

अनूपपुर। अमरकंटक में 170 फीट ऊंचे मंदिर का निर्माण कर विश्व की सबसे वजनी भगवान आदिनाथ की प्रतिमा स्थापित कराई गई है. जैन समाज के अथक प्रयासों से 20 वर्ष में यह भव्य मंदिर तैयार हुआ है. यह मंदिर ओडिशी स्थापत्य कला का प्रतिबिंब है. भूकंपरोधी होने के साथ-साथ इस मंदिर में सीमेंट का भी उपयोग नहीं किया गया है. मंदिर का शुभारंभ 25 मार्च से 2 अप्रैल तक पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव के दौरान होगा. इस आयोजन में शामिल होने देश-विदेश से जैन समाज के लोग अमरकंटक पहुंचेंगे.

मंदिर की विशेषताएं: मंदिर की आधारशिला 6 नवंबर 2003 को तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत ने आचार्य श्री विद्यासागर के साथ रखी थी. समुद्र सतह से लगभग 3500 फीट की ऊंचाई पर मैकल पर्वतमाला के शिखर अमरकंटक पर मंदिर का निर्माण हुआ है. सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया है. पत्थरों को तराशकर गुड़ के मिश्रण से चिपकाया गया है. दीवारों, मंडप व स्तंभों में आकर्षक मूर्तियां बनाई गई हैं. अष्टधातु से ढली तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की प्रतिमा विश्व में सबसे वजनी 24 टन की है, जो अष्टधातु के 28 टन वजनी कमल पर विराजमान है. प्रतिमा और कमल का कुल वजन 52 टन है. साल 1994 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में इस मूर्ति को ढाला गया था. राजस्थान के बंसी पहाड़ के गुलाबी पत्थरों से ओडिशी शैली में यह मंदिर बनाया गया है. भूकंप के प्रभाव से यह मंदिर पूरी तरह सुरक्षित है.

25 से पंचकल्याणक गजरथ महोत्सवः जैन मंदिर में स्थापित भगवान आदिनाथ की प्रतिमा का पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव 25 मार्च से आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के ससंघ सानिध्य में होगा. अमरकंटक जैन मंदिर में 25 मार्च को जाप, स्थापना, घट यात्रा तथा ध्वजारोहण होगा. 26 मार्च को सरलीकरण, इंद्रा प्रतिष्ठा, गर्भ कल्याणक (पूर्वरूप), 27 मार्च को गर्भ कल्याणक (उत्तर रूप), 28 मार्च को जन्म कल्याणक, 29 मार्च को तप कल्याणक, 30 मार्च को ज्ञान कल्याणक (पूर्वार्द्ध), 31 मार्च को ज्ञान कल्याणक (उत्तरार्द्ध), 1 अप्रैल को मोक्ष कल्याणक व फेरी, 2 अप्रैल को बिंब स्थापना, कलश रोहण, महा मस्तकाभिषेक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.

आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज पधारे: पवित्र नगरी अमरकंटक में 20 मार्च की सुबह 7:00 बजे आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज पहुंचे. जैसे ही भक्तों को खबर लगी कि आचार्य श्री विद्यासागर अमरकंटक आ रहे हैं तो जगह-जगह उनका स्वागत किया गया.

Must Read:- ये भी पढ़ें ...

निर्माण के समय क्रेन गिरने से हुआ था हादसाः अप्रैल 2015 में इस मंदिर के निर्माणकार्य में लगी क्रेन तेज हवाओं की वजह से गिर जाने के कारण 7 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस घटना में एक ही परिवार के 5 लोगों की जान चली गई थी, जो अपने पिता की अस्थि विसर्जन करने अमरकंटक पहुंचे थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.