अनूपपुर। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक में भारतीय विश्वविद्यालय संघ की जोनल शतरंज प्रतियोगिता (पश्चिम जोन-पुरुष वर्ग) का सफल आयोजन संपन्न हुआ. यह आयोजन पूरे 1 सप्ताह तक चला. जिसमें भारतीय विश्वविद्यालय संघ के पश्चिमी जोन की 70 विश्वविद्यालय के लगभग 500 शतरंज खिलाड़ियों ने भाग लिया. (Ravindra sethi won gold on single board)
महाराष्ट्र का रहा दबदबाः शतरंज के नियमों के अनुसार कुल 4 बोर्ड पर 7 राउंड खेले गए. जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र रविंद्र सेठी ने ने एकल बोर्ड पर स्वर्ण पदक जीता. टीम स्पर्धा में पुणे के सावित्रीबाईफुले विश्वविद्यालय ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. इस तरह पश्चिम जोन की प्रमुख चार टीमों में महाराष्ट्र का दबदबा बना रहा. बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के खिलाड़ियों ने टीम स्पर्धा में सातवां स्थान प्राप्त किया. इस आयोजन का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रकाश मणि त्रिपाठी, विशिष्ट अतिथि भारत सिंह चौहान (अध्यक्ष राष्ट्रमंडल शतरंज संघ), गुरमीत सिंह (चेयरमैन मध्य प्रदेश चेस एसोसिएशन भोपाल) तथा कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर अजय वाघ, सह-संयोजक, प्रो. तरुण कुमार ठाकुर एवं आयोजन सचिव डॉ. हरेराम पांडे के कर कमलों से हुआ था. (Maharashtra dominance in tournament)
जोश-जज्बे में कोई कमी नहीं लेकिन प्रोत्साहन का 'अकाल'
बड़ा दिलचस्प खेल है शतरंजः समापन सत्र की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रकाश मणि त्रिपाठी की अध्यक्षता एवं मुख्य अतिथि यशपाल सोलंकी (जूडो में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित) तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. अरुण कुमार (खेल वैज्ञानिक) के साथ-साथ कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर अजय वाघ, सह- संयोजक प्रोफेसर तरुण कुमार ठाकुर एवं सह-सचिव हरेराम पांडेय और शील मण्डल की अध्यक्ष शीला त्रिपाठी की उपस्थिति में संपन्न हुआ. इस अवसर पर कुलपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि "शतरंज का खेल सफेद और काले मोहरो से खेला जाता है, यह बड़ा दिलचस्प खेल है. जिसमें राजा सिर्फ एक घर चलता है और उसको बचाने के लिए पूरी सेना जी जान लगा देती है. यह खेल मजेदार तो तब होता है, जब एक प्यादा वजीर बनता है. (Team event savitribaiphule university champion)