अलीराजपुर। नर्मदा परिक्रमा पर निकले ये हैं दंडवत बाबा इनका नाम दंडवत क्यों पड़ा ये इन तस्वीरों को देखकर आप समझ गए होंगे. महाराष्ट्र के रहने वाले बाबा बचपन से ही बाल ब्रह्मचारी बन गए थे. मां नर्मदा के प्रति श्रद्धा भाव इतना कि 18 अक्टूबर 2018 को नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से दंडवत होकर नर्मदा परिक्रमा शुरू की.
दंडवत बाबा का सफर अलीराजपुर जिले से होता हुआ अब धार जिले में पहुंचेगा. फैसला दोनों छोर दंडवत होकर नापने का है. अब तक 15 सौ किलोमीटर दंडवत यात्रा कर चुके हैं. करीब 1 साल बाद दंडवत बाबा अमरकंटक पहुंच जाएंगे. नर्मदा परिक्रमा नर्मदा के प्रवाह क्षेत्र के 5 किलोमीटर की परिधि में होती है.
नर्मदा किनारे के गांवों में जब दंडवत बाबा पहुंच रहे हैं, तो इन इलाके के ग्रामीण उनका स्वागत सत्कार करते हैं और उनकी साइकिल को गांव के युवा लेकर एक गांव से दूसरे गांव छोड़ते हैं. इलाके के लोगों में भी बाबा की आस्था को लेकर उत्साह है.
- महाराष्ट्र के पुणे जिले के गांव आलंदी के रहने वाले हैं 40 साल के बाल ब्रह्मचारी दंडवत बाबा.
- 18 अक्टूबर 2018 से नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से शुरू की थी बाबा ने दंडवत यात्रा.
- नर्मदा के दोनों छोरों कोसी परिक्रमा कर रहे हैं बाबा दंडवत.
- अब तक 65% यानी करीब 15 सौ किलोमीटर का सफर दंडवत कर 2 सालों में पूरा कर चुके हैं बाबा.
- अलीराजपुर जिले में बीते 4 दिनों से यात्रा जारी है, नर्मदा का एमपी में अंतिम जिला है अलीराजपुर.