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डॉक्टर ने मां की हालत गंभीर होने के बाद भी निभाया अपना दायित्व, लोगों ने की सराहना

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Published : May 20, 2020, 3:50 PM IST

कोरोना वायरस संकट के दौरान कई कोरोना कर्मवीर सामने आए हैं. जिनमें से एक अलीराजपुर जिले के आयुष चिकित्सक डॉक्टर वरुण सराफ. जिन्होंने कैंसर से जंग लड़ रही अपनी मां का ध्यान रखते हुए अपनी ड्यूटी की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है.

Doctor fulfills his responsibility after mother's condition is critical in alirajpur
डॉक्टर ने मां की हालत गंभीर होने के बाद भी निभाया अपना दायित्व

अलीराजपुर। कोरोना वायरस संकट के दौरान कई कोरोना कर्मवीर सामने आए है. जो अपनी जान की परवाह किए बिना लगातार कोरोना की जंग में शामिल हैं. ऐसा ही एक कोरोना कर्मवीर अलीराजपुर जिले के आयुष चिकित्सक डॉक्टर वरुण सराफा है. जिन्होंने कैंसर से जंग लड़ रही अपनी मां का ध्यान रखते हुए अपनी ड्यूटी की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है.

डॉक्टर सराफ की माता जो बीते दिनों घर में कैंसर की गंभीर बीमारी से जीवन और मृत्यु के बीच जूझ रही थीं. उस दौरान भी डॉक्टर वरूण ने पारिवारिक जिम्मेदारी के साथ-साथ अपने चिकित्सकीय दायित्व को पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ निभाया. जब घर में उनकी माताजी कैंसर की बीमारी से जूझ रही थी, तब भी वे कोरोना संकट के बीच पूरे समय और देर रात तक ड्यूटी पर तैनात रहकर अपना दायित्व निभाते रहे. इस दौरान उन्होंने ओपीडी के साथ-साथ शहर में बाहर से आने वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग और होम क्वारंटाइन संबंधित जिम्मेदारी को दिन-रात लगाकर पूरा किया, जो अब भी निरंतर जारी है.

डॉक्टर वरूण सराफ ने बताया कि, उनकी माताजी कैंसर की बीमारी से जूझ रही थीं, ऐसे में सुबह उन्हें दवाएं देकर अस्पताल के लिए निकल पड़ता था. इस दौरान दिन के साथ-साथ उन्होंने रात में भी ड्यूटी की. उन्होंने कहा कि, एक चिकित्सक के लिए कोरोना संकट के बीच मरीजों की सेवा करने से बढ़कर कोई दूसरा दायित्व नहीं हो सकता.

डॉ. सराफा ने कहा, उन्हें अपनी मां की गंभीर बीमारी और उनके स्वास्थ्य की चिंता लगी रहती थी, लेकिन कोरोना संकट के बीच अपने दायित्व को पूरी निष्ठा से निभाकर उन्होंने माना की अपनी मां की सेवा कर रहा हूं. अपनी मां के निधन के तीसरे दिन और 12वें कार्यक्रम के बाद वे तत्काल ड्यूटी पर पहुंच गए और आज भी वे पूरी लगन के साथ अपने दायित्व को निभा रहे हैं.

जिला आयुष अधिकारी डॉक्टर एनएस वास्कले ने बताया कि, डॉक्टर वरूण उनकी टीम के मेहनती और जुझारू युवा चिकित्सक हैं. सीएमएचओ डॉक्टर प्रकाश ढोके ने बताया कि, डॉक्टर वरूण लगनशील और जिम्मेदारी से अपने दायित्व को निभाने वाले चिकित्सक हैं. परिवार में परेशानी के बावजूद भी वे काम के लिए हमेशा तत्पर रहे.

अलीराजपुर। कोरोना वायरस संकट के दौरान कई कोरोना कर्मवीर सामने आए है. जो अपनी जान की परवाह किए बिना लगातार कोरोना की जंग में शामिल हैं. ऐसा ही एक कोरोना कर्मवीर अलीराजपुर जिले के आयुष चिकित्सक डॉक्टर वरुण सराफा है. जिन्होंने कैंसर से जंग लड़ रही अपनी मां का ध्यान रखते हुए अपनी ड्यूटी की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है.

डॉक्टर सराफ की माता जो बीते दिनों घर में कैंसर की गंभीर बीमारी से जीवन और मृत्यु के बीच जूझ रही थीं. उस दौरान भी डॉक्टर वरूण ने पारिवारिक जिम्मेदारी के साथ-साथ अपने चिकित्सकीय दायित्व को पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ निभाया. जब घर में उनकी माताजी कैंसर की बीमारी से जूझ रही थी, तब भी वे कोरोना संकट के बीच पूरे समय और देर रात तक ड्यूटी पर तैनात रहकर अपना दायित्व निभाते रहे. इस दौरान उन्होंने ओपीडी के साथ-साथ शहर में बाहर से आने वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग और होम क्वारंटाइन संबंधित जिम्मेदारी को दिन-रात लगाकर पूरा किया, जो अब भी निरंतर जारी है.

डॉक्टर वरूण सराफ ने बताया कि, उनकी माताजी कैंसर की बीमारी से जूझ रही थीं, ऐसे में सुबह उन्हें दवाएं देकर अस्पताल के लिए निकल पड़ता था. इस दौरान दिन के साथ-साथ उन्होंने रात में भी ड्यूटी की. उन्होंने कहा कि, एक चिकित्सक के लिए कोरोना संकट के बीच मरीजों की सेवा करने से बढ़कर कोई दूसरा दायित्व नहीं हो सकता.

डॉ. सराफा ने कहा, उन्हें अपनी मां की गंभीर बीमारी और उनके स्वास्थ्य की चिंता लगी रहती थी, लेकिन कोरोना संकट के बीच अपने दायित्व को पूरी निष्ठा से निभाकर उन्होंने माना की अपनी मां की सेवा कर रहा हूं. अपनी मां के निधन के तीसरे दिन और 12वें कार्यक्रम के बाद वे तत्काल ड्यूटी पर पहुंच गए और आज भी वे पूरी लगन के साथ अपने दायित्व को निभा रहे हैं.

जिला आयुष अधिकारी डॉक्टर एनएस वास्कले ने बताया कि, डॉक्टर वरूण उनकी टीम के मेहनती और जुझारू युवा चिकित्सक हैं. सीएमएचओ डॉक्टर प्रकाश ढोके ने बताया कि, डॉक्टर वरूण लगनशील और जिम्मेदारी से अपने दायित्व को निभाने वाले चिकित्सक हैं. परिवार में परेशानी के बावजूद भी वे काम के लिए हमेशा तत्पर रहे.

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