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आगर मालवा: हड़ताल पर बैठे मंडी कर्मचारी, ज्ञापन सौंपकर रखी ये मांग - कलेक्टर अवधेश शर्मा

मॉडल एक्ट के विरोध में आगर मालवा के मंडी कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए हैं, जहां मुख्यमंत्री के नाम पर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर विभिन्न मांगे रखी गई.

Mandi employees on strike
हड़ताल पर बैठे मंडी कर्मचारी
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Published : Oct 1, 2020, 5:06 PM IST

आगर मालवा। मॉडल एक्ट के विरोध में कृषि उपज मंडी कर्मचारियों की हड़ताल नौवें दिन भी जारी रही, जहां कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय पहुंच कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर कलेक्टर अवधेश शर्मा को ज्ञापन सौंपा, जिसमें राज्य सरकार से मंडी कर्मचारियों के लिए 800 करोड़ रुपये के वेतन भत्ते सहित अन्य मांगे रखी गई. इस दौरान मंडी सचिव और कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी भी की.

इस समय सोयाबीन खरीदी का सीजन भी आरंभ हो चुका है. ऐसे में कृषि उपज मंडी बंद होने से किसान सोयाबीन बेचने के लिए काफी परेशान हो रहे हैं. आर्थिक परेशानी से जूझ रहे किसानों को औने-पौने दाम पर फुटकर व्यापारियों को अपनी उपज बेचनी पड़ रही है.

कृषि उपज मंडी के कर्मचारी मॉडल एक्ट के विरोध में 9 दिन से मंडी के मुख्य द्वार पर हड़ताल पर बैठे हुए है. मंडी कर्मचारियों का कहना है कि, मॉडल एक्ट के लागू होने से मंडी कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान तो होगा ही, साथ ही मंडी की आय भी काफी कम हो जाएगी. हालांकि इससे पहले भी कर्मचारियों ने हड़ताल की थी, तब सरकार की ओर से समस्या का समाधान निकालने के लिए 15 दिनों का समय मांगा गया था, लेकिन जब 15 दिन बाद भी समस्या हल नहीं हुई, तो दोबारा हड़ताल को शुरू किया गया.
कृषि उपज मंडी के सचिव एसएस रावत ने बताया कि, सरकार से ज्ञापन के जरिए मांग की गई है कि, मॉडल एक्ट से कर्मचारियों को सिर्फ नुकसान ही होगा. इसलिए सरकार कर्मचारियों के वेतन भत्ते के लिए 800 करोड़ रुपये का बजट लाए.

आगर मालवा। मॉडल एक्ट के विरोध में कृषि उपज मंडी कर्मचारियों की हड़ताल नौवें दिन भी जारी रही, जहां कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय पहुंच कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर कलेक्टर अवधेश शर्मा को ज्ञापन सौंपा, जिसमें राज्य सरकार से मंडी कर्मचारियों के लिए 800 करोड़ रुपये के वेतन भत्ते सहित अन्य मांगे रखी गई. इस दौरान मंडी सचिव और कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी भी की.

इस समय सोयाबीन खरीदी का सीजन भी आरंभ हो चुका है. ऐसे में कृषि उपज मंडी बंद होने से किसान सोयाबीन बेचने के लिए काफी परेशान हो रहे हैं. आर्थिक परेशानी से जूझ रहे किसानों को औने-पौने दाम पर फुटकर व्यापारियों को अपनी उपज बेचनी पड़ रही है.

कृषि उपज मंडी के कर्मचारी मॉडल एक्ट के विरोध में 9 दिन से मंडी के मुख्य द्वार पर हड़ताल पर बैठे हुए है. मंडी कर्मचारियों का कहना है कि, मॉडल एक्ट के लागू होने से मंडी कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान तो होगा ही, साथ ही मंडी की आय भी काफी कम हो जाएगी. हालांकि इससे पहले भी कर्मचारियों ने हड़ताल की थी, तब सरकार की ओर से समस्या का समाधान निकालने के लिए 15 दिनों का समय मांगा गया था, लेकिन जब 15 दिन बाद भी समस्या हल नहीं हुई, तो दोबारा हड़ताल को शुरू किया गया.
कृषि उपज मंडी के सचिव एसएस रावत ने बताया कि, सरकार से ज्ञापन के जरिए मांग की गई है कि, मॉडल एक्ट से कर्मचारियों को सिर्फ नुकसान ही होगा. इसलिए सरकार कर्मचारियों के वेतन भत्ते के लिए 800 करोड़ रुपये का बजट लाए.

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