आगर मालवा। तालाब जो एक समय में पानी का प्रमुख स्त्रोत होते थे. वे आज बिरले ही देखने को मिलते हैं, जो हैं भी उनकी देखभाल नहीं की जाती है. जिससे उनकी स्थिति दयनीय होती जा रही है. ऐसी ही हालत शहर के ऐतिहासिक धरोहर माने जाने लाले रत्नसागर तालाब की है. जहां जलकुंभियों ने एक बार फिर अपना डेरा जमाना शुरु कर दिया है. यदि समय पर ध्यान नहीं दिया गया, तो तालाब जलकुंभियों से पट जाएगा और इसे साफ करने के लिए प्रशासन को फिर लाखों रुपये खर्च करने पड़ेंगे.
बता दे कि, रत्नसागर तालाब शहर की ऐतिहासिक धरोहर है. जो शहर के बीचो बीच स्थित है और काफी विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ है. जोकि शहर की सुंदरता में चार-चांद लगा देता है. लेकिन इस तालाब देखभाल न होने कारण इसमें जलकुंभी अपना डेरा जमा लेती हैं. जिससे पूरा तालाब हरा-भरा खेल मैदान जैसा लगने लगता है. पिछले साल भी पूरे तालाब में जलकुंभी फैल गई थी. तब नगर पालिका ने 30 लाख रुपये में इस जलकुंभी को हटाने का ठेका दिया था. इसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि यदि समय से जलकुंभी को शुरुआती अवस्था में ही हटा दिया जाए, तो इन पैसों की बचत की जा सकती है.
तालाब में जलकुंभी ने अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया है. यदि समय पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो पूरे तालाब में जलकुंभी हो जाएगी. जिससे तालाब में बरसात का पानी नहीं समा पाएगा और बहकर नष्ट हो जाएगा. जिसका दुष्प्रभाव न सिर्फ जलस्तर में होता है, बल्कि बरसात के दिनों के बाद पानी की कमी भी हो जाती है.