अनूपपुर। जिले के क्रीड़ा परिसर तिराहा के पास एक बड़ा हादसा देखने को मिला. जहां श्रद्धालुओं से भरा तेज रफ्तार वाहन अनियंत्रित होकर सीधा एक पेड़ से जा टकराया. हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि 6 घायल हुए हैं. बताया जा रहा है कि रीवा के ग्राम पूर्वा का सोनी परिवार सुबह 3 बजे कार से अमरकंटक के लिए रवाना हुआ था. वहीं सुबह लगभग 10.30 बजे के पास उनकी कार हादसे का शिकार हो गई. सभी घायलों को इलाज के लिए स्वास्थ्य केन्द्र अमरकंटक ले जाया गया, जहां उनकी हालत को गंभीर देखते हुए सभी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.
इलाज के आभाव में हुई दो अन्य की मौत
परिजन और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एंबुलेंस लगभग 2 घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची, जहां से सभी को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अमरंकटक ले जाया गया. स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा था, जिसके बाद सभी घायलों को एंबुलेंस और अन्य वाहन की मदद से जिला अस्पताल ले जाया गया. लेकिन यहां भी इलाज मिलने में काफी देरी हो गई, जिस वजह से दो की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि मौके पर सिर्फ एक ही व्यक्ति की मौत हुई थी.
बिना चोट आए हुई मौत
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक महिला और बालिका के शरीर में कोई भी चोट के निशान नहीं थे, लेकिन समय पर इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई. इतना ही नहीं सही उपचार नहीं मिलने की वजह से अन्य घायल भी तकलीफ से गुजर रहे थे. परिजनों ने प्रबंधन की लापरवाही की वजह से दो अन्य मौत होने की बात कही है.
दुर्घटना में 3 की मौत, 6 घायल
ग्राम पूर्वा जिला रीवा के सोनी परिवार से संतकुमार सोनी उम्र 45 वर्ष, उनकी पत्नी अल्का सोनी उम्र 40 वर्ष, पुत्री पलक सोनी उम्र 10 वर्ष की मृत्यु हो गई. जबकि जयप्रकाश सोनी उम्र 43 वर्ष, पूर्व सोनी उम्र 3 वर्ष, दिव्यांश सोनी उम्र 8 वर्ष, प्रवीण सोनी उम्र 37 वर्ष गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका इलाज जिला अस्पताल अनूपपुर में चल रहा है. वहीं दो अन्य घायलों की हालत थोड़ी बेहतर है.
सुनते ही पहुंचे कांग्रेस के पदाधिकारी
घटना की जानकारी मिलते ही युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष गुड्डू चौहान, विधानसभा अध्यक्ष राघवेन्द्र पटेल, महामंत्री राजीव, ब्लॉक अध्यक्ष सागर पटवी, मंडल अध्यक्ष सत्यम पटेल, समीर पयासी सहित अन्य पदाधिकारी जिला अस्पताल पहुंचे. गुड्डू चौहान ने जिला प्रशासन और सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि यह व्यवस्था है हमारे जिले की, जहां न तो समय पर इलाज मिल पाता है, न ही डॉक्टर अस्पताल में मौजूद रहते हैं, अगर समय पर इलाज मिल जाता तो दो जिंदगियां बच सकती थी.