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प्रशासन की अनदेखी का शिकार कंठान नदी, प्रदूषण की वजह से अस्तित्व पर खतरा

प्रशासन की अनदेखी के चलते आज कंठाल नदी सूखने के कगार पर है. नगर परिषद ने नदी में जल सहेजने के लिए गहरीकरण की योजना बनाई थी लेकिन नदी को स्वच्छ रखने की दिशा में आज तक कोई काम नहीं हुआ है.

नगर परिषद और लोगों की अनदेखी का शिकार बनी कंठान नदी
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Published : Nov 16, 2019, 8:37 PM IST

आगर । कंठाल नदी इन दिनों पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है. स्थिति ये बन गई है कि इसके पास से गुजरने वाले लोग उस रास्ते से परहेज कर रहे हैं. नदी में जल सहेजने के लिए निगम ने गहरीकरण की योजना बनाई थी लेकिन नदी को साफ रखने की दिशा में आज तक कोई काम नहीं हुआ. स्थिति ये है कि आज कंठाल नदी पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है.

प्रशासन की अनदेखी का शिकार कंठान नदी

नदी में मिल रहा नालों का पानी
स्थिति ये बन गई है कि सालों से इस नदी में नालों का पानी मिल रहा है. शहर के मेला ग्राउंड इलाके में नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर, ओंकारेश्वर महादेव मंदिर, जयेश्वर महादेव मंदिर, कोलेश्वर महादेव मंदिर, शीतला माता मंदिर, कालेश्वर भगवान का मंदिर और कई अन्य धार्मिक स्थल हैं, जिनके दर्शन के लिए हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु यहां आते है.

नदी किनारे लगा कचरे का अंबार
कंठाल नदी को प्रदूषित करने में परिषद् के ही सफाई कर्मचारी लगे है. कर्मचारी हर रोज अपने-अपने इलाके में सफाई करते हैं और बस्ती का सारा कचरा इकट्ठा कर नदी किनारे डाल देते हैं. जिससे नदी और प्रदूषित हो रही है.

आगर । कंठाल नदी इन दिनों पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है. स्थिति ये बन गई है कि इसके पास से गुजरने वाले लोग उस रास्ते से परहेज कर रहे हैं. नदी में जल सहेजने के लिए निगम ने गहरीकरण की योजना बनाई थी लेकिन नदी को साफ रखने की दिशा में आज तक कोई काम नहीं हुआ. स्थिति ये है कि आज कंठाल नदी पूरी तरह से प्रदूषित हो चुकी है.

प्रशासन की अनदेखी का शिकार कंठान नदी

नदी में मिल रहा नालों का पानी
स्थिति ये बन गई है कि सालों से इस नदी में नालों का पानी मिल रहा है. शहर के मेला ग्राउंड इलाके में नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर, ओंकारेश्वर महादेव मंदिर, जयेश्वर महादेव मंदिर, कोलेश्वर महादेव मंदिर, शीतला माता मंदिर, कालेश्वर भगवान का मंदिर और कई अन्य धार्मिक स्थल हैं, जिनके दर्शन के लिए हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु यहां आते है.

नदी किनारे लगा कचरे का अंबार
कंठाल नदी को प्रदूषित करने में परिषद् के ही सफाई कर्मचारी लगे है. कर्मचारी हर रोज अपने-अपने इलाके में सफाई करते हैं और बस्ती का सारा कचरा इकट्ठा कर नदी किनारे डाल देते हैं. जिससे नदी और प्रदूषित हो रही है.

Intro:आगर। सुसनेर की मुख्य जल धरोहर जीवनदायिनी कंठाल नदी इन दिनो पूरी तरह से प्रदुषित हो चुकी है। स्थिति यह बन रही है कि इसके पास से गुजरने तक में लोग कतरा रहे है, नदी का पानी दुर्गंध मार रहा है। नगर परिषद नदी में जल सहेजने के लिए गहरीकरण की योजना तो बनाती है लेकिन उसको स्वच्छ बनाने की दिशा में कोई पहल नहीं करती। नतीजन आज भी कंठाल नदी प्रदुषित होकर बह रही है।Body:यह स्थिति इसलिए बन रही है कि सालों से इस नदी में शहर के नालों का पानी मिल रहा है। इससे नदी के पानी का रंग भी पूरी तरह से काला-हरा पड गया है। उल्लेखनीय है कि नगर के मेला ग्राउण्ड क्षेत्र में नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर, ओंकारेश्वर महादेव मंदिर, जयेश्वर महादेव मंदिर, कोलेश्वर महादेव मंदिर, शीतला माता मंदिर, कालेश्वर भगवान का मंदिर तथा अग्रवाल समाज का सहित कई अन्य धार्मिक स्थल है जिनके दर्शन करने के प्रतिदिन सैकडो श्रृद्धालु यहां आना जाना करते है। मेला ग्राउण्ड क्षेत्र में नदी में बदबूदार पानी एकत्रित होने से श्रृद्धालुओं को दुर्गंध का सामना करना पड रहा है। परिषद ने यहां श्रीराम घाट का निर्माण तो कर दिया किन्तु नदी के पानी को शुद्ध करने की योजना नहीं बनाई, इसलिए कुछ लोग इसी गंदे पानी में स्नान भी कर रहे है।

नदी किनारे लगा रखे है कचरे के ढेर

कंठाल नदी को प्रदुषित करने में परिषद के की सफाई कर्मचारी लगे हुएं है। कर्मचारी हर रोज अपने-अपने हल्के में सफाई करते और बस्ती का सारा कचरा एकत्रित करके नदी के किनारे डाल देते है। थोडे- बहुत दिनों में यह ढेर बढा हो जाता है। जो नदी में मिल जाता है। इससे नदी में बचा हुआ पानी भी प्रदुषित हो जाती है। जिसे अब पशु व अन्य जानवर भी अपनी प्यास नहीं बुझा पा रहे है।Conclusion:सामाजिक कार्यकर्ता दीपक भावसार ने बताया कि शाशन नदी केशुद्धिकरण की योजना नही बनाता, शहर के नालो का पानी इस नदी में मिल रहा है, जिससे वह प्रदूषित होती जा रही है,समय रहते इस ओर ध्यान देने की जरूरत है

इन नालों का पानी मिल रहा है नदी में
-         डाक बंगले से शुरू हुएं नालें का पानी नदी में मिल रहा है। जिसमें मैना रोड, सिंचाई विभाग, हरिजन कालोनी, डाक बंगला रोड का गंदा पानी मिलता है।
-         नवीन बस स्टेण्ड, पांच पुलिया, सब्जी मण्डी, मालीपुरा का पानी नरबदिया नाला के जरीए नदी में मिल रहा है।
-         महुडी दरवाजा, अड्‌डा गली, कुम्हार गली, खिडकी दरवाजा, मेला ग्राउण्ड ये ऐसे इलाकें है जो नदी के पास है, इन क्षेत्रों का सारा पानी छोटे-मोट नालों के जरीए नदी में मिल रहा है।


नगर परिषद सीएमओ हरिवल्लभ शर्मा ने कहा कि नदी क्षेत्र का दौरा कर उसके शुद्धिकरण के योजना बनाई जाकर उसे जल्द ही क्रियांवित किया जाएगा।

विज्युअल- मेंला ग्राउण्ड में नीलकंठेश्वर मंदिर के सामने नदी में एकत्रित हो रहा है दुर्गंधयुक्त पानी।शहरीसीमा क्षेत्र में इस तहर जगह-जगह प्रदुषित हो रही है नदी। नदी किनारे जगह जगह लगे है कचरे के ढेर।

बाईट- दीपक भावसार, सामाजिक कार्यकर्ता, सुसनेर
बाईट- हरिवल्लभ शर्मा, सीएमओ नगर परिषद सुसनेर।

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