अलीराजपुर। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है. कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के पद पर कार्यरत सुनीता मसराम के खिलाफ आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों द्वारा रिश्वत की मांग किए जाने की शिकायत की है. इसके बाद जिला कलेक्टर ने प्राथमिक कार्रवाई करते हुए कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को निलंबित कर दिया है, वहीं इस मामले की जांच की जिम्मेदारी अपर कलेक्टर अधिकारी को सौंपी गई है. कलेक्टर ने एक सप्ताह के अंदर मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं.
कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पर रिश्वत लेने का आरोप: जिले के अलग-अलग इलाकों के कुल 5 स्वयं सहायता समूहों ने कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुनीता मसराम के खिलाफ शिकायत की है, उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी ने समूहों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें आवंटित करने और पीओएस मशीन उपलब्ध कराने के एवज में पैसे की मांग की है, इसमें नर्मदा स्वयं सहायता समूह जवानियां से 50 हजार रुपए और अन्य 4 समूहों से 5-5 हजार रुपए की मांग की है.
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अपर कलेक्टर को बनाया जांच अधिकारी: इन आरोपों की शिकायत के बाद कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुनीता मसराम को निलंबित किया है. 5 अप्रैल को आदेश जारी किया गया है, वहीं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के मुख्यालय का भार अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय जोबट को दिया गया है. इसके अलावा मामले की कार्रवाई के लिए अपर कलेक्टर को जांच अधिकारी बनाया गया है.
उज्जैन में आरक्षक गिरफ्तार: अभी शुक्रवार को ही लोकायुक्त उज्जैन की टीम ने शहर के थाना चिमनगंज के आरक्षक को 25 हजार रुपए की रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया था. आरक्षक पर आरोप था कि उसने साल 2019 में दर्ज हुए क्रिकेट के एक सटोरिए के विरुद्ध प्रकरण में डेढ़ लाख रुपए की डिमांड की थी, जिसकी जानकारी मिलते ही अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया.