आगर-मालवा। लॉकडाउन में सुबह कितनी छूट देनी है, किन पर शिकंजा कसना है, ये फैसला देर रात मीटिंग में लिया जा रहा है. ऐसे में कोरोना के इस जंग को जीतने के लिए पुलिस प्रशासन ने सोशल मीडिया को ही अपना हथियार बना लिया है.
फिलहाल लॉकडाउन में पुलिस के आला अधिकारियों के सामने बड़ी चुनौती केंद्र और राज्य सरकार के निर्देशों को हवलदार से लेकर सिपाही तक पहुंचाना है. वहीं गृह मंत्रालय से लेकर जिला प्रशासन के निर्णय चुनौतियों के हिसाब से आए दिन बदल रहे हैं.
सोशल मीडिया ग्रुप से कर रहे काम
निर्देशों को नीचे स्तर पर पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया में ग्रुप बनाकर अधिकारी सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं. एडीजीपी, डीआईजी और एसपी के बीच संवाद करने के लिए एक ग्रुप बनाया गया है. दूसरे ग्रुप में एसपी, एएसपी, सीएसपी और एसडीओपी जुडे़ हुए हैं.
तीसरे ग्रुप में एसपी और अन्य अधिकारियों के अलावा शहरी क्षेत्रों में काम करने वाले थाना प्रभारी और पुलिसकर्मियों को जोड़ा गया है. चौथा ग्रुप थाना स्तर का है, जिसमें सम्बंधित थाना क्षेत्र के सुरक्षा जवान जुड़े हुए हैं. पांचवा ग्रुप ऐसा है, जिसमें एसपी से लेकर थाना प्रभारी तक जुड़े हुए हैं. इसके अलावा पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी भी खुद सामाजिक, मीडिया और अन्य ग्रुपों से जुड़े हुए हैं.