अनुपपुर/भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुबह 7 बजे बुलाई गई अनूपपुर जिले की समीक्षा बैठक में जल जीवन मिशन को लेकर लक्ष्य से आधा ही काम होने को लेकर नाराजगी जताई है. बैठक में सीएम ने जब इसको लेकर सवाल किए तो जिले के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (ईई) ने गलत तथ्य पेश किए, इस पर सीएम ने नाराजगी जताते हुए ईई से बैठक में ही मांफी मांगने के निर्देश दिए. बैठक में सीएम ने जिले में सीएमओ न होने पर भी अप्रसन्नता व्यक्त की है. Annuppur Review Meeting
मीटिंग में जुड़े तीन प्रमुख सचिव: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में कहा कि, मां नर्मदा नदी को बचाने के लिए अतिक्रमण रोकना जरूरी है. इसके साथ ही सीएम ने अनूपपुर में शिशु मृत्यु दर को लेकर जिले में किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि, "पहले यह सबसे नीचे था, लेकिन अब अनूपपुर 11 वें नंबर पर आ गया है." बैठक में सीएम ने जल जीवन मिशन में टारगेट पूरा न होने को लेकर नाराजगी जताई, सीएम ने पूछा कि जब लक्ष्य 9435 का था, तो 4 हजार ही क्यों हो पाया? इस दौरान ईई ने इसको लेकर कई कारण बताए, लेकिन बाद में मीटिंग में जुडे प्रमुख सचिव ने ही उन्हें बीच में ही टोक दिया. सीएम ने ईई द्वारा गलत तथ्य रखने पर नाराजगी जताई और ईई से मांफी मांगने के लिए कहा, जिसके बाद ईई ने माफी मांगी. इस बैठक में नगरीय प्रशासन, पंचायत और पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव भी जुड़े.
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एक जिला एक उत्पाद में नहीं हुआ काम: एक जिला एक उत्पाद योजना में अनूपपुर जिले का चयन कोदो और टमाटर उत्पादन के लिए किया गया है, लेकिन डेढ़ साल में इसको लेकर बहुत ज्यादा काम नहीं हुआ. सीएम ने इस दिशा में बेहतर काम न होने को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि, "इसे गंभीरत से लें. मैं इससे बिलकुल भी संतुष्ट नहीं हूं." वहीं स्वास्थ्य को लेकर चर्चा के दौरान सीएम ने जिले में लंबी छुट्टी पर सीएमओ के जाने के बाद किसी को प्रभार न सौंपे जाने को लेकर भी कड़ी नाराजगी जताई है.