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अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही, वाटर कूलर में मिला मरा हुआ मेंढक

अलीराजपुर जिला चिकित्सालय में ही मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ का मामला सामने आया है. मेटरनिटी वार्ड के बाहर पीने के पानी के लिए रखे वाटर कूलर में मरा हुआ मेंढक मिला है. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मंच गया.

अस्पताल के वाटर कूलर में मिला मरा हुआ मेंढक
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Published : Sep 28, 2019, 12:02 AM IST

अलीराजपुर। जिला चिकत्सालय में अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां मेटरनिटी वार्ड के बाहर रखे वाटर कूलर में मरा हुआ मेढ़क मिला है. हैरानी की बात ये है कि इस पानी को जज्चा- बच्चा और मरीजों के परिजन पी रहे है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल में साफ-सफाई का कितना ध्यान रखा जाता है.

अस्पताल के वाटर कूलर में मिला मरा हुआ मेंढक

वाटर कूलर के पास दीवार पर चस्पा कागज, जिस पर वाटर कूलर की सफाई की तारीख और सफाई कर्मचारी का नाम का उल्लेख होना था, लेकिन जिम्मेदारों ने चस्पा कागज को ही हटा दिया. वहीं जब वाटर कूलर में गंदगी की खबर जब सिविल सर्जन डॉ. मंडल को लगी, तो उन्होंने आनन- फानन में वाटर कूलटर की सफाई करा दी. इतना हीं नहीं अस्पताल के डॉक्टर और अस्पताल प्रबन्धन अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए नजर आये.

ऐसे में सवाल यह उठता है कि मध्यप्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च कर रही है, वहीं प्रचार प्रसार के माध्यम से जनजागृति लाने के लिए भी काफी पैसे खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन अलीराजपुर जिले अस्पताल में मरीज गंदा और बदबूदार पानी पीने को मजबूर हैं. लिहाजा जहां मरीज अपनी बीमारी का इलाज कराने आते हैं, वहां पर ही मरीजों को एक और नई बीमारी गंदी, बदबूदार पानी के रूप में मिल रही है.

अलीराजपुर। जिला चिकत्सालय में अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां मेटरनिटी वार्ड के बाहर रखे वाटर कूलर में मरा हुआ मेढ़क मिला है. हैरानी की बात ये है कि इस पानी को जज्चा- बच्चा और मरीजों के परिजन पी रहे है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल में साफ-सफाई का कितना ध्यान रखा जाता है.

अस्पताल के वाटर कूलर में मिला मरा हुआ मेंढक

वाटर कूलर के पास दीवार पर चस्पा कागज, जिस पर वाटर कूलर की सफाई की तारीख और सफाई कर्मचारी का नाम का उल्लेख होना था, लेकिन जिम्मेदारों ने चस्पा कागज को ही हटा दिया. वहीं जब वाटर कूलर में गंदगी की खबर जब सिविल सर्जन डॉ. मंडल को लगी, तो उन्होंने आनन- फानन में वाटर कूलटर की सफाई करा दी. इतना हीं नहीं अस्पताल के डॉक्टर और अस्पताल प्रबन्धन अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए नजर आये.

ऐसे में सवाल यह उठता है कि मध्यप्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च कर रही है, वहीं प्रचार प्रसार के माध्यम से जनजागृति लाने के लिए भी काफी पैसे खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन अलीराजपुर जिले अस्पताल में मरीज गंदा और बदबूदार पानी पीने को मजबूर हैं. लिहाजा जहां मरीज अपनी बीमारी का इलाज कराने आते हैं, वहां पर ही मरीजों को एक और नई बीमारी गंदी, बदबूदार पानी के रूप में मिल रही है.

Intro:एंकरवाईस - अलीराजपुर जिला चिकित्सालय में मरीजों की जान के साथ हो रहा है खिलवाड़ बदबूदार व मरे हुए जीव जंतु युक्त पानी पीने को मजबूर है मरीज व उनके परिजन, कहने के नाम पर तो वाटर कूलर लगा रखा किन्तु वाटर कूलर में गंदगी का अंबार है देखिये क्या है पूरा मामला....
Body:बाइट- दिनेश सोलंकी,मरीज के परिजन
बाइट-सचिन पाटीदार,चिकित्सक, शिशुरोग,जिला चिकित्सालय अलीराजपुर
बाइट-आर.मंडल, सिविल सर्जनज़ जिला चिकित्सालय अलीराजपुरConclusion:

वीओ1 - जिला चिकित्सालय अलीराजपुर के मेटरनिटी वार्ड के बाहर रखा वाटर कूलर जिसमे गन्दगी के साथ ही मरा हुआ मेढ़क है जिसके देखकर लगता है यह कई दिनों से मरा हुआ पढ़ा है, ओर यही पानी मेटरनिटी वार्ड जहाँ बच्चे को जन्म देने वाली माँ व उसके बच्चे को शिफ्ट किया जाता है, वह इस पानी को पी रहे । वही हॉस्पिटल प्रबन्धन के जिम्मेदारो को खबर ही नही है जब की दिन में चार से पाँच मर्तबा अधिकारी इस वार्ड के पास से गुजरते है, लगता है प्रबन्धन सिर्फ कागजो पर साफ सफाई करवा रहे है। जिला मुख्यालय पर यह आलम है तो पूरे जिले का आप अनुमान लगा ही सकते हो।

बाइट-दिनेश सोलंकी, मरीज के परिजन

वीओ 2- वाटर कूलर के पास दीवार पर चस्पा कागज जिस पर वाटर कूलर की सफाई की दिनांक सफाई कर्मचारी का नाम का उल्लेख होना था किंतु जिम्मेदारों ने कागज चस्पा कर इति श्री कर दी। लापरवाह जिम्मेदार डॉक्टर व प्रबन्धन जो कि मरीजो की जान को मजाक बना कर अपने काम से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहै है।


बाईट - डॉ. सचिन पाटीदार (शिशु रोग विशेषज्ञ)

वीओ3 - ऐसे में सवाल यह उठता है कि मध्यप्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर करोड़ो रूपये खर्च कर रही है, वही प्रचार प्रसार के माध्यम से जनजागृति लाने के लिए भी करोड़ो रूपये भी खर्च कर रही है, किन्तु अलीराजपुर जिले में गंदगी व बदबूदार पानी पी रहे है मरीज व आम जनता, बरसात के मौसम में डॉक्टर हिदायत देते है कि ऊबला हुआ पानी पीओ, पानी को छान कर पीओ, जब कि डॉक्टर ही लापरवाही बरदते हुए से मरीजों को गंदा पानी पिला रहे है।

बाईट - डॉ. आर मंडल (सिविल सर्जन)

वीओ - वाटर कूलर में गंदगी की खबर जब सिविल सर्जन डॉ. मंडल को लगी तो साहब मीटिंग छोड़ आनन फानन में डॉ.रेवड़ियां, डॉ. पाटीदार व मैनेजमेंट प्रभारी तिवारी के साथ पहुचे ओर देखा के वाटर कूलर में तो मरा हुआ मेढ़क है जिसमे कीड़े भी पढ़ चुके है, साहब ने तत्कार सफाई कर्मी को बुलवाकर कूलर की साफ सफाई करवाई। किन्तु पूरे घटनाक्रम में सिविल सर्जन डॉक्टर साहब अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए नजर आए व पूरा मामला सफाई कर्मी के सर ढोलते हुए दिखे।
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