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पुजारियों ने मंदिर को बगिया में किया तब्दील, पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

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Published : Oct 13, 2019, 11:52 PM IST

आगर मालव जिले की सुसनेर तहसील में देवी अहिल्या बाई द्वारा स्थापित ओंकारेश्वर मंदिर को पुजारियों ने हरी भरी बगिया में तब्दील कर दिया.

ओंकारेश्वर मंदिर

आगर मालवा। जिले की सुसनेर तहसील में कंठाल नदी के किनारे देवी अहिल्या बाई द्वारा स्थापित, ओंकारेश्वर मंदिर के पुजारियों ने मंदिर परिसर को बगिया का रुप देकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है.

ओंकारेश्वर मंदिर

बता दें मंदिर के पुजारी दिलीप शर्मा और गोविंद शर्मा ने तीन साल की मेहनत से इस मंदिर परिसर को बगिया का रूप दिया है. मंदिर में रातरानी, शमी, मोगरा, चमेली, आम, गुलाब, मोगरा, जैसे पेड़-पौधे लगाए गए हैं. साथ ही पुजारी दिलीप शर्मा ने प्रशासन से मंदिर की जर्जर हालत सुधारने की अपील की है.

आगर मालवा। जिले की सुसनेर तहसील में कंठाल नदी के किनारे देवी अहिल्या बाई द्वारा स्थापित, ओंकारेश्वर मंदिर के पुजारियों ने मंदिर परिसर को बगिया का रुप देकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है.

ओंकारेश्वर मंदिर

बता दें मंदिर के पुजारी दिलीप शर्मा और गोविंद शर्मा ने तीन साल की मेहनत से इस मंदिर परिसर को बगिया का रूप दिया है. मंदिर में रातरानी, शमी, मोगरा, चमेली, आम, गुलाब, मोगरा, जैसे पेड़-पौधे लगाए गए हैं. साथ ही पुजारी दिलीप शर्मा ने प्रशासन से मंदिर की जर्जर हालत सुधारने की अपील की है.

Intro:आगर। सुसनेर में कंठाल नदी के तट पर मेला ग्राउण्ड में स्थित देवी अहिल्याबाई द्वारा निर्मित ओंकोरेश्वर महादेव मंदिर के पुजारीयों ने तीन साल के भीतर ही मंदिर परिसर को बगीया का रूप देकर उसे हरा भरा कर दिया है। पुजारीयों की यह पहल लोगो को सकून तो दे ही रही है। साथ ही उन्है पर्यावरण के प्रति जागरूक भी कर रही है।Body:देवी अहिल्याबाई द्वारा निर्मित ओंकारेश्वर महादेव मंदिर आज न सिर्फ श्रृद्धालुओ की आस्था का केन्द्र बना हुआ है बल्की यहां आने वाले लोगो के लिए मनोरंजन का जरीया भी बन रहा है। करीब तीन साल पहले मंदिर के पुजारी पंडित गोविन्द शर्मा और दिलीप शर्मा ने सहयोगी लोगो की मदद से मंदिर परिसर में धीरे-धीरे हरियाली युक्त परिसर बनाने का बीडा उठाया। मंदिर परिसर में पौधे लगाएं, उसके बाद प्रतिदिन उनकी देखरेख की जाने लगी। पौधे थोडे बडे होने लगे तो लोग यहा एकांत वातावरण का आनंद उठाने के लिए पहुंचने लगे। आज यह मंदिर परिसर बगीया का रूप ले चुका है। मंदिर के पुजारी की इस पहल से अन्य लोग प्रेरणा लेकर पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे है।Conclusion:परिसर में है कई मंदिर

वैसे तो मेला ग्राउण्ड क्षेत्र में ही तीन अलग- अगल शिवजी के मंदिर है। साथ ही इस बगीया के परिसर में ही ओंकारेश्वर महादेव मंदिर के अलावा एक गणपति का मंदिर व वर्षो पुरानी एक संत की समाधी भी है। जिसे लोग नाथ जी कूटीया के नाम से जानते है।

बगीया में हर प्रकार के पेड- पौधे

मंदिर के पुजारी दिलीप शर्मा और गाेविन्द शर्मा ने तीन साल की मेहनत से इस मंदिर परिसर को बगीया का रूप दिया है। दो साल के अन्दर उन्होने यहां पर रातरानी, शमी, मोगरा, चमेली, आम, दिन का राजा, पीपल, नीम, आम, नारियल, गुलाब, मोगरा, सफेद आंकडा सहित कई प्रकार के पेड पौधे लगा रखे है। जिनकी प्रतिदिन देखरेख की जाती है।

पुजारी दिलीप शर्मा का कहना गए है कि मंदिर शाशन के अधीन है फिर भी उपेक्षा का शिकार हैं, इस और ध्यान देना चाहिए,

विज्युअल- इस तरह हरा भर दिखाई दे रहा है मंदिर परिसर।
देवी अहिल्याबाई द्वारा स्थापित ओंकारेश्वर महादेव, मंदिर की आरती।

बाईट- दिलीप शर्मा, पुजारी ओंकारेश्वर महादेव मंदिर, सुसनेर।
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