आगर मालवा। इस साल भी दीपावली पर होने वाली अतिशबाजी पर महंगाई का असर पड़ रहा है. इस पर्व का मजा बिना पटाखों के नहीं आता है. वहीं विदेशी पटाखों का बहिष्कार करने के लिए सुसनेर के दुकानदारों ने स्वदेशी पटाखे बेचने का निर्णय लिया है.
दुकानदारों के इस निर्णय के बाद पूरा पटाखा बाजार स्वदेशी पटाखों से सजा गया है. पटाखा व्यापारी के अनुसार पिछले साल की तुलना में 15-20 प्रतिशत पटाखे महंगे हुए हैं. साथ कुछ ऐसे पटाखे आए हैं, जो बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेंगे, इसमें पप्पू शावर और रोबिन्स क्रेजी पॉप जैसे पटाखे शामिल हैं.
पटाखा दुकान के संचालक नरेश वर्मा और असलम उवान ने बताया कि इस साल कोई भी व्यापारी चायना के पटाखे नहीं बेच रहा है. उन्होंने बताया कि चायना के पटाखे नुकसान करते है, क्योंकि इन पटाखों में पोटाश की मात्रा अधिक होती है, जिससे पर्यावरण के साथ शरीर को भी नुकसान होता है. वहीं नगर परिषद् के द्वारा आगजनी की घटना पर काबू पाने के लिए दमकल और पानी का टैंकर भी खड़ा किया गया है.
स्वदेशी पटाखों से रोशन होगा दीपों का त्योहार, दुकानदारों ने किया विदेशी पटाखों का बहिष्कार
आगर मालवा में विदेशी पटाखों का बहिष्कार करने के लिए सुसनेर के दुकानदार स्वदेशी पटाखे बेच रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि चायना के पटाखे नुकसान करते हैं. दुकानदार ने बताया कि इस साल पटाखे 15-20 प्रतिशत ही महंगे हुए हैं.
आगर मालवा। इस साल भी दीपावली पर होने वाली अतिशबाजी पर महंगाई का असर पड़ रहा है. इस पर्व का मजा बिना पटाखों के नहीं आता है. वहीं विदेशी पटाखों का बहिष्कार करने के लिए सुसनेर के दुकानदारों ने स्वदेशी पटाखे बेचने का निर्णय लिया है.
दुकानदारों के इस निर्णय के बाद पूरा पटाखा बाजार स्वदेशी पटाखों से सजा गया है. पटाखा व्यापारी के अनुसार पिछले साल की तुलना में 15-20 प्रतिशत पटाखे महंगे हुए हैं. साथ कुछ ऐसे पटाखे आए हैं, जो बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेंगे, इसमें पप्पू शावर और रोबिन्स क्रेजी पॉप जैसे पटाखे शामिल हैं.
पटाखा दुकान के संचालक नरेश वर्मा और असलम उवान ने बताया कि इस साल कोई भी व्यापारी चायना के पटाखे नहीं बेच रहा है. उन्होंने बताया कि चायना के पटाखे नुकसान करते है, क्योंकि इन पटाखों में पोटाश की मात्रा अधिक होती है, जिससे पर्यावरण के साथ शरीर को भी नुकसान होता है. वहीं नगर परिषद् के द्वारा आगजनी की घटना पर काबू पाने के लिए दमकल और पानी का टैंकर भी खड़ा किया गया है.
दाम में वृद्धि हुई है
विगत कई वर्षो से पटाखो का व्यवसाय कर रहे मुस्फाअली बोहरा, नरेश वर्मा, मयंक जैन, असलम उवान, आशिक आदि ने बताया कि इस साल पटाखो के मूल्य में 15 से 20 प्रतिशत की बढोतरी हुई है। इसके कारण पटाखे महंगे हाे चले है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष पटाखो का आयात कम होने से माल महंगा हाे गया है।Conclusion:चायना के पटाखे करते है नुकसान
पटाखा दुकान के संचालक नरेश वर्मा व असलम उवान ने बताया कि इस साल कोई भी व्यापारी चायना के पटाखे बेचने के लिए लेकर नही आया है। इसके अलावा चायना के पटाखे नुकसान करते है। क्योकिं इन पटाखो में पोटाश की मात्रा अधिक होती है। जिससे पर्यावरण के साथ शरीर को भी नुकसान होता है। भारत का पैसा भारत मे ही रहे इसी उद्देश्य के साथ सभी व्यापरियों ने स्वदेशी पटाखे बेचने का निर्णय लिया है।
भाव लिस्ट
अायटम भाव
फुलझडी - 5 रूपए से लेकर 40 रूपए तक
चकरी - 30 रूपए से लेकर 200 रूपए तक
अनार - 30 रूपए से लेकर 200 रूपए तक
सुतली बम - 50 रूपए से 100 रूपए तक
बाबा बम - 10 रूपए से 300 रूपए तक
रोल व टिकडी - 10 रूपए से लेकर 30 रूपए तक
कलमदान - 15 रूपए से लेकर 50 रूपए तक
विज्युअल- स्वदेशी पटाखो से सजा पटाखा बाजार, पटाखे की खरीदारी करते हुएं ग्राहक।
सुरक्षा के मद्देनजर मेला ग्राउण्ड में तैनात दमकल और पानी का टेंकर।
बाईट- नरेश वर्मा, पटाखा व्यवसायी,सुसनेर।
बाईट- असलम उवान, पटाख व्यवसायी, सुसनेर।