अलीराजपुर। मध्यप्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र के आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले में आदिवासी समाज के एक भाई और बहन जूडो कराटे में कई मेडल जीत चुके हैं. अलीराजपुर के आदिवासी समाज से आने वाली बालिका श्वेता तोमर 5 साल की उम्र से जूडो कराटे खेलना सीख रही हैं. श्वेता के पिता एक शिक्षक हैं और उन्होंने अपनी बेटी को इस खेल में पूरा साथ दिया. हर कदम वे उसके साथ खड़े रहे. नतीजा ये निकला के श्वेता को आज प्रदेश और नेशनल स्तर पर जुडो कराटे में पहचान मिली है.
श्वेता ने इंटरनेशनल ओर नेशनल स्तर पर कई मेडल जीते हैं. श्वेता के साथ-साथ उसका छोटा भाई तुषार तोमर भी जूडो कराटे सीखने लगा और आज दोनों भाई बहन अभी से ही ब्लैक बेल्ट की उपाधि भी ले चुके हैं और ये दोनों भाई बहन अब भारत के लिए ओलंपिक खेलना चाहते हैं.
श्वेता तोमर में टीवी पर जापानी नाटकों और फिल्मों को देखकर कराटे का जुनून जागा. उनके इस जुनून को देखकर उनके पिता ने भी उनके लिए कोच की व्यवस्था की. वह अपने जुनून को लेकर कितनी फोकस हैं यह उनके मेडलस को देखकर पता चल जाता है.
अब श्वेता के पिता के पिता का कहना है कि वह चाहते हैं कि उनके बच्चे आगे ओलंपिक खेलें साथ ही जिले के और बच्चे भी इनसे प्रोत्साहित हों. उन्होंने प्रशासन से भी बच्चों की हर संभव मदद के लिए आगे आने की अपील की.
यह दोनों भाई बहन इंटरनेशनल और नेशनल लेवल पर इतने मेडल जीत चुके हैं कि अलमारी में भी अब जगह नहीं बची है. अलीराजपुर जिला आदिवासी बहुल इलाका है और ऐसे जिले में ऐसी प्रतिभाएं निकल रही हैं तो मध्यप्रदेश का नाम भी रोशन होता है. यह दोनों भाई बहन अब भारत के लिए ओलंपिक में गोल्ड जीतकर देश का नाम रोशन करना चाहते हैं.