आगर मालवा। मध्यप्रदेश के चुनावी गण में बात करते हैं, सूबे की सुसनेर विधानसभा क्षेत्र की. आगर मालवा जिले की सुसनेर विधानसभा सीट पर कांग्रेस को पिछले 20 सालों से हार का सूखा खत्म होने का इंतजार है. आगर विधानसभा सीट के बारे में परंपरा है कि इस सीट से जिस पार्टी का उम्मीदवार जीतता है, सरकार उसी पार्टी की बनती है. पिछले 6 चुनावों से यह परंपरा चली आ रही थी. हालांकि 2018 के चुनाव में इस सीट से 66 साल बाद पहला निर्दलीय उम्मीदवार चुना गया था.
कांग्रेस को पड़ी थी अनदेखी भारी: सुसनेर विधानसभा सीट पर 2018 के चुनाव में टिकट बंटवारे में मजबूत उम्मीदवार की अनदेखी भारी पड़ी. टिकट न मिलने से राणा विक्रम सिंह बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे और उन्होंने कांग्रेस के महेन्द्र परिहार को 27 हजार मतों के बड़े अंतर से हराया. राणा के पिता स्वर्गीय राणा नटवर सिंह और दादा स्वर्गीय राणा मानसिंह सुसनेर से विधायक रह चुके हैं. पिछले चुनाव में हार के चलते 20 सालों से चला आ रहा कांग्रेस की हार का सिलसिला भी खत्म नहीं हो सका. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीते राणा विक्रम सिंह ने बाद में कमलनाथ की सरकार को समर्थन दिया, लेकिन जून 2022 में वे बीजेपी में शामिल हो गए. आगामी विधानसभा चुनाव में राणा विक्रम सिंह को बीजेपी की तरफ से मजबूत दावेदार माना जा रहा है. उधर कांग्रेस से इस बार भैरोसिंह बापू तगड़ी दावेदारी कर रहे हैं. महेन्द्र सिंह परिहार भी दावेदारी कर रहे हैं.
मतदाता निर्णायक: वैसे आगर जिले की सुसनेर की पहचान संतरे की मिठास के लिए हैं. यहां के संतरों की फसल के लिए कई दूसरे राज्यों के खरीदार तक पहुंचते हैं. हालांकि क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं को लेकर लोगों को परेशान होना पड़ता है. इलाज के लिए लोगों को आसपास के बड़े जिलों का रूख करना पडता है. सुसनेर विधानसभा में सोंधिया, राजपूत और यादव समाज के मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं. यहां सौंधिया मतदाताओं की संख्या करीब 40 हजार है. सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 2 लाख 29 हजार 464 हैं. इसमें पुरूष मतदाता 1 लाख 19 हजार 142, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 10 हजार 317 है. थर्ड जेंडर की संख्या 5 है.