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मप्र लोकसेवा योग परीक्षा परिणाम की घोषणा के खिलाफ अजाक्स-सपाक्स संघ का ज्ञापन

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Published : Dec 27, 2020, 11:24 AM IST

आगर मालवा उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ जाकर मध्यप्रदेश लोकसेवा परीक्षा परिणाम घोषित करने से अजाक्स और सपाक्स संघ ने राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है.

Agar malwa
अजाक्स-सपाक्स संघ का ज्ञापन

आगर मालवा। उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ जाकर मध्यप्रदेश लोकसेवा परीक्षा परिणाम घोषित करने से नाराज अजाक्स और सपाक्स संघ ने शनिवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर राज्यपाल के नाम संबोधित एक ज्ञापन नायब तहसीलदार कपिल शर्मा को सौंपा.

ज्ञापन में बताया गया कि 21 दिसंबर को घोषित राज्य सेवा परीक्षा 2019 में संवैधानिक व्यवस्था के विरोध में और उच्च न्यायालय के विरोध में जाकर आरक्षित वर्ग के आवेदकों के हितों के साथ खिलवाड़ किया गया है. अनारक्षित मेरिट के आरक्षित वर्ग के लोगों को स्थान नहीं दिया गया है. इसी कारणवश हजारों आरक्षित वर्ग के लोग चयन प्रक्रिया से वंचित रह गए हैं. प्रदेश के 87 प्रतिशत आवेदकों के मात्र 50 प्रतिशत पदों में सीमित किया गया है, जबकि 13 प्रतिशत सामान्य आवेदकों को 50 प्रतिशत का अनुचित लाभ देकर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित कर आरक्षित वर्ग के आवेदकों के साथ अन्याय किया गया.

अपाक्स संघ के जिलाध्यक्ष जलील मुल्तानी ने बताया कि वर्ष 2019 में आयोजित मप्र लोकसेवा परीक्षा परिणाम में आरक्षित वर्ग के हितों के साथ खिलवाड़ किया गया है. साथ ही परीक्षा परिणाम घोषित करने में उच्च न्यायालय के आदेश का भी पालन नही किया गया है इसको लेकर अजाक्स व अपाक्स संघ द्वारा ज्ञापन दिया गया है.

आगर मालवा। उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ जाकर मध्यप्रदेश लोकसेवा परीक्षा परिणाम घोषित करने से नाराज अजाक्स और सपाक्स संघ ने शनिवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर राज्यपाल के नाम संबोधित एक ज्ञापन नायब तहसीलदार कपिल शर्मा को सौंपा.

ज्ञापन में बताया गया कि 21 दिसंबर को घोषित राज्य सेवा परीक्षा 2019 में संवैधानिक व्यवस्था के विरोध में और उच्च न्यायालय के विरोध में जाकर आरक्षित वर्ग के आवेदकों के हितों के साथ खिलवाड़ किया गया है. अनारक्षित मेरिट के आरक्षित वर्ग के लोगों को स्थान नहीं दिया गया है. इसी कारणवश हजारों आरक्षित वर्ग के लोग चयन प्रक्रिया से वंचित रह गए हैं. प्रदेश के 87 प्रतिशत आवेदकों के मात्र 50 प्रतिशत पदों में सीमित किया गया है, जबकि 13 प्रतिशत सामान्य आवेदकों को 50 प्रतिशत का अनुचित लाभ देकर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित कर आरक्षित वर्ग के आवेदकों के साथ अन्याय किया गया.

अपाक्स संघ के जिलाध्यक्ष जलील मुल्तानी ने बताया कि वर्ष 2019 में आयोजित मप्र लोकसेवा परीक्षा परिणाम में आरक्षित वर्ग के हितों के साथ खिलवाड़ किया गया है. साथ ही परीक्षा परिणाम घोषित करने में उच्च न्यायालय के आदेश का भी पालन नही किया गया है इसको लेकर अजाक्स व अपाक्स संघ द्वारा ज्ञापन दिया गया है.

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