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अनुसूचित जाति को कमलनाथ सरकार की नई सौगात, जाति प्रमाण पत्र पर लिखा जाएगा मेघवाल

प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आने वाले चमार जाति के लोगों को कमलनाथ सरकार ने नई सौगात दी है. जिसके तहत अब इनके जाति प्रमाण पत्र पर चमार के बदले मेघवाल लिखा जाएगा.

मुख्यमंत्री के साथ समाजजन
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Published : Aug 17, 2019, 10:11 PM IST

आगर। मध्यप्रदेश के मेघवाल समाज की बेहद पुरानी मांग मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूरी कर दी. अब पूरे प्रदेश में जाति प्रमाण पत्र पर जाति वाले कॉलम में चमार की जगह मेघवाल लिखा जाएगा, मुख्यमंत्री की इस पहल के बाद प्रदेश मेघवाल समाज खुश है.

कमलनाथ सरकार की नई सौगात

मध्यप्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया है कि राजस्व अभिलेख में चमार जाति अंकित है, वह मेघवाल जाति का प्रमाण पत्र जारी करने का आवेदन करता है और सक्षम अधिकारी जांच उपरांत ये पाता है कि सम्बंधित व्यक्ति मेघवाल जाति का है तो उसे मेघवाल जाति का जाति प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है.

मेघवाल समाज प्रतिनिधि मंडल और सुसनेर विधायक विक्रम सिंह राणा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए जाति प्रमाण पत्र में मेघवाल लिखे जाने की मांग की थी. जिसके बाद ये आदेश जारी किया गया है.

1996 के बाद से चमार जाति के लोगों ने अपने शासकीय दस्तावेजों, भवन, भूमि, बच्चों के स्कूल में नाम, अन्य दस्तावेजों में चमार जाति के स्थान पर मेघवाल जाति लिखना शुरू कर दिया था, लेकिन जाति प्रमाण पत्रों के मिलने में परेशानियां आ रही थी. जिसके चलते मेघवाल समाज लम्बे समय से इसकी मांग कर रहा था.

आगर। मध्यप्रदेश के मेघवाल समाज की बेहद पुरानी मांग मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूरी कर दी. अब पूरे प्रदेश में जाति प्रमाण पत्र पर जाति वाले कॉलम में चमार की जगह मेघवाल लिखा जाएगा, मुख्यमंत्री की इस पहल के बाद प्रदेश मेघवाल समाज खुश है.

कमलनाथ सरकार की नई सौगात

मध्यप्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया है कि राजस्व अभिलेख में चमार जाति अंकित है, वह मेघवाल जाति का प्रमाण पत्र जारी करने का आवेदन करता है और सक्षम अधिकारी जांच उपरांत ये पाता है कि सम्बंधित व्यक्ति मेघवाल जाति का है तो उसे मेघवाल जाति का जाति प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है.

मेघवाल समाज प्रतिनिधि मंडल और सुसनेर विधायक विक्रम सिंह राणा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए जाति प्रमाण पत्र में मेघवाल लिखे जाने की मांग की थी. जिसके बाद ये आदेश जारी किया गया है.

1996 के बाद से चमार जाति के लोगों ने अपने शासकीय दस्तावेजों, भवन, भूमि, बच्चों के स्कूल में नाम, अन्य दस्तावेजों में चमार जाति के स्थान पर मेघवाल जाति लिखना शुरू कर दिया था, लेकिन जाति प्रमाण पत्रों के मिलने में परेशानियां आ रही थी. जिसके चलते मेघवाल समाज लम्बे समय से इसकी मांग कर रहा था.

Intro:आगर। मध्यप्रदेश के मेघवाल समाज की बेहद पुरानी मांग मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूरी की है। इसके बाद अब पूरे प्रदेश में चमार जाति के लोगो को अब मेघवाल लिखा हुआ जाति प्रमाण पत्र मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री के द्वारा आदेश जारी किए गए है कि राजस्व अभिलेख में चमार जाति अंकित है और वह मेघवाल जाति का प्रमाण पत्र जारी करने का आवेदन करता है और सक्षम अधिकारी जांच उपरांत यह पाता है कि सम्बंधित व्यक्ति मेघवाल जाती का है तो उसे मेघवाल जाती का जाती प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है। मुख्यमंत्री की इस पहल के बाद प्रदेश मेघवाल समाज में खुशी की लहर है। यह मांग मुख्यमंत्री ने सुसनेर विधायक विक्रमसिंह राणा के साथ मिले मेघवाल समाज के प्रतिनिधि मंडल के द्वारा ज्ञापन सौपे जाने के बाद पूरी की है।Body:बता दें कि मेघवाल समाज के एक प्रतिनिधि मंडल ने विधायक विक्रमसिंह राणा के साथ वल्लभ भवन भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की और मेघवाल समाज की मांग को पूरा करने का अनुरोध किया। जिस पर तत्काल मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के अपर सचिव के के कातिया ने आदेश क्रमांक 7-34/2019/अा.प./1 प्रदेश के सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, सभी जिला कलेक्टरों तथा सभी संभागायुक्तो के नाम जारी कर इस बात के आदेश दिए है कि अगर कोई व्यक्ति मेघवाल जाति का प्रमाण पत्र जारी करने का आवेदन करता है। और सक्षम अधिकारी जांच उपरांत यह पाता है कि सम्बंधित व्यक्ति मेघवाल जाती का है तो उसे मेघवाल जाती का जाती प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है। इसको लेकर मेघवाल समाज के प्रदेश महामंत्री डॉ भवानीशंकर वर्मा लम्बे समय से प्रयास रत थे। मुख्यमंत्री मंत्री से मिले प्रतिनिधि मण्डल में राजकुमार जादमे ,संतोष जादमे, पिरूलाल जादमे ,रमेश चन्द्र भ्यांजा, भवंवलाल रैकवार ,अर्जुन जादमे केलाश चन्द्र बामनीया आदि प्रतिनिधि मण्डल सुसनेर विधायक मा राणा विक्रम सिंह गुड्डू भैया के नेतृत्व मै मिला मैघवाल समाज इसका श्रेय सुसनैर विधायक जी को दे रहा हैConclusion:अनुसुचित जाति की सुची के क्रमांक 14 पर दर्ज चमार जाती के लोगो को अभी तक जाती प्रमाण पत्र 1950 के रिकार्ड के आधार पर दिया जाता था। किन्तु 1996 के बाद से चमार जाती के लाेगो ने अपने शासकीय दस्तावेजो, भवन, भूमि, बच्चों के स्कूल में नाम, राशनकार्डो और अन्य दस्तावेजो में चमार जाित के स्थान पर मेघवाल जाति लिखना शुरू कर दिया। 1950 के रिकार्ड में चमार जाति का उल्लेख होने तथा वर्तमान रिकार्ड में मेघवाल जाति का उल्लेख होने के कारण जाति प्रमाण पत्रो के मिलने में परेशानीयां आ रही थी। जिसके चलते मेघवाल समाज लम्बे समय से इसकी मांग कर रहा था। क्षेित्रय विधायक के प्रयासाे से आखिरकार मुख्यमंत्री ने यह मांग पुरी कर दी है।

विज्युअल व फोटो-
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की मैघवाल समाज की मांग पूरी, मेघवाल समाज को आदेश की प्रति देते हुएं सीएम।
आदेश के साथ मेघवाल समाजजन।
आदेश की प्रतिलिपि।

बाईट- डॉक्टर भवानीशंकर वर्मा, प्रदेश महामंत्री, मेघवाल समाज।
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