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Margashirsha Amavasya 2022 के दिन बन रहे हैं 3 शुभ योग, आज इन उपायों के करने से बरसेगी कृपा

हिंदू धर्म शास्त्रों में हर माह में एक अमावस्या आती है (Margshirsha Amavsaya today). जिसका अपना महत्व है. मार्गशीर्ष मास की अमावस्या आज यानी 23 नवंबर बुधवार को है. शास्त्रानुसार आज के दिन दान का पुण्य प्राप्त होता है पितृ दोष से भी मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है.

Margashirsha Amavasya Etv Bharat
मार्गशीष अमावस्या Etv Bharat
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Published : Nov 23, 2022, 11:51 AM IST

भोपाल। मार्गशीर्ष माह को अगहन मास भी कहते हैं धार्मिक दृष्टि से यह मास बहुत महत्वपूर्ण माना गया है (Margshirsha Amavsaya today). इस महीने में दान,स्न्नान धर्म कर्म करने से व्यक्ति की आयु बढ़ती है, मन को शांति और स्थिरता प्राप्त होती है. ज्योतिष के अनुसार इस माह का संबंध मृगशिरा नक्षत्र से है इसलिए इस महीने का नाम मार्गशीर्ष रखा गया है. मार्गशीर्ष मास की अमावस्या तिथि आज है. अमावस्या के दिन पितरों को याद करने, उनका तर्पण करने और उनके निमित ब्राह्मण को भोजन कराने से भी लाभ होता है.

बन रहे ये योग-आज की अमावस्या तिथि की बात करें तो आज सुबह 6.35 से शुरू हो गई है और 24 नवंबर सुबह 4.35 बजे इसका समापन होगा. इस दौरान सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग, शोभन योग और अमृत काल जैसे महायोग का निर्माण हो रहा है. जिससे इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है. आज कुछ धार्मिक उपाय करेंगे तो घर-परिवार में सुख-शांति का संचार होगा और धन आगमन का योग भी बनेगा.

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शनिदेव होते हैं प्रसन्न-शास्त्रों के मुताबिक इस दिन शनिदेव की पूजा करने से शनिदोष का प्रभाव कम होता का है. वहीं सर्दी के मौसम में गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों को ऊनी वस्त्र दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और उनकी कृपा बनी रहती है.

पीपल की पूजा-पीपल में भगवान विष्णु का वास माना जाता है. मार्गशीर्ष अमावस्या (Margashirsha Amavasya 2022) के दिन सूर्योदय से पूर्व या सूर्यास्त के बाद पीपल की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. सूर्योदय के समय पीपल की जड़ को दूध और जल से सीचें और फिर सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए.

भोपाल। मार्गशीर्ष माह को अगहन मास भी कहते हैं धार्मिक दृष्टि से यह मास बहुत महत्वपूर्ण माना गया है (Margshirsha Amavsaya today). इस महीने में दान,स्न्नान धर्म कर्म करने से व्यक्ति की आयु बढ़ती है, मन को शांति और स्थिरता प्राप्त होती है. ज्योतिष के अनुसार इस माह का संबंध मृगशिरा नक्षत्र से है इसलिए इस महीने का नाम मार्गशीर्ष रखा गया है. मार्गशीर्ष मास की अमावस्या तिथि आज है. अमावस्या के दिन पितरों को याद करने, उनका तर्पण करने और उनके निमित ब्राह्मण को भोजन कराने से भी लाभ होता है.

बन रहे ये योग-आज की अमावस्या तिथि की बात करें तो आज सुबह 6.35 से शुरू हो गई है और 24 नवंबर सुबह 4.35 बजे इसका समापन होगा. इस दौरान सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग, शोभन योग और अमृत काल जैसे महायोग का निर्माण हो रहा है. जिससे इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है. आज कुछ धार्मिक उपाय करेंगे तो घर-परिवार में सुख-शांति का संचार होगा और धन आगमन का योग भी बनेगा.

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शनिदेव होते हैं प्रसन्न-शास्त्रों के मुताबिक इस दिन शनिदेव की पूजा करने से शनिदोष का प्रभाव कम होता का है. वहीं सर्दी के मौसम में गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों को ऊनी वस्त्र दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और उनकी कृपा बनी रहती है.

पीपल की पूजा-पीपल में भगवान विष्णु का वास माना जाता है. मार्गशीर्ष अमावस्या (Margashirsha Amavasya 2022) के दिन सूर्योदय से पूर्व या सूर्यास्त के बाद पीपल की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. सूर्योदय के समय पीपल की जड़ को दूध और जल से सीचें और फिर सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए.

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