आगर मालवा। मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया एवं पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने ग्राम सालरिया स्थित गौ अभ्यारण्य पंहुचे और अभ्यारण्य की व्यवस्थाओ का जायजा लिया. दोनो मंत्री करीब एक बजे हेलीकॉप्टर से सालरिया पंहुचे और करीब 4 बजे भोपाल के लिए रवाना हो गए. इस दौरान दोनों मंत्रियों ने गौ-अभ्यारण्य एवं अनुसंधान केन्द्र सालरिया को आत्मनिर्भर बनाने के रोडमेप पर चर्चा की.
गौ-अभ्यारण्य पंहुचे दोनों मंत्रियों ने पंचायत, राजस्व, पशुपालन एवं वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक ली. गौ-अभ्यारण्य एवं अनुसंधान केंद्र को आत्मनिर्भर बनाने के रोडमैप पर विस्तृत चर्चा की. कार्यक्रम की रुपरेखा प्रवीण शिंदे ने पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से दी. बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री सिसौदिया ने कहा कि गौ-अभ्यारण्य एवं अनुसंधान केन्द्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय से कार्य करे. गौ-अभ्यारण्य को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाये. गौअभ्यारण का ऐसा विकास किया जाएगा कि पूरे देश की गौ-शालाओं में इस कंसेप्ट का उपयोग किया जाएगा.
उन्होंने जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में भूसा बैंक खुलवाकर भूसा रखने के निर्देश दिए. उन्होंने गौ-शाला में बाउंड्रीवॉल बनाने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजने के निर्देश दिए है. उन्होंने अभ्यारण्य परिसर के गौ-शेड़ो आदि में स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के लिए संबंधित विभाग को निर्देशित किया. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि ग्रामीणजनों का विकास हो, इसके लिए उनके हित मेंं संचालित योजनाओं को पात्रतानुसार उन तक पहुचाएं.
इस दौरान पशुपालन मंत्री पटेल ने कहा कि गौ-अभ्यारण्य सालरिया का सर्वांगीण विकास किया जाएगा. गौ-अभ्यारण्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार गुजरात के मॉडल पर तैयार किया जाएगा. इसके लिए प्रदेश सरकार ने चार विभाग जिसमे पंचायत, राजस्व, पशुपालन, वन विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गौ-अभ्यारण्य में गायों के लिए पर्याप्त भूसा, पेयजल आदि की व्यवस्था रखें. गायों की नियमित देख-रेख की जाए.
उत्पादों की होगी मार्केटिंग
डॉक्टर भारत पटेल ने कहा कि प्रदेश में एनआरएलएम अन्तर्गत गठित स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने अच्छा कार्य किया है. गौ-अभ्यारण्य सालरिया की प्लानिंग देखी है. प्रोजेक्ट के अन्तर्गत जो भी फर्टिलाइजर, एवं अन्य गौ अपशिष्टों का जितना उत्पाद बनेगा, उसके निर्यात की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी. गौ-अभ्यारण्य में बड़े पैमाने पर गौ-उत्पादों का निर्माण कर, उनकी मार्केटिंग कर आय-व्यय के अन्तर को कम किया जाकर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री की भी यही मंशा है. गौ-अभ्यारण को आत्मनिर्भर बनाने के प्रोजेक्ट को आगामी आठ माह में पूरा किया जाएगा. यहां हमे सभी तरह के उत्पाद से 100 टन उत्पाद प्रतिदिन प्राप्त हो सकता है. पानी, चारा की यहां कमी ना हो इसके पूरे प्रयास किए जाएंगे. मंत्री ने कहा कि हम यहां के उत्पादों की मार्केटिंग भी घर-घर करवाएंगे और पूरे देश में इन उत्पादों की प्रसिद्धी फैलाएंगे.
बैठक के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री सिसौदिया एवं पशुपालन मंत्री पटेल सहित अधिकारियों ने स्व- सहायता समूह एवं एनजीओ द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी के स्टॉलों का निरीक्षण किया. इस दौरान उत्पादों का अवलोकन कर स्व-सहायता समूहों के कार्य की प्रशंसा की. सभी ने अभ्यारण परिसर में गौ कास्ट निर्माण मशीन के संचालन का अवलोकन भी किया.