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जिला अस्पताल में प्यास से तड़प रहे मरीज, शौचालयों पर लगा ताला, सूखे पड़े वाटर कूलर

मानसून की दस्तक के बावजूद पानी की किल्लत से मध्यप्रदेश को छुटकारा नहीं मिला है. जिला अस्पताल में पानी नहीं होने की वजह से शौचालयों में ताला लगा दिया गया है और वाटर कूलर सूखे की कगार पर खड़े हैं क्योंकि नगर पालिका ने भी पानी पहुंचाने से मना कर दिया है. जिसका खामियाजा इलाज के लिए अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों व तीमारदारों को भुगतना पड़ रहा है.

अस्पताल में पानी की किल्लत
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Published : Jul 24, 2019, 7:20 PM IST

आगर मालवा। प्रदेश सरकार हर नागरिक को पानी एवं बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का दावा कर चुकी है. जिसके लिए कानूनी मसौदा भी तैयार कर लिया है, पर इस सुविधा को हर नागरिक तक पहुंचाने का खाका सरकार अब तक नहीं खींच पायी है. जिसके चलते आगर जिले में पानी व स्वास्थ्य सेवाएं खुद ही दम तोड़ रही हैं क्योंकि यहां अस्पताल तो हैं, लेकिन पानी के अभाव में मरीजों-तीमारदारों की फजीहत हो रही है. जिला अस्पताल में नहाना-धोना तो दूर प्यास बुझाने पर भी आफत है. शौचालयों में ताला लगा है. वाटर कूलर सूखे पड़े हैं. मरीज से तीमारदार तक शौचालय के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं, जबकि पीने के पानी के लिए भी जद्दोजहद कर रहे हैं.

अस्पताल में पानी की किल्लत

14 करोड़ की लागत से बना नवीन जिला अस्पताल पानी की किल्लत से जूझ रहा है, पानी की कमी के चलते अस्पताल प्रबंधन ने आधे से अधिक शौचालयों में ताला जड़ दिया है. ज्यादातर वाटर कूलर सूखे पड़े हैं. जिसके चलते इलाज के लिए यहां आने वाले सैकड़ों मरीजों व तीमारदारों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है. तीन मंजिला बने इस भव्य अस्पताल में आधा दर्जन से अधिक वाटर कूलर लगे हैं, लेकिन सब के सब सूखे की चपेट में हैं और मरीजों के परिजन बाहर से खरीदकर पीने का पानी लाने को मजबूर हैं.

पानी की कमी के चलते शौचालयों की साफ-सफाई तक नहीं हो पा रही है. दुर्गंध के चलते मरीजों का जीना मुहाल हो गया है. लिहाजा अस्पताल प्रबंधन ने शौचालयों पर ताला लगवा दिया, ताकि कोई शौचालय का उपयोग न कर सके. पानी के अभाव में पूरा अस्पताल गंदा पड़ा है. जिससे खुद यहां के डॉक्टर भी परेशान हैं. जलापूर्ति के लिए अस्पताल परिसर में दो ट्यूबवेल भी लगवाये गए थे, लेकिन 600 फीट गहरे बोर के बावजूद पानी नहीं निकला. ऐसी स्थिति में नगर पालिका रोजाना टैंकरों से जलापूर्ति कर रहा था, जिसे अब बंद कर दिया है. अब अस्पताल अपनी प्यास बुझाये भी तो कैसे.

आगर मालवा। प्रदेश सरकार हर नागरिक को पानी एवं बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का दावा कर चुकी है. जिसके लिए कानूनी मसौदा भी तैयार कर लिया है, पर इस सुविधा को हर नागरिक तक पहुंचाने का खाका सरकार अब तक नहीं खींच पायी है. जिसके चलते आगर जिले में पानी व स्वास्थ्य सेवाएं खुद ही दम तोड़ रही हैं क्योंकि यहां अस्पताल तो हैं, लेकिन पानी के अभाव में मरीजों-तीमारदारों की फजीहत हो रही है. जिला अस्पताल में नहाना-धोना तो दूर प्यास बुझाने पर भी आफत है. शौचालयों में ताला लगा है. वाटर कूलर सूखे पड़े हैं. मरीज से तीमारदार तक शौचालय के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं, जबकि पीने के पानी के लिए भी जद्दोजहद कर रहे हैं.

अस्पताल में पानी की किल्लत

14 करोड़ की लागत से बना नवीन जिला अस्पताल पानी की किल्लत से जूझ रहा है, पानी की कमी के चलते अस्पताल प्रबंधन ने आधे से अधिक शौचालयों में ताला जड़ दिया है. ज्यादातर वाटर कूलर सूखे पड़े हैं. जिसके चलते इलाज के लिए यहां आने वाले सैकड़ों मरीजों व तीमारदारों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है. तीन मंजिला बने इस भव्य अस्पताल में आधा दर्जन से अधिक वाटर कूलर लगे हैं, लेकिन सब के सब सूखे की चपेट में हैं और मरीजों के परिजन बाहर से खरीदकर पीने का पानी लाने को मजबूर हैं.

पानी की कमी के चलते शौचालयों की साफ-सफाई तक नहीं हो पा रही है. दुर्गंध के चलते मरीजों का जीना मुहाल हो गया है. लिहाजा अस्पताल प्रबंधन ने शौचालयों पर ताला लगवा दिया, ताकि कोई शौचालय का उपयोग न कर सके. पानी के अभाव में पूरा अस्पताल गंदा पड़ा है. जिससे खुद यहां के डॉक्टर भी परेशान हैं. जलापूर्ति के लिए अस्पताल परिसर में दो ट्यूबवेल भी लगवाये गए थे, लेकिन 600 फीट गहरे बोर के बावजूद पानी नहीं निकला. ऐसी स्थिति में नगर पालिका रोजाना टैंकरों से जलापूर्ति कर रहा था, जिसे अब बंद कर दिया है. अब अस्पताल अपनी प्यास बुझाये भी तो कैसे.

Intro:आगर मालवा
-- जिला मुख्यालय पर करोड़ो रूपये की लागत से नवीन जिला अस्पताल भले ही बना दिया गया हो लेकिन सुविधाओं को लेकर अस्पताल आज भी अपने हालातों पर आंसू बहा रहा है। समय पर उपचार मिलने की तो बात दूर यहां आने वाले मरीजो व तीमारदारों को पीने के पानी जैसी भौतिक सुविधा तक नही मिल पा रही है। वही पानी की कमी के कारण अस्पताल प्रबंधन ने शौचालयों में भी ताले लगवा दिए। ऐसे में प्रतिदिन यहां आने वाले सेंकडो लोगो को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।


Body:बता दे कि बडौद रोड पर करीब 14 करोड़ रुपये की लागत से नवीन जिला अस्पताल का निर्माण किया गया है। यहाँ नियमानुसार मरीजो के लिए हर प्रकार की सुविधा होनी चाहिए लेकिन इन दिनों उपचार की सुविधा की तो बात दूर है मरीजो व उनके साथ आने वालों को पीने का पानी भी नसीब नही हो पा रहा है। तीन मंजिला इस भव्य अस्पताल में आधा दर्जन से अधिक वाटर कूलर लगे हुवे है लेकिन एक भी वाटर कूलर में पानी नही रहता है। अस्पताल में पानी न होने के कारण मरीजो के परिजन बाहर से खरीदकर पीने का पानी लाने को मजबूर है। वही पानी की कमी के कारण शौचालयों की साफ-सफाई तक कई दिनों से नही हुई है। दुर्गंध के कारण मरीजो व अन्य लोगो का जीना मुहाल हो गया है ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने सभी शौचालयों में ताले लगवा डियड ताकि कोई भी इन शौचालयों का उपयोग न कर सके। पानी के अभाव के कारण पूरा अस्पताल गंदा पड़ा है। हर जगह गंदगी देखने को मिल रही है। स्थिति यह है कि यहां पर चिकित्सक खुद परेशान हो गए है।।
यह भी बता दे कि पानी की पूर्ति के लिए अस्पताल परिसर में दो ट्यूबवेल खनन भी करवाये गए थे। करीब 600 फिट से भी अधिक की खुदाई की गई थी लेकिन इतनी गहराई होने के बावजूद पानी नही निकल पाया। इस स्थिति में नगर पालिका द्वारा प्रतिदिन पानी के टैंकरों से यहाँ जलापूर्ति की जा रही थी लेकिन शहर में जलापूर्ति करने के कारण कुछ दिनों से नगर पालिका से भी यहाँ पानी नही भेज पा रही इसीलिए अस्पताल में पानी की कमी निर्मित हो रही है।


Conclusion:जिला अस्पताल व्यवस्थापक डॉ शशांक सक्सेना ने बताया कि अस्पताल के दोनों ट्यूबवेल खनन में पानी खत्म हो चुका है वही नगर पालिका से भी जलापूर्ति नही हो रही ही ऐसे में अस्पताल प्रबंधन मरीजो को पानी उपलब्ध करवाने में अक्षम हो रहा है। इस कारण यहाँ पेयजल भी उपलब्ध नही हो पा रहा है। पानी कि कमी के कारण सफाई न होने के चलते शौचालयों में ताले लगवाने पड़े। जब बारिश होगी और ट्यूबवेल खनन रिचार्ज होंगे उसी के बाद शायद पानी की समस्या का निराकरण हो पायेगा।

बाइट- डॉ शशांक सक्सेना, व्यवस्थापक जिला अस्पताल आगर मालवा
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