आगर-मालवा। भक्त-भगवान के बीच रिश्ता ही ऐसा होता है कि भक्त भगवान के दर पर खिंचा चला जाता है. सुसनेर से 15 किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश और राजस्थान के सीमाई क्षेत्र में विध्यांचल पर्वत पर स्थित कालवा बालाजी मंदिर आस्था का केंद्र बना है, लोगों का मानना है कि यहां हाजिरी लगाने से सबकी मनोकामना पूरी हो जाती है. यही वजह है कि कई राज्यों से लोग यहां दर्शन करने पहुंचते हैं.
बालाजी महराज के इस मंदिर में हनुमानजी को दाल-बाटी का भोग लगाया जाता है, सालों से ये परंपरा चली आ रही है. कहा जाता है कि बालाजी महाराज भक्तों की सभी मन्नतें पूरी करते है. जिसके बाद भक्त मंदिर में भंडारा करवाते हैं. आगर जिल का ये धार्मिक स्थल अब धीरे-धीरे पर्यटन स्थल में तब्दील होता जा रहा है.
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है वातावरण
विध्यांचल पर्वत पर स्थित ये मंदिर दूर से ही दिखाई देता है. सावन माह में मंदिर के आस-पास हरियाली ही हरियाली नजर आती है. जिससे प्रकृति की अनुपम छटा देखने को मिलती है. जिसके चलते धीरे-धीरे ये मंदिर अब पिकनिक स्पाट भी बनता जा रहा है. मंदिर तक पहुंचने वाला कच्चा मार्ग भी जल्द ही बनने वाला है. स्थानीय विधायक ने मंदिर तक भक्तों के पहुंचने के लिए सड़क बनवाने को स्वीकृति दिलाई है.